मेरा नाम परेश है, मैं गुजरात से हूँ। मैं दिखने में बहुत आकर्षक हूँ। कोई भी लड़की मुझ देखते ही मुझ पर मर जाती है। मेरे लंड का साइज़ भी औसत से बड़ा है।
मेरे पड़ोस में एक कपल रहते हैं.. सूरज भैया और लीना भाभी, उनकी शादी को 4 साल हो गए हैं, अभी उनका कोई बच्चा नहीं है।
लीना भाभी से मेरी अच्छी बनती है, मैं अक्सर उनके काम करता रहता हूँ।
एक दिन में लीना भाभी के घर पर था। मैं उनकी अलमारी के पास खड़ा था.. तभी लीना भाभी आईं और उन्होंने अलमारी में से कुछ निकाला और अलमारी खुली छोड़ कर वहाँ से चली गईं।
मेरी नज़र उनकी खुली अलमारी पर पड़ी तो मैंने देखा कि पूरा बड़ा डिल्डो पड़ा था। जब मैं वो देख रहा था तो लीना भाभी की नज़र मुझ पर पड़ गई।
वो जल्दी से आईं उन्होंने अलमारी को फटाक से बंद कर दिया और शर्मा के चली गईं।
कुछ दिनों के बाद जब सूरज भैया अपने काम से दिल्ली गए। तो लीना भाभी ने मुझे बुलाया और कहा- तुम कुछ दिन यहीं मेरे पास रूक जाओ.. सूरज दिल्ली अपने काम से गया है।
मैंने फट से ‘हाँ’ कर दी। रात को जब हम दोनों ने खाना खा लिया तो हम दोनों सोफे पर बैठे हुए इधर-उधर की बातें करने लगे।
मैंने लीना भाभी से जानबूझ कर पूछा- भाभी उस दिन वो लम्बी सी क्या चीज थी?
लीना भाभी कुछ नहीं बोलीं।
मैंने फिर पूछा.. तब भी वो कुछ नहीं बोलीं।
थोड़ी देर बाद मैंने देखा कि लीना भाभी की आँखों में आंसू थे। वो बोलीं- सूरज ने 4 साल में मुझे कुछ नहीं दिया।
मैंने उन्हें चुप कराने लिए उनकी गाल से उनके आंसू पोंछने की कोशिश की तो भाभी मुझसे लिपट गईं।
मेरे मन में आज तक लीना भाभी के लिए कोई ग़लत सोच नहीं थी। वो मुझसे बहुत जोर लिपटी हुई थीं और मेरी छाती उनके चूचों से दबी हुई थी।
तभी भाभी मेरी कमर को सहलाने लगीं, अब मैं भी गर्म हो गया था, मैंने भी लीना भाभी को ज़कड़ लिया।
लीना भाभी ने मुझे प्यार से देखा और मेरे होंठों पर एक लम्बा सा किस किया, फिर हम दोनों एक-दूसरे को बेहताशा चूमने लगे।
काफी देर तक किस करने के बाद मैंने लीना भाभी के चूचों पर हाथ फेरना शुरू कर दिया और भाभी के मम्मों को कपड़ों के ऊपर से ही सहलाने लगा।
तभी लीना भाभी का हाथ मेरे कड़क हथियार पर चला गया और भाभी ने मुझे खड़ा होने के लिए कहा। मैं खड़ा हुआ तो लीना भाभी ने मेरी पैन्ट उतार दी।
अब लीना के सामने मैं चड्डी में था और मेरा कड़क लंड साफ़ साफ़ दिख रहा था। लीना भाभी मेरे लंड को अपने हाथ से सहलाने लगीं। मैंने भाभी के टॉप को उतारा और उनकी लैगी को भी उतार दिया।
अब लीना भाभी मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा और पैन्टी में ही थीं। लीना भाभी इस वक्त बहुत ही खूबसूरत लग रही थीं। फिर मैंने भाभी को पूरा नंगा किया और उन्हें किस करने लगा। लीना भाभी तो समझो पागल हो रही थीं।
फिर भाभी ने अपना एक चूचा मेरे मुँह से चुसवाते हुए कहा- परेश अब मुझे और ना तड़पाओ।
मैं चुदाई करने के आसन में हुआ और मैंने भाभी की टांगों को उठाया और लीना भाभी की बुर पर अपना लंड रख दिया।
लीना भाभी की बुर बहुत ही गोरी और टाइट थी। मैंने हल्का सा धक्का दिया.. तो मेरा लंड दो इंच अन्दर घुस गया।
भाभी चीख पड़ीं- आह.. आह.. उईई.. मार डाला परेश।
मैं रुक गया और कुछ देर मैंने कुछ नहीं किया। फिर मैंने ज़ोरदार धक्का मारा तो मेरा लंड लीना भाभी की बुर को फाड़ते हुए उनकी बच्चेदानी तक घुस गया।
लीना भाभी रो पड़ीं, मैंने धीरे-धीरे धक्का लगाना शुरू किए।
अब लीना भाभी भी मेरा साथ दे रही थीं। हम दोनों ने तकरीबन दस मिनट तक जबरदस्त चुदाई की। लीना भाभी तो इस बीच दो बार झड़ चुकी थीं। अब मेरा भी होने वाला था.. तो लीना भाभी को मैंने बताया- भाभी मेरा होने वाला है.. क्या करूँ?
लीना भाभी ने कहा- अन्दर ही छोड़ दो।
मैंने पूरा माल उनकी चूत में अन्दर ही छोड़ दिया और हम दोनों एक-दूसरे पर निढाल होकर लेट गए।
लीना भाभी ने मुझे ‘थैंक्स’ कहा और बोलीं- परेश आज तक मैं कुंवारी जैसी ही थी। अब मुझे इसी तरह ही प्यार करना आई लव यू..
