" हैवान "
दोस्तो यह दास्ताँ है एक माँ और बेटे की लेकिन इन को हम इंसान नहीं कह सकते कयोकि यह दोनों माँ बेटे जो कारनामे करते है वो कोई इंसान नहीं कर सकता कर सकता है.
कर सकता है तो कोई खूंखार दरिंदा या शैतान या कोई "हैवान".
यह दास्ताँ है, मासूम इंसानो के खून से भीगी हुई, माँ बेटे के पवित्रय रिश्ते को गन्दी नाली में घसीटती, खून के दरिया में बहती काम वासना में डूबने वाले पागल हैवानो की कहानी.
यह दास्ताँ है कत्लो गैरत की, वासना के गंदे से गंदे कारनामो की, नरक के शैतान भी जिन से डर जाए ऐसे खुनी दरिंदो की, यह दास्ताँ है इंसानियत की मौत की, यह दास्ताँ है हैवानो की, यह दास्ताँ है "हैवान" माँ बेटे की.