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DESI CHUT


SCAT EATING 1ST TIME ON DESIBEES

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SCAT EATING 1ST TIME ON DESIBEES
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माँ (PART-1)

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1.
मेरा नाम सोनू है, उम्र 20 साल है और मेरी माँ का नाम प्रभा है और उम्र 39 साल है। मम्मी एकदम गोरी है और लम्बाई करीब 5 फुट 3 इंच है। छोटी बहन शीतल 18 साल की है।
बात है जब मेरे पिताजी का देहांत हो गया 4 साल पहले और हम दूसरे शहर में आके बस गए। रात को मैं माँ और छोटी बहन सब साथ ही सोते हैं एक ही बिस्तर पर।
एक साल तक बहुत मुश्किल से दिन काट रहे थे चूँकि तब मैं पढ़ाई कर रहा था और छोटी बहन भी स्कूल में थी; बहुत मुश्किल से घर चल रहा था।
उस वक़्त तक माँ सिर्फ साड़ी पहनती थी लेकिन करीब एक साल के बाद मेरी माँ ने जीन्स, स्कर्ट, टॉप और सेक्सी सेक्सी कपड़े पहनना शुरू कर दिया और वही पहन कर बाहर भी जाती आती थी।
शुरू शुरू में मुझे आश्चर्य हुआ लेकिन फिर धीरे धीरे आदत बन गयी।
मम्मी से पूछा तो उन्होंने बताया कि उन्होंने नयी नौकरी शुरू की है तो वहां साड़ी में अच्छा नहीं लगता।

और वो 11 बजे सुबह निकलती तो कभी कभी रात 12 बजे तक आ जाती और बहुत बार अगले दिन सुबह आती थी।
3 साल ऐसे ही चलता रहा फिर मुझे शक होने लगा अभी करीब 2 महीने पहले फिर मैंने पीछा किया हफ्ते भर तक माँ का… तब पता चला कि ये तो अलग अलग होटल में जाती हैं अब तो मुझे यकीन हो गया था कि अचानक से इतने पैसे कैसे आने लगे हमारे घर में।
मैंने पहले भी मम्मी को पापा से चुदवाते हुए देखा है एवं आवाज़ सुनी है तो मम्मी को चोदने का मूड काफी पहले से था।
एक रात जब मैं मम्मी के साथ सो रहा था, तभी करीब 3 बजे मेरी नींद टूट गयी और लौड़ा खड़ा था एकदम जोश में। मैंने अपने पैर मम्मी के पैरों पे रख रखे थे फिर मैं और चिपक गया मम्मी से और मेरा लंड उनकी कमर को छू रहा था, इससे मेरा जोश और बढ़ रहा था।
फिर मैंने धीरे धीरे मम्मी की साड़ी उठानी शुरू की और कमर तक उठा दी, मम्मी सो रही थी तब भी।
उसके बाद मैंने उसकी चूत छुई तो देखा पानी आया हुआ है फिर मैं भी पायजामा उतार के चिपक गया उससे।
मैंने पहले उंगली डाली तो वो सिसकारी भरने लग गयी, यह सुन मेरा जोश सातवें आसमां पे चढ़ गया।
मैंने माँ की ब्लाउज खींची तो उसके हुक टूट गए, और मां उठ गयी और मुझे घूरने लगी उठ के। मैंने भी माँ के बाल पकड़े और चढ़ गया उनके ऊपर और बूबे मसलने लगा।
मेरा लौड़ा मम्मी की चूत से रगड़ खा रहा था. थोड़ी देर बाद वो एकदम शांत हो गयी और मैंने बिना कंडोम ही उसकी चूत में लौड़ा पेल दिया और माँ की दोनों टांगें उठा कर उसे कस कस के चोदने लगा.
अब वो भी मजा लेने लगी थी.