मेरे पड़ोस में एक कपल रहते हैं.. सूरज भैया और लीना भाभी, उनकी शादी को 4 साल हो गए हैं, अभी उनका कोई बच्चा नहीं है।
लीना भाभी से मेरी अच्छी बनती है, मैं अक्सर उनके काम करता रहता हूँ।
एक दिन में लीना भाभी के घर पर था। मैं उनकी अलमारी के पास खड़ा था.. तभी लीना भाभी आईं और उन्होंने अलमारी में से कुछ निकाला और अलमारी खुली छोड़ कर वहाँ से चली गईं।
मेरी नज़र उनकी खुली अलमारी पर पड़ी तो मैंने देखा कि पूरा बड़ा डिल्डो पड़ा था। जब मैं वो देख रहा था तो लीना भाभी की नज़र मुझ पर पड़ गई।
वो जल्दी से आईं उन्होंने अलमारी को फटाक से बंद कर दिया और शर्मा के चली गईं।
कुछ दिनों के बाद जब सूरज भैया अपने काम से दिल्ली गए। तो लीना भाभी ने मुझे बुलाया और कहा- तुम कुछ दिन यहीं मेरे पास रूक जाओ.. सूरज दिल्ली अपने काम से गया है।
मैंने फट से ‘हाँ’ कर दी। रात को जब हम दोनों ने खाना खा लिया तो हम दोनों सोफे पर बैठे हुए इधर-उधर की बातें करने लगे।
मैंने लीना भाभी से जानबूझ कर पूछा- भाभी उस दिन वो लम्बी सी क्या चीज थी?
लीना भाभी कुछ नहीं बोलीं।
मैंने फिर पूछा.. तब भी वो कुछ नहीं बोलीं।
थोड़ी देर बाद मैंने देखा कि लीना भाभी की आँखों में आंसू थे। वो बोलीं- सूरज ने 4 साल में मुझे कुछ नहीं दिया।
मैंने उन्हें चुप कराने लिए उनकी गाल से उनके आंसू पोंछने की कोशिश की तो भाभी मुझसे लिपट गईं।
मेरे मन में आज तक लीना भाभी के लिए कोई ग़लत सोच नहीं थी। वो मुझसे बहुत जोर लिपटी हुई थीं और मेरी छाती उनके चूचों से दबी हुई थी।
तभी भाभी मेरी कमर को सहलाने लगीं, अब मैं भी गर्म हो गया था, मैंने भी लीना भाभी को ज़कड़ लिया।
लीना भाभी ने मुझे प्यार से देखा और मेरे होंठों पर एक लम्बा सा किस किया, फिर हम दोनों एक-दूसरे को बेहताशा चूमने लगे।
काफी देर तक किस करने के बाद मैंने लीना भाभी के चूचों पर हाथ फेरना शुरू कर दिया और भाभी के मम्मों को कपड़ों के ऊपर से ही सहलाने लगा।
तभी लीना भाभी का हाथ मेरे कड़क हथियार पर चला गया और भाभी ने मुझे खड़ा होने के लिए कहा। मैं खड़ा हुआ तो लीना भाभी ने मेरी पैन्ट उतार दी।
अब लीना के सामने मैं चड्डी में था और मेरा कड़क लंड साफ़ साफ़ दिख रहा था। लीना भाभी मेरे लंड को अपने हाथ से सहलाने लगीं। मैंने भाभी के टॉप को उतारा और उनकी लैगी को भी उतार दिया।
अब लीना भाभी मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा और पैन्टी में ही थीं। लीना भाभी इस वक्त बहुत ही खूबसूरत लग रही थीं। फिर मैंने भाभी को पूरा नंगा किया और उन्हें किस करने लगा। लीना भाभी तो समझो पागल हो रही थीं।
फिर भाभी ने अपना एक चूचा मेरे मुँह से चुसवाते हुए कहा- परेश अब मुझे और ना तड़पाओ।
मैं चुदाई करने के आसन में हुआ और मैंने भाभी की टांगों को उठाया और लीना भाभी की बुर पर अपना लंड रख दिया।
लीना भाभी की बुर बहुत ही गोरी और टाइट थी। मैंने हल्का सा धक्का दिया.. तो मेरा लंड दो इंच अन्दर घुस गया।
भाभी चीख पड़ीं- आह.. आह.. उईई.. मार डाला परेश।
मैं रुक गया और कुछ देर मैंने कुछ नहीं किया। फिर मैंने ज़ोरदार धक्का मारा तो मेरा लंड लीना भाभी की बुर को फाड़ते हुए उनकी बच्चेदानी तक घुस गया।
लीना भाभी रो पड़ीं, मैंने धीरे-धीरे धक्का लगाना शुरू किए।
अब लीना भाभी भी मेरा साथ दे रही थीं। हम दोनों ने तकरीबन दस मिनट तक जबरदस्त चुदाई की। लीना भाभी तो इस बीच दो बार झड़ चुकी थीं। अब मेरा भी होने वाला था.. तो लीना भाभी को मैंने बताया- भाभी मेरा होने वाला है.. क्या करूँ?
लीना भाभी ने कहा- अन्दर ही छोड़ दो।
मैंने पूरा माल उनकी चूत में अन्दर ही छोड़ दिया और हम दोनों एक-दूसरे पर निढाल होकर लेट गए।
लीना भाभी ने मुझे ‘थैंक्स’ कहा और बोलीं- परेश आज तक मैं कुंवारी जैसी ही थी। अब मुझे इसी तरह ही प्यार करना आई लव यू..