FRIEND"S WE R 38 36 COUPLE FROM INDORE WE LIKE GROUP FUN WITH COUPAL OR INCEST FAMILY"S .SO COUPLE AND INCEST FAMILY"S MAIL US THX U.
INJOY STORIE ON NO-1 SEX STORIES SITE WWW://DESIBEES.COM
इस साइट की एक ख़ास बात यह है कि यहां पर न केवल वासना से संबंधित लेख पढ़ने को मिलते हैं, इसके साथ ही इस साइट पर जन सामान्यकी मानसिकता, रूढ़िवादी विचारधारा और व्यक्तिगत अनुभव भी काफी सरल भाषा में प्रकाशित होते रहते हैं इसलिए सेक्स साइट होते हुए भीयह पाठकों की पसंदीदा साइट है।इस साइट की कहानियों और लेखों में बहुत ही गहरा अर्थ भी छिपा हुआ होता है। समाज का वो चेहरा भी दिखाईदे जाता है जिसे समाज अपने दिखावे के नक़ाब के पीछे छुपा कर रखता है। इसीलिए मनोरंजन के साथ साथ पाठकों का ज्ञानवर्धन भी होता रहताहै।इस साइट की लगभग हर श्रेणी की कहानियां उत्तम कोटि की होती हैं।अगर आपकोWWW.DESIBEES.COM वेबसाइट पसंद है। तो आपइस वेबसाइट को Whatsapp और Facebook पर अपने दोस्तों को शेयरकरें। आपका जितना सहयोग और प्यार हमें मिलेगा। हम भी उतनाही प्रयास करेंगे इस वेबसाइट को और भी ज्यादा मजेदार बनाने केलिए
मैं INCEST LOVER DESIBEES सेक्स स्टोरीज़ में आपका स्वागत करता हूं।
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राज है और में हरियाणा का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 19 साल है और मेरे घर में मेरी माँ, मेरा छोटा भाई और में रहता हूँ. मेरे पापा ज्यादातर बाहर रहते है इसलिए घर में हम तीनों ही होते है. मेरा छोटा भाई 5वीं क्लास में और में कॉलेज में पढ़ता हूँ. अब में आपको अपनी माँ के बारे बताता हूँ. मेरी माँ का नाम मधु है और उनकी उम्र 38 साल है. उनका रंग गोरा है और उनका फिगर साईज़ 35 है और उनकी हाईट 5 फुट 5 इंच है.
अब में आपको अपनी जो स्टोरी बताने जा रहा हूँ वो बिल्कुल सच्ची है. मेरा छोटा भाई स्कूल गया हुआ था और मेरे पापा हमेशा की तरह काम से बाहर दूसरे शहर में थे. उस दिन मेरी तबीयत खराब थी और में कॉलेज नहीं गया था. हमारे घर हमारा नौकर सुखविन्दर रोज़ काम करने आता था. उसकी उम्र 25 साल थी और रंग काला था और वो हरियाणवी था. मेरा रूम फर्स्ट फ्लोर पर था और मेरी माँ उस दिन नीचे सुखविन्दर से काम करवा रही थी. मेरी माँ ने उस दिन सलवार कमीज़ पहनी थी. हमेशा की तरह सुबह 10 बजे सुखविन्दर काम करने आया था. सुखविन्दर पहले भी रोज़ मेरी माँ को गंदी नज़र से देखता था. उस दिन में ऊपर अपने रूम के बाहर बालकनी में खड़ा था और मैंने देखा कि घर में एक और आदमी अंदर आया और उसने दरवाज़ा बंद कर दिया और लॉक लगा दिया.