करीब 10 मिनट चोदने के बाद मेरी मुठ मम्मी की चूत में ही गिर गयी और फिट वो तुरंत उठ के बाथरूम भागी फिर आकर बिस्तर पे लेट के मुझे प्यार करने लगी।
मेरी माँ के साथ चूत की चुदाई की आवाज़ सुन कर मेरी बहन शीतल भी जागी हुई थी लेकिन वो कुछ बोली नहीं, चुपचाप सब देख रही थी।
करीब सुबह के चार बजे मम्मी ने बिस्कुट खाया फिर कोई लंबी सी दवाई खायी, मैंने पूछा किस चीज़ की दवा है तो वो हँसने लगी और आकर मेरा लंड चूसने लग गयी।
मुझे भी बड़ा मज़ा आ रहा था।

थोड़ी देर में मेरा लंड दुबारा से खड़ा हो गया, मैं पुनः जोश में भर चुका था और मम्मी ने शायद कोई जोशवर्धक दवाई खायी थी जिससे वो एकदम बेकाबू हो चुकी थी।
यह देख कर मेरी छोटी बहन शीतल का भी कण्ट्रोल छुट चुका था। मैंने महसूस किया वो अपनी चूत रगड़ रही थी।

मैंने शीतल की जांघों को छुआ तो वो गीली थी. मैं समझ गया कि मेरी छोटी बहन भी गर्म हो चुकी है मम्मी की चुदाई देख कर।
मम्मी अब नीचे बैठ गई और मैं खड़ा था, वो मेरा लौड़ा अपने मुख में पूरा अंदर लेकर चूस रही थी.
इसी बीच मैंने शीतल के बूब्स मसल कर कहा- छोटी उठ… आ जा… साथ मिल के मम्मी को चोदते हैं।

शीतल उठ के खड़ी हो गयी, उसने हाफ पैंट और टॉप पहना हुआ था और खड़े खड़े मैं और बहन एक दूसरे को चूम रहे थे।
तभी नीचे मेरा लौड़ा चूसती हुई मम्मी बोली- ये शीतल रंडी भी आ गयी चुदवाने??
शीतल को खुद के लिए रंडी शब्द सुनकर गुस्सा आया और मुझसे पूछने लगी- भैया इस कुतिया को मैं पीटना चाहती हूँ। इसने मुझे रंडी बोला!

मैंने कहा- मार साली को… मार खा के इसे और जोश आता है।
शीतल ने मम्मी के बाल पकड़े और मेरे लौड़े के साथ टट्टे भी उसके मुंह में डलवा दिए और बोली- साली प्रभा, छिनाल तू मम्मी नहीं, तू रंडी है, तुझे तो कुत्ते से चुदवाऊँगी मैं।
यह सुन के मम्मी भी जोश में भर गयी और बोली- हाँ रंडी, चुदवा मुझे और थप्पड़ भी मार!
तभी मैंने खींच कर 4 थप्पड़ मारे साली मम्मी को।

मम्मी ने कहा- मुझे चोद बेटा… मार मार के चोद… गाली दे मुझे! रंडी समझ के चोद मुझे! अपनी माँ को चोद दे!
मम्मी के मुख से ये सुन कर मेरा तो दिमाग ही घूम गया और मैंने भी साली को और मारना शुरू कर दिया उसकी फूली हुई गांड पे। जितना मारता वो उतना ही आअह्ह आअह्ह्ह्ह्ह करती!
ये सब सुन कर मेरा और बहन दोनों का जोश और बढ़ता जा रहा था, जोश जोश में मैंने पूछा मम्मी से- साली प्रभा, अभी इतना जोश है 38 की उम्र में तो जवानी में कैसे बर्दाश्त करती थी रंडी?
वो बोली- साले, जितने तेरे झाँट में बाल नहीं है उससे ज्यादा तो लौड़े लिए हैं मैंने अपनी चूत में।
अब मैं समझ चुका था के ये मेरी माँ साली छिनाल है।

अब मैंने उसे नीचे पटका और उस पर चढ़ कर उसके बूबे मसलते हुए चूस रहा था और मम्मी हाथों से मेरे बाल सहला रही थी, मेरी माँ पूरे जोश में थी तो मैंने सोचा कि इसी जोश में इसके अतीत को खंगाला जाए।
मैंने शीतल को इशारा किया कि माँ के हाथ दोनों हाथ बांध दे!
उसने बाँध दिए.

