"पूण्य का नाम ही केवल न किताबों में लिखो कुछ गुनाहों से भी दुनिया हसीन बनती है।"
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नमस्कार दोस्तों, कैसे हैं आप सभी , क्या हाल है? मैं आपकी " उमा शर्मा "आपके लिए फिर से हाज़िर हु चुदाई की एक नई दास्तान लेकर. अपने मेरी पुरानी कहानियो को बहुत प्यार दिया और मुझे बहुत सरहा, उसके लिए बहुत सारा थैंक्स. तो आते है उस नई दास्ताँ पर.आशा करती हूँ, आप लोगों को यह कहानी पसंद आएगी।
मेरे दोस्तों को मेरा सलाम | मेरा नाम है बेनज़ीर और मैं बिलासपुर में रहती हूँ | मेरा रंग गोरा है और मेरा फिगर अच्छा है क्योंकि मैं जिम जाती हूँ | मेरा पहले भी काफ़ी लडको के साथ अफेयर रहा है और उनसे चुदवाया है लेकिन ये दास्ताँ कुछ हटके है | ये कहानी जब कि है जब मैंने अपना कॉलेज ज्वाइन किया था और मैं पढाई में थोड़ी कमज़ोर थी इसलिए मैंने एक कोचिंग भी ज्वाइन कर ली थी | उस कोचिंग में एक लड़का आता था जिसका नाम पारस कुमार था | इस कहानी में मैं आपको बताउंगी कि कैसे मैंने उसको पटाया और उससे चुदवाया |
ये कहानी तब कि है जब मुझे कॉलेज के कुछ सब्जेक्ट पढने में प्रॉब्लम आने लगी और मैंने सोचा की मुझे कोचिंग ज्वाइन कर लेनी चाहिए | फिर मैंने अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक कोचिंग ज्वाइन कर ली | फिर कुछ दिन बाद क्लास चालू हो गई और जैसे ही मैं क्लास में गई तो मेरी नज़र एक लड़के पे पड़ी | वो लड़का देखने में बहुत अच्छा लग रहा था और अकेले बैठ के पढ़ रहा था | तो मैं जाके उसके पीछे वाली बैंच पर बैठ गई | चूँकि मैं दो दिन बाद आई थी इसलिए मैंने उससे पूछा कि पिछले दो दिन में क्या पढाया ? तो उसने अपनी कॉपी मुझे दी और बड़े अच्छे से मुझे बताने लगा | वो बहुत अच्छे से बोल रहा था इसलिए मैं तो उसको देखते देखते खो सी गई थी | फिर थोड़ी देर बाद मेरी सहेली ने पूछा कि कहाँ खो गई ? तो मैंने कहा कहीं नहीं यार |
फिर कुछ दिन यूँ ही हम दोनों थोड़ी बहुत बात कर लिया करते थे | फिर एक दिन मैंने उससे कहा कि यार पारस तुम मुझे पढ़ा सकते हो तो उसने हाँ ठीक है पढ़ा दूंगा | फिर कुछ दिन हम कोचिंग जल्दी आ जाते थे और क्लास में बैठ के पढ़ते रहते थे | मैं तो सिर्फ पारस को ही देखती रहती थी और उसे लगता था कि मैं पढ़ रही हूँ | फिर मैंने उससे उसका नंबर ले लिया ये कहकर कि मुझे अगर कुछ पूछना हुआ तो कॉल कर लुंगी | मैं अक्सर उसे कॉल करती थी और बातों में उलझाये रखती थी | अब हमारे बीच मैं काफी अच्छी दोस्ती हो गई थी और हम एक दुसरे को अपनी सारी बातें बताते थे |