फिर मैंने सोचा ये कर क्या रहा है? मैंने सोचा कोई गड़बड़ है. इतनी देर में मैंने देखा कि मेरी माँ को सुखविन्दर ने बेहोश कर दिया और नीचे रूम में ले गया. उसे लगा था कि में घर में नहीं हूँ. फिर मैंने सोचा कि में क्या करूँ? इतनी देर में सुखविन्दर का दोस्त भी आ गया. उसका नाम अमिष था और में यह सब ऊपर से देख रहा था. अब वो दोनों मेरी माँ को उठाकर रूम में ले गये और फिर में धीरे- धीरे सीढ़ियों से नीचे आया और उन्होंने रूम का दरवाजा अन्दर से बंद कर दिया था, लेकिन मुझे खिड़की से सब कुछ दिख रहा था.
उस खिड़की में से बाहर नहीं दिखता था. लेकिन अंदर सब दिखता था, अब में बाहर खड़ा होकर उनकी बातें भी सुन रहा था. सुखविन्दर ने अमिष से कहा कि गोली का असर 3 घंटे तक रहेगा और आज तो हम इसको खूब चोदेगें. मेरी माँ ने हरा सूट पहना था. अब सुखविन्दर सबसे पहले मेरी माँ के ऊपर लेट गया और ज़ोर-ज़ोर से माँ को स्मूच करने लग गया. अमिष पास में ही खड़ा था और में कुछ कर भी नहीं सकता था. इसमें माँ की और सबकी बदनामी थी. फिर मैंने देखा कि सुखविन्दर ने माँ की चुन्नी उठाकर साईड में फेंक दी और फिर अमिष भी मेरी माँ के बूब्स दबाने लग गया. अब वो दोनों बोल रहे थे कि कितने सॉफ्ट बूब्स है.
फिर अमिष और सुखविन्दर ने माँ के सूट को ऊपर से ऊतार दिया. माँ ने काले कलर की ब्रा पहने थी और सबसे पहले सुखविन्दर ने कहा कि में पहले सेक्स करूँगा, तू इतंजार कर. फिर सुखविन्दर ने माँ की सलवार भी उतार दी. अब माँ सिर्फ़ पेंटी और ब्रा में थी. अब सुखविन्दर माँ को स्मूच कर रहा था. अब मुझे ये देखकर बहुत मज़ा आ रहा था और में अपना लंड दबा रहा था. अमिष भी देखकर मज़े ले रहा था. फिर सुखविन्दर ने माँ की ब्रा भी उतार दी और माँ के निपल्स चूसने लग गया. माँ के निप्पल ब्राउन और बड़े थे.
फिर वो माँ को हर जगह किस कर रहा था और माँ को हर जगह चूस रहा था. फिर उसने माँ की पेंटी ऊतार दी और वो माँ की चूत को स्मेल करने लग गया और अमिष से बोला कितनी खुशबू आ रही है दिल करता है खा ही जाऊं. फिर वो माँ की चूत चूसने लग गया और मै बाहर खिड़की से खड़ा मज़े ले रहा था.
फिर सुखविन्दर ने अपना लंड बाहर निकाल लिया और उसका लंड काफ़ी बड़ा और काला था. अब वो मेरी माँ के ऊपर चढ़ गया और मेरी माँ के बूब्स के बीच में अपना लंड रगड़ने लग गया. वो बार-बार कह रहा था कि आज तो जन्नत नसीब हो गयी. फिर उसने कहा कि अब में इसको चोदूंगा तो उसने अपना लंड माँ की चूत में डाला और अन्दर बाहर करने लग गया. अब मेरी माँ थोड़ा-थोड़ा हिल रही थी, लेकिन उन्हें बिल्कुल होश नहीं था, मेरी माँ की चूत पर थोड़े से बाल थे और वो नंगी बहुत सेक्सी लग रही थी और सुखविन्दर ज़ोर-ज़ोर से मेरी माँ की चुदाई कर रहा था और उसने अपना वीर्य माँ की चूत के अंदर ही छोड़ दिया.
फिर वो अमिष से बोला कि चल अब तेरी बारी है फिर अमिष ने अपना लंड बाहर निकाला तो वो बहुत काला और कम से कम 8 इंच का था. वो सबसे पहले अपना लंड माँ के मुँह के पास लेकर आया और माँ के मुँह में डाल दिया और आगे पीछे करने लग गया और साथ में वो मेरी माँ के निप्पल दबा रहा था. फिर उसने अपना लंड बाहर निकाला और माँ के निप्पल पर रगड़ने लग गया.