तब मैंने कहा- शीतल अब अपनी चूत लेकर इसके मुख पे बैठ जा… अपनी चूत चुसवा साली को! तब तक मैं इस माँ की चूत चोदता हूँ।
शीतल ने बाल पकड़े मम्मी के और चूत माँ के मुह पे टिका दी और अपनी चूत चुसवाने लगी और मैं मम्मी की चूत में जीभ डाल कर चाट रहा था। शीतल की जवानी पूरी उछाल मार रही थी.
उसने कहा- सोनू भैया, मेरे पास डिल्डो है, मैं उसे पहन लेती हूँ. अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है, मैं मम्मी की गांड मारना चाहती हूँ डिल्डो से और आप चूत चोदना गोद में उठा के।

मुझे आईडिया पसंद आया, मैंने कहा- ठीक है।
शीतल ने फटाफट डिल्डो बांध लिया कमर पे और 8 इंच का रबर का लौड़ा लगा था उसमें।

अब मैंने शीतल को कहा- उठा साली को!
शीतल ने माँ के बाल खींच के 4 थप्पड़ मारे और खड़ा कर दिया उसे।

अब मैं भी खड़ा था और मम्मी की जांघें पकड़ कर उसकी चूत में अपना लंड घुसाते हुए अपनी गोद में उठा लिया और शीतल को कहा- मार बहन गांड मम्मी की।
पीछे से शीतल ने एकाएक पूरा डिल्डो पेल दिया मम्मी की गांड में और अब मैं दोनों भाई बहन मम्मी को चोद रहे थे।

शीतल ने कहा- सोनू भैया, इस रांड कुतिया के पेट में अपना बच्चा डालो आप रोज़ चोद चोद के… आपको मेरी कसम।
मैंने कहा- ठीक है छोटी, तू कहती है तो बच्चा टिका देता हूँ मम्मी में! लेकिन जब ये गर्भवती हो जायेगी तब मैं किसे चोदूंगा?
शीतल ने कहा- भैया आप मुझे यानि अपनी छोटी बहन को चोदना! लेकिन मुझे इसकी कोख में तुम्हारा बच्चा देखना है।
मैंने हामी भर दी।

अब मैंने शीतल को कहा- अब मैं तुझे चोदूंगा थोड़ा सा।
अब मैंने मम्मी को बेड पे पटक दिया. हमने और शीतल को कुतिया बना के चोदने लगा, मेरी बहन पहली बार लौड़ा ले रही थी अपनी चूत में… बहन की चूत की सील टूटी तो उसे दर्द हुआ हल्का सा लेकिन उसे मज़ा आया। वो डिल्डो से अपनी चूत के साथ खेलती थी पहले से ही तो उसे ज्यादा दर्द नहीं हुआ!
वो जल्दी ही झड़ गयी और लेट गयी।
मैं अब फिर से मम्मी पे चढ़ गया वो अभी भी जोश में थी। अब मैं पूरी तरह खुल चुका था प्रभा मम्मी के साथ और उसे रंडी समझ के ही चोदना शुरू कर दिया जैसे मैंने उसे चोद चोद कर पैसे वसूल करने हों।
अब मैंने चप्पल उठाई और मम्मी के गांड पे मारना शुरू किया, वो साली और जोश में आ गयी और कहने लगी- और मार मादरचोद।
मैं भी जोश से भर गया और तेज़ उसी घोड़ी बना कर बाल खींच खींच कर पीटने लगा और बीच बीच में उसकी गांड में लौड़ा घुसेड़ दे रहा था।

अब मम्मी को बेड पे पटक के चढ़ कर चूत चोदने लगा उसकी किस करते हुए… इस बार मेरा और मम्मी दोनों का साथ में गिर गया और मैं उसी के ऊपर ही लेट गया।
तब से अब तक हमारे बीच सब कुछ खुलेआम होता है मैं अपनी मामी को बहन के सामने और बहन को मम्मी के सामने चोदता हूँ. और पैसे के लिए मम्मी के जिस्म को ग्राहक को देते हैं और पैसे का सारा हिसाब किताब हम दोनों भाई बहन रखते हैं।
सिर्फ मेरी मम्मी ही चुदाने जाती है, मेरी बहन तो सिर्फ मुझसे ही चुदाई करवाती है.