पारस अपने घर वालों से काफी डरता था और इसलिए वो कहीं भी घूमने जाने में डरता था | लेकिन मैंने उसे एक बार बाहर घूमने के लिए मना लिया और हम दोनों घूमने के लिए निकल गए | हम वहां पहुंचे और मैंने मौका देख के पारस को अपने दिल कि बात बता दी | जैसे ही मैंने पारस को आई लव यू बोला तो पारस के चेहरे पे मुस्कान सी आई लेकिन फिर पारस ने कहा कि मैं भी तुम्हें बहुत प्यार करता हूँ लेकिन मैं हिन्दू हूँ और तुम मुसलमान | तो मैंने कहा डरो मत पारस हम अभी शादी नहीं कर रहे है | तो उसने कहा नहीं यार और वो घूम गया | तो मैंने पारस को पीछे से पकड़ लिया और कहा प्लीज पारस मान जाओ | तो वो पलटा और मुझे गले लगा लिया |
जैसे ही मैं उसके गले लगी तो पता नहीं मुझे क्या हुआ ? मैंने फ़ौरन पारस को पकड़ के उसको होंठों पे किस कर दिया | जैसे ही मैंने पारस को किस किया तो उसने मुझे कमर से पकड़ा और अपने से चिपका लिया | पारस का लंड खड़ा था और मैं उसे महसूस कर पा रही थी | फिर हम दोनों वहां से चले गए और उसने मुझे घर छोड़ दिया | अब मुझे पारस से चुदने की खुजली मचने लगी तो मैं प्लान बनाने लगी कि कैसे उससे चुद्वाऊ | फिर मैं धीरे धीरे पारस को अपनी नंगी फोटो भेजना शुरू की और कुछ दिन बाद वो भी अपने लंड की फोटो मुझे भेजने लगा | ऐसे कुछ दिन तक हम यूँ ही अपनी फोटो एक दुसरे को भेजते थे और कभी कभी कहीं बाहर जाते थे तो किस कर लिया करते थे | कभी कभी मैं पारस को अपने दूध भी दिखा दिया करती थी और उससे अपनी चूत पे हाँथ रखवाती थी |
मैं अक्सर ऐसा करते हुए गरम हो जाया करती थी लेकिन पता नहीं पारस को कभी इतनी गर्मी नहीं चढ़ती थी | इसलिए हम कभी भी चुदाई नहीं कर पाते थे और मैं घर आकर अपनी चूत में ऊँगली डालकर ही खुश रहती थी | फिर एक दिन मैंने पारस को अपने घर बुलाया ये कहकर कि मुझे कुछ पढना है तो तुम मुझे पढ़ा देना क्योंकि अगर मैं ये कहती कि आ जाओ चुदाई करेंगे तो शायद वो नहीं नहीं आता क्योंकि उसकी इन सब से गांड फटती थी | तो वो थोड़ी देर बाद मेरे घर आ गया और मैंने जैसे दरवाज़ा खोला तो मुझे ऊपर से नीचे देखने लगा | मैंने शोर्ट स्कर्ट पहनी थी और छोटा सा टॉप | फिर वो अन्दर आकर बैठा और किताबे निकलने लगा तो मैंने कहा रुको थोड़ी देर से पढाई करते है अभी कुछ खा पी लेते हैं |
मैंने सैंडविच और जूस बनाया और उसके जूस में जोश की गोली मिला कर उसको पिला दिया | उसका लंड जल्दी ही खड़ा होने लगा और मैं उसके सामने बैठ के बात कर रही थी | वो अपने पैर से अपना लंड छुपाने लगा तो मैंने कहा क्या हुआ पारस ? तो कहा कुछ नहीं बस | तो मैं उठी और पारस के पास जाके बैठ गई | पारस का लंड खड़ा था वो उसे छुपाने कि कोशिश कर रहा था लेकिन मैंने उसके पैर हटाये और कहा पारस तुम्हारा तो खड़ा है | तो वो कुछ नहीं बोला और यहाँ वहां देखने लगा | मैंने फिर उसके जीन्स के ऊपर से उसका लंड पकड़ना शुरू कर दिया | तो उसने पूछा क्या कर रही हो ? तो मैंने उससे कहा बस पारस आज तुम कुछ नहीं