फिर अमिष मेरी माँ के ऊपर लेट गया और माँ को स्मूच करने लग गया. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और अब मैंने बाहर मुठ मारनी शुरू कर दी. फिर वो माँ की नाभि और पेट पर जीभ फेरने लग गया और फिर वो धीरे-धीरे नीचे आया और बोला कि इसकी चूत कितनी मीठी और मस्त है. आज तो में इसे खा ही जाऊंगा और वो ज़ोर-ज़ोर से अपनी जीभ को माँ की चूत के अन्दर बाहर करने लग गया. फिर उसने अपना लंड माँ की चूत में डाल दिया और वो मेरी माँ को चोदने लग गया.
फिर 10 मिनट के बाद उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया और उसने मेरी माँ को उल्टा कर दिया और मुझे मेरी माँ की गांड साफ़ नज़र आ रही थी. वाहह क्या मस्त गांड थी? फिर उसने कहा कि आज में इसकी गांड मारूँगा.
फिर उसने अपनी जेब से ऑयल निकाला और मेरी माँ के कूल्हों और गांड पर लगाया और उसने अपना 8 इंच का लंड माँ की गांड में डाल दिया. अब वो ज़ोर-ज़ोर से माँ की गांड मार रहा था.
फिर उसने कहा कि में अपना माल अंदर ही छोडूंगा और उसने अपना वीर्य अन्दर ही छोड़ दिया. फिर सुखविन्दर ने और अमिष ने माँ को कपड़े पहना दिए ताकि बाद में शक ना हो और खुद ने भी अपने कपड़े पहन लिए. फिर वो बाहर आने लगे तो में फटाफट ऊपर चला गया और वो दोनों अपने घर चले गये. फिर शाम को माँ उठी तो वो बिल्कुल नॉर्मल थी, जैसे कुछ हुआ ही ना हो | तो दोस्तों ये मेरी सच्ची कहानी कैसी लगी प्लीज मुझे कमेंट कर बताये |
INJOY STORIE ON NO-1 SEX STORIES SITE WWW://DESIBEES.COM
इस साइट की एक ख़ास बात यह है कि यहां पर न केवल वासना से संबंधित लेख पढ़ने को मिलते हैं, इसके साथ ही इस साइट पर जन सामान्यकी मानसिकता, रूढ़िवादी विचारधारा और व्यक्तिगत अनुभव भी काफी सरल भाषा में प्रकाशित होते रहते हैं इसलिए सेक्स साइट होते हुए भीयह पाठकों की पसंदीदा साइट है।इस साइट की कहानियों और लेखों में बहुत ही गहरा अर्थ भी छिपा हुआ होता है। समाज का वो चेहरा भी दिखाईदे जाता है जिसे समाज अपने दिखावे के नक़ाब के पीछे छुपा कर रखता है। इसीलिए मनोरंजन के साथ साथ पाठकों का ज्ञानवर्धन भी होता रहताहै।इस साइट की लगभग हर श्रेणी की कहानियां उत्तम कोटि की होती हैं।अगर आपकोWWW.DESIBEES.COM वेबसाइट पसंद है। तो आपइस वेबसाइट को Whatsapp और Facebook पर अपने दोस्तों को शेयरकरें। आपका जितना सहयोग और प्यार हमें मिलेगा। हम भी उतनाही प्रयास करेंगे इस वेबसाइट को और भी ज्यादा मजेदार बनाने केलिए
मैं INCEST LOVER DESIBEES सेक्स स्टोरीज़ में आपका स्वागत करता हूं।
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राज है और में हरियाणा का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 19 साल है और मेरे घर में मेरी माँ, मेरा छोटा भाई और में रहता हूँ. मेरे पापा ज्यादातर बाहर रहते है इसलिए घर में हम तीनों ही होते है. मेरा छोटा भाई 5वीं क्लास में और में कॉलेज में पढ़ता हूँ. अब में आपको अपनी माँ के बारे बताता हूँ. मेरी माँ का नाम मधु है और उनकी उम्र 38 साल है. उनका रंग गोरा है और उनका फिगर साईज़ 35 है और उनकी हाईट 5 फुट 5 इंच है.
