पहली लेस्बियन चुदाई
इस कहानी का लेखक मैं नहीं हूं. मैंने इसमें केवल कुछ संशोधन किये हैं. तो प्रस्तुत है
नमस्ते सभी को अाज में आपनी पहली चुदाई जो कि एक लेस्बियन सहेली ने की थी. मुझे कॉलेज के हॉस्टल में भरती किया तब वहाँ बहुत सारी लड़कियाँ थीं, जो पढ़ाई करने के लिए अलग-अलग राज्यों से आई हुई थीं।
मुझे एक गर्ल्स-हॉस्टल में कमरा मिला और मेरी रूम-पार्टनर अनीशा थी। हमारे रूम में एक बड़ा सा बेड था। उस पर तीन लोग आराम से सो सकते हैं।
अनीशा बहुत खुले विचारों वाली लड़की थी। मुझे उसका अन्दाज अच्छा लगता था। हम एक-दूसरे में बहुत जल्दी घुल-मिल गए। हमारा घूमना-फिरना शुरू हुआ, मौज-मजा मस्ती बहुत करने लगे।
अचानक कुछ हॉस्टल के दोस्तों से उसकी एक कमजोरी मुझे पता चल गई कि वो लेस्बियन है। यह सुनकर तो मैं घबरा गई कि अब क्या होगा और एक रात ऐसा ही हुआ, जिसका डर था।
खाना खाकर हम बेड पर सोने चले गए। रात के दस बजे थे, मेरी आँख लग गई और मैं सो गई। मैंने रात के बारह बजे के करीब मेरे शरीर में कुछ हलचल महसूस की, मैं जाग गई तो देखा कि अनीशा मेरे टॉप के ऊपर से मेरे मम्मे दबा रही थी और एक चूस रही थी। मैं चौंक गई और अनीशा को परे धकेल दिया, पर वो दोबारा से शुरू हुई और मेरे साथ जबरदस्ती करने लगी।
मैंने उसे बहुत रोकने की कोशिश की, पर कोई फायदा नहीं हुआ। उसने मेरे हाथों को ऊपर की ओर करके बाँध दिया।
अब तो मैं पूरी बेबस हो गई। फिर वो मेरे ऊपर आई और मेरे होंठों को चूमने लगी। उससे मेरे पूरे शरीर में करंट सा लगा, मेरी चूत में पानी आने लगा क्योंकि मेरे साथ यह पहली बार हो रहा था।
अनीशा मुझे चुम्बन करते-करते मेरे मम्मे भी दबाते जा रही थी, पर मैं क्या करती, मेरे हाथों को उसने बाँधा हुआ था। थोड़ी देर में मुझे भी अच्छा लगने लगा, तो मैं भी उसका साथ देने लगी।
उसे पता चल गया कि मुझे अब मजे आने लगे तो उसने मेरे टॉप के बटन खोल दिए और मेरी ब्रा के ऊपर से मेरे दोनों चूचुकों को चूसने लगी।
अब मेरे होश तो ही उड़ने लगे और मेरी चूत गीली हो गई।
धीरे से अनीशा ने मेरे पीछे हाथ डाला और मेरी ब्रा के हुक खोल दिए और खुद पूरी नंगी हो गई।
मुझे अब शर्म आने लगी कि मेरे मम्मे नंगे थे। वो नंगी होकर मेरे ऊपर आ गई और मेरे चूचुकों को चूसने लगी।
मुझे कुछ हो रहा था, वो मेरे चूचुकों को चूसे जा रही थी, मैं तो पागल सी हुई जा रही थी। चूचुकों को चूसते-चूसते वो नीचे की ओर चली गई और मेरी नाईटी उतार दी और पैन्टी भी, मैं तो बहुत लाज महसूस कर रही थी कि मैं अब पूरी नंगी थी।
अब वो आगे बढ़ी और मेरी चूत चूसने लगी, उसने थोड़ा सा चूसा और मैं झड़ गई।
मैं पहली बार झड़ने का आनन्द महसूस कर रही थी, मैं जैसे ही झड़ गई, तो मेरी पूरी ताकत खत्म हो गई और मैं बेड पर निढाल सी हो गई।
थोड़ी देर बाद उसने मेरे हाथों को खोल दिया तो मैं उससे चिपक गई और उसका आभार किया, तो वो भी मेरे मम्मों को जोर से दबा कर हँस पड़ी।
मेरे मम्मे और चूचुक दर्द कर रहे थे।
थोड़ा आराम करने के बाद वो मुझसे बोली- चलो, एक और बड़ी मस्ती दिखाती हूँ तुझे..!