बोलोगे और उसका लंड सहलाने लगी | मैंने पारस से पूछा कभी मुट्ठ मारा है तुमने तो उसने कहा नहीं | तो मैं उसका जीन्स उतार के उसका लंड हिलाने लगी | मैंने जैसे ही उसकी लंड को मुंह में डाला तो उसने ज़ोर कि आवाज़ की आह्ह्हहा हूह्हू | मैं उसका लंड चूसने लगी और वो बैठ के आवाजें करने लगा | लेकिन मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं थी क्योंकि मेरे घर पे कोई नहीं था | मैं थोड़ी देर तक उसका लंड चूसती रही और हिलाती रही |
उसने थोड़ी देर में ही अपना माल मेरे मुंह में छोड़ दिया और मैंने उसका सारा माल पी लिया | फिर मैं उठी और अपना टॉप उतार के उसके हाँथ अपने दूध पे रखवा लिए | वो मेरे दूध दबा रहा था तो मैंने पूछा कि कैसे है मेरे दूध ? तो उसने कहा बहुत अच्छे | मैंने उससे पूछा कि कभी कोई ब्लू फिल्म देखी है ? तो उसने कहा हाँ देखी है एक दो बार | तो मैंने उससे कहा बस वही करना है हमे आज | फिर मैंने उसके मुंह के पास दूध को किया और कहा अब चूस डालो इनको | तो उसने मेरे दूध को चुसना शुरू कर दिया | मैं अपने हाँथ से अपनी चूत को मले जा रही थी तो मैंने फिर उसका हाँथ अपनी चूत पे रखवा लिया | वो मेरी चूत को मलने लगा तो मुझे लगा वाह लड़का सीख गया | फिर मैंने अपनी स्कर्ट के नीचे से अपनी पैंटी उतार दी और उसके बाजू में बैठ गई | वो उठा और मेरी चूत को मलने और उसने मेरी चूत मैं ऊँगली डाल दी तो मुझे मज़ा ही आ गया | फिर उसने मेरी चूत में थोड़ी देर तक ऊँगली की लेकिन मेरी चूत नहीं चाटी |
फिर मैंने उसको सोफे बैठाया और उसके लंड के ऊपर बैठ गई | मैंने उसका लंड अपनी चूत में डाला और उसके ऊपर कूदने लगी | मुझे उसका लंड अपनी चूत में महसूस हो रहा था और बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था | उसे भी शायद मुझे चोदने में मज़ा आ रही होगी | फिर मैंने थोड़ी सा ऊपर पकड़ लिया और वो वैसे ही नीचे से मेरी चूत को चोदने लगा | मुझे अब लगा कि दोनों तरफ बराबरी की आग लगी है | तो मैं वहीँ बाजू में लेट गई और उससे कहा कि अब मारो | तो उसने मेरी चूत में अपना लंड घुसा दिया और आगे पीछे करने लगा और थोड़ी थोड़ी देर में उसकी स्पीड बढती जा रही थी और मेरी जान निकले जा रही थी | फिर मैं घोड़ी बन गई और वो पीछे से मेरी चूत को चोदने लगा | हमने लगभग आधे घंटे तक चुदाई की थी क्योंकि मैंने उसको जोश की गोली जो खिलाई थी | फिर चोदते चोदते मैंने उससे कहा कि तुम्हें अगर लगे कि तुम्हारा निकलने वाला है तो अपना लंड बाहर निकाल लेना | तो उसने ऐसा ही किया तो मैं उसका सारा मुट्ठ अपने मुंह पे गिरा लिया | उस दिन हमने दो बार और चुदाई की | हम आज भी खूब चुदाई करते है और कभी कभी तो वो मेरी गांड भी मार लेता है |
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