अब में आपको अपनी जो स्टोरी बताने जा रहा हूँ वो बिल्कुल सच्ची है. मेरा छोटा भाई स्कूल गया हुआ था और मेरे पापा हमेशा की तरह काम से बाहर दूसरे शहर में थे. उस दिन मेरी तबीयत खराब थी और में कॉलेज नहीं गया था. हमारे घर हमारा नौकर सुखविन्दर रोज़ काम करने आता था. उसकी उम्र 25 साल थी और रंग काला था और वो हरियाणवी था. मेरा रूम फर्स्ट फ्लोर पर था और मेरी माँ उस दिन नीचे सुखविन्दर से काम करवा रही थी. मेरी माँ ने उस दिन सलवार कमीज़ पहनी थी. हमेशा की तरह सुबह 10 बजे सुखविन्दर काम करने आया था. सुखविन्दर पहले भी रोज़ मेरी माँ को गंदी नज़र से देखता था. उस दिन में ऊपर अपने रूम के बाहर बालकनी में खड़ा था और मैंने देखा कि घर में एक और आदमी अंदर आया और उसने दरवाज़ा बंद कर दिया और लॉक लगा दिया.
फिर मैंने सोचा ये कर क्या रहा है? मैंने सोचा कोई गड़बड़ है. इतनी देर में मैंने देखा कि मेरी माँ को सुखविन्दर ने बेहोश कर दिया और नीचे रूम में ले गया. उसे लगा था कि में घर में नहीं हूँ. फिर मैंने सोचा कि में क्या करूँ? इतनी देर में सुखविन्दर का दोस्त भी आ गया. उसका नाम अमिष था और में यह सब ऊपर से देख रहा था. अब वो दोनों मेरी माँ को उठाकर रूम में ले गये और फिर में धीरे- धीरे सीढ़ियों से नीचे आया और उन्होंने रूम का दरवाजा अन्दर से बंद कर दिया था, लेकिन मुझे खिड़की से सब कुछ दिख रहा था.
उस खिड़की में से बाहर नहीं दिखता था. लेकिन अंदर सब दिखता था, अब में बाहर खड़ा होकर उनकी बातें भी सुन रहा था. सुखविन्दर ने अमिष से कहा कि गोली का असर 3 घंटे तक रहेगा और आज तो हम इसको खूब चोदेगें. मेरी माँ ने हरा सूट पहना था. अब सुखविन्दर सबसे पहले मेरी माँ के ऊपर लेट गया और ज़ोर-ज़ोर से माँ को स्मूच करने लग गया. अमिष पास में ही खड़ा था और में कुछ कर भी नहीं सकता था. इसमें माँ की और सबकी बदनामी थी. फिर मैंने देखा कि सुखविन्दर ने माँ की चुन्नी उठाकर साईड में फेंक दी और फिर अमिष भी मेरी माँ के बूब्स दबाने लग गया. अब वो दोनों बोल रहे थे कि कितने सॉफ्ट बूब्स है.
फिर अमिष और सुखविन्दर ने माँ के सूट को ऊपर से ऊतार दिया. माँ ने काले कलर की ब्रा पहने थी और सबसे पहले सुखविन्दर ने कहा कि में पहले सेक्स करूँगा, तू इतंजार कर. फिर सुखविन्दर ने माँ की सलवार भी उतार दी. अब माँ सिर्फ़ पेंटी और ब्रा में थी. अब सुखविन्दर माँ को स्मूच कर रहा था. अब मुझे ये देखकर बहुत मज़ा आ रहा था और में अपना लंड दबा रहा था. अमिष भी देखकर मज़े ले रहा था. फिर सुखविन्दर ने माँ की ब्रा भी उतार दी और माँ के निपल्स चूसने लग गया. माँ के निप्पल ब्राउन और बड़े थे.