इस कहानी का लेखक मैं नहीं हूं. मैंने इसमें केवल कुछ संशोधन किये हैं. तो प्रस्तुत है
नमस्ते सभी को अाज में आपनी पहली चुदाई जो कि एक लेस्बियन सहेली ने की थी. मुझे कॉलेज के हॉस्टल में भरती किया तब वहाँ बहुत सारी लड़कियाँ थीं, जो पढ़ाई करने के लिए अलग-अलग राज्यों से आई हुई थीं।
मुझे एक गर्ल्स-हॉस्टल में कमरा मिला और मेरी रूम-पार्टनर अनीशा थी। हमारे रूम में एक बड़ा सा बेड था। उस पर तीन लोग आराम से सो सकते हैं।
अनीशा बहुत खुले विचारों वाली लड़की थी। मुझे उसका अन्दाज अच्छा लगता था। हम एक-दूसरे में बहुत जल्दी घुल-मिल गए। हमारा घूमना-फिरना शुरू हुआ, मौज-मजा मस्ती बहुत करने लगे।
अचानक कुछ हॉस्टल के दोस्तों से उसकी एक कमजोरी मुझे पता चल गई कि वो लेस्बियन है। यह सुनकर तो मैं घबरा गई कि अब क्या होगा और एक रात ऐसा ही हुआ, जिसका डर था।
खाना खाकर हम बेड पर सोने चले गए। रात के दस बजे थे, मेरी आँख लग गई और मैं सो गई। मैंने रात के बारह बजे के करीब मेरे शरीर में कुछ हलचल महसूस की, मैं जाग गई तो देखा कि अनीशा मेरे टॉप के ऊपर से मेरे मम्मे दबा रही थी और एक चूस रही थी। मैं चौंक गई और अनीशा को परे धकेल दिया, पर वो दोबारा से शुरू हुई और मेरे साथ जबरदस्ती करने लगी।
मैंने उसे बहुत रोकने की कोशिश की, पर कोई फायदा नहीं हुआ। उसने मेरे हाथों को ऊपर की ओर करके बाँध दिया।
अब तो मैं पूरी बेबस हो गई। फिर वो मेरे ऊपर आई और मेरे होंठों को चूमने लगी। उससे मेरे पूरे शरीर में करंट सा लगा, मेरी चूत में पानी आने लगा क्योंकि मेरे साथ यह पहली बार हो रहा था।
अनीशा मुझे चुम्बन करते-करते मेरे मम्मे भी दबाते जा रही थी, पर मैं क्या करती, मेरे हाथों को उसने बाँधा हुआ था। थोड़ी देर में मुझे भी अच्छा लगने लगा, तो मैं भी उसका साथ देने लगी।
उसे पता चल गया कि मुझे अब मजे आने लगे तो उसने मेरे टॉप के बटन खोल दिए और मेरी ब्रा के ऊपर से मेरे दोनों चूचुकों को चूसने लगी।
अब मेरे होश तो ही उड़ने लगे और मेरी चूत गीली हो गई।
धीरे से अनीशा ने मेरे पीछे हाथ डाला और मेरी ब्रा के हुक खोल दिए और खुद पूरी नंगी हो गई।
मुझे अब शर्म आने लगी कि मेरे मम्मे नंगे थे। वो नंगी होकर मेरे ऊपर आ गई और मेरे चूचुकों को चूसने लगी।
मुझे कुछ हो रहा था, वो मेरे चूचुकों को चूसे जा रही थी, मैं तो पागल सी हुई जा रही थी। चूचुकों को चूसते-चूसते वो नीचे की ओर चली गई और मेरी नाईटी उतार दी और पैन्टी भी, मैं तो बहुत लाज महसूस कर रही थी कि मैं अब पूरी नंगी थी।
अब वो आगे बढ़ी और मेरी चूत चूसने लगी, उसने थोड़ा सा चूसा और मैं झड़ गई।
मैं पहली बार झड़ने का आनन्द महसूस कर रही थी, मैं जैसे ही झड़ गई, तो मेरी पूरी ताकत खत्म हो गई और मैं बेड पर निढाल सी हो गई।
थोड़ी देर बाद उसने मेरे हाथों को खोल दिया तो मैं उससे चिपक गई और उसका आभार किया, तो वो भी मेरे मम्मों को जोर से दबा कर हँस पड़ी।
मेरे मम्मे और चूचुक दर्द कर रहे थे।
थोड़ा आराम करने के बाद वो मुझसे बोली- चलो, एक और बड़ी मस्ती दिखाती हूँ तुझे..!