फिर वो माँ को हर जगह किस कर रहा था और माँ को हर जगह चूस रहा था. फिर उसने माँ की पेंटी ऊतार दी और वो माँ की चूत को स्मेल करने लग गया और अमिष से बोला कितनी खुशबू आ रही है दिल करता है खा ही जाऊं. फिर वो माँ की चूत चूसने लग गया और मै बाहर खिड़की से खड़ा मज़े ले रहा था.
फिर सुखविन्दर ने अपना लंड बाहर निकाल लिया और उसका लंड काफ़ी बड़ा और काला था. अब वो मेरी माँ के ऊपर चढ़ गया और मेरी माँ के बूब्स के बीच में अपना लंड रगड़ने लग गया. वो बार-बार कह रहा था कि आज तो जन्नत नसीब हो गयी. फिर उसने कहा कि अब में इसको चोदूंगा तो उसने अपना लंड माँ की चूत में डाला और अन्दर बाहर करने लग गया. अब मेरी माँ थोड़ा-थोड़ा हिल रही थी, लेकिन उन्हें बिल्कुल होश नहीं था, मेरी माँ की चूत पर थोड़े से बाल थे और वो नंगी बहुत सेक्सी लग रही थी और सुखविन्दर ज़ोर-ज़ोर से मेरी माँ की चुदाई कर रहा था और उसने अपना वीर्य माँ की चूत के अंदर ही छोड़ दिया.
फिर वो अमिष से बोला कि चल अब तेरी बारी है फिर अमिष ने अपना लंड बाहर निकाला तो वो बहुत काला और कम से कम 8 इंच का था. वो सबसे पहले अपना लंड माँ के मुँह के पास लेकर आया और माँ के मुँह में डाल दिया और आगे पीछे करने लग गया और साथ में वो मेरी माँ के निप्पल दबा रहा था. फिर उसने अपना लंड बाहर निकाला और माँ के निप्पल पर रगड़ने लग गया.
फिर अमिष मेरी माँ के ऊपर लेट गया और माँ को स्मूच करने लग गया. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और अब मैंने बाहर मुठ मारनी शुरू कर दी. फिर वो माँ की नाभि और पेट पर जीभ फेरने लग गया और फिर वो धीरे-धीरे नीचे आया और बोला कि इसकी चूत कितनी मीठी और मस्त है. आज तो में इसे खा ही जाऊंगा और वो ज़ोर-ज़ोर से अपनी जीभ को माँ की चूत के अन्दर बाहर करने लग गया. फिर उसने अपना लंड माँ की चूत में डाल दिया और वो मेरी माँ को चोदने लग गया.
फिर 10 मिनट के बाद उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया और उसने मेरी माँ को उल्टा कर दिया और मुझे मेरी माँ की गांड साफ़ नज़र आ रही थी. वाहह क्या मस्त गांड थी? फिर उसने कहा कि आज में इसकी गांड मारूँगा.
फिर उसने अपनी जेब से ऑयल निकाला और मेरी माँ के कूल्हों और गांड पर लगाया और उसने अपना 8 इंच का लंड माँ की गांड में डाल दिया. अब वो ज़ोर-ज़ोर से माँ की गांड मार रहा था.
फिर उसने कहा कि में अपना माल अंदर ही छोडूंगा और उसने अपना वीर्य अन्दर ही छोड़ दिया. फिर सुखविन्दर ने और अमिष ने माँ को कपड़े पहना दिए ताकि बाद में शक ना हो और खुद ने भी अपने कपड़े पहन लिए. फिर वो बाहर आने लगे तो में फटाफट ऊपर चला गया और वो दोनों अपने घर चले गये. फिर शाम को माँ उठी तो वो बिल्कुल नॉर्मल थी, जैसे कुछ हुआ ही ना हो | तो दोस्तों ये मेरी सच्ची कहानी कैसी लगी प्लीज मुझे कमेंट कर बताये |