2.
अब आइये मैं आपको आगे की बात बताता हूँ जो पिछले कुछ दिनों में हुई है।

अब सिर्फ बाहर के लोगों के सामने ही हम प्रभा को मम्मी कहकर पुकारते थे अन्यथा हम लोग उस साली को रांड, कुतिया छिनाल कहकर ही बुलाते हैं और मम्मी को भी ये बहुत अच्छा लगता है कि मैं और बहन उसे गाली दें।

शीतल ने भी अपने लिए सेक्सी कपड़े मंगवा लिये, अब वो वही पहनती है जो मुझे अच्छा लगता है.
और मम्मी कब किसके साथ चुदेगी, कितने में चुदेगी, इस सबका हिसाब और मैनेजमेंट मैं और शीतल ही देखा करते हैं।


मम्मी तो पहले से ही छोटे कपड़े पहनती थी लेकिन अब मेरे और शीतल के हिसाब से पहनती हैं ताकि वो और सेक्सी लगे और ग्राहक मिलें।
लेकिन हम मम्मी को सिर्फ इतना ही चुदवाते है जितने में हमारा घर आराम से चल जाए।


जैसा कि आप लोगों को ध्यान होगा कि शीतल ने मुझे कसम दी थी कि मम्मी की कोख में वो मेरा बच्चा देखना चाहती है.
लेकिन इस शहर में अधिकतर लोग पहचान के थे तो यहाँ यह संभव नहीं था तो एक रोज़ मैंने मम्मी और शीतल ने मिल कर प्लान किया कि हम किसी दूसरे शहर में चले जाते हैं लेकिन वहां भी बच्चा होने के पहले समाज को बताना पड़ेगा हमारा रिश्ता और सच रिश्ते बता कर बच्चा नहीं हो सकता और न ही कोई फ्लैट देगा किराये पे रहने को।


तो शीतल ने दिमाग चलाया और मेरी गोद में आकर बैठ गयी और कहा- सोनू भैया, हम ऐसा करते हैं कि तुम और ये रांड यानि मम्मी शादी कर लो समाज को दिखाने के लिए ताकि बच्चा टिके तो समाज में बदनामी न हो और मैं इस साली छिनाल की छोटी बहन बन के रहूंगी।

इतना सुनते ही मेरा लौड़ा तन के खड़ा हो गया, मैंने मम्मी की बूबे मसल दिए वो साली सिसकारी मारने लगी.
तभी शीतल उठी और बाल खींच के नीचे पटक कर उसके 4-6 थप्पड़ मार के बोली- साली, अभी कुछ दिन सिसकारी मत मार तू… अभी कुछ रोज़ तक नहीं चुदेगी, अब सीधा सोनू भैया सुहागरात पे चोदेगा तुझे! तू जितनी प्यासी रहेगी, उतना ही मज़ा देगी मेरे भाई को! इसलिए कुछ दिन रुक, अब रही बात भैया की तो चूत उसे मैं भी नहीं दूंगी, बस मुठ मार के गिरा दूंगी ताकि तुम दोनों माँ बेटे की सुहागरात जबरदस्त रहे।


इतना कहकर शीतल अपने घुटने पे बैठ गयी और मेरा लौड़ा पकड़ कर मुठ मारने लगी और जोश दिलाने की लिए बोलने लगी- भैया अब तो तुम मम्मी के पति बनोगे, सोचो इतनी प्यासी औरत कितना मज़ा देगी तुम्हें, इसकी कोख में तुम्हारा बच्चा जन्मेगा और मैं तो तुम्हारी हूँ ही, मैं भी तुम्ही से शादी करूँगी जब बच्चे का दिल करेगा तो।

यह सब सुनते ही मेरा फर्श पे गिर गया।

अब हम लोगों ने शहर सोचना शुरू किया और पाया कि ऐसे काम के लिए कोलकाता बढ़िया जगह है। हमने इंटरनेट से खाली फ्लैट देखा, बात की और मैं अकेले फ्लैट देखने गया. फ्लैट काफी पसंद आया और मैंने एडवांस किराया दे दिया और कहा कि 3-4 दिनों में हम आ जायेंगे पूरे परिवार समेत।

करीब 10 दिन निकल गए इसमें।

अब हम लोग सब कोलकाता के लिए निकल पड़े और फ्लैट अपार्टमेंट में था और चाभी मेरे पास थी तो हम घर में घुसे और सामान रखा।

शीतल को भूख लगी थी तो हमने पिज़्ज़ा आर्डर किया। पिज़्ज़ा खाकर फिर हम लोगों ने आराम किया और शाम को उठे।

शाम को शीतल ने कहा- भैया कल तुम और मम्मी शादी कर लो मंदिर में, फिर कल ही सुहागरात मनाना।
मैंने कहा- ठीक है… लेकिन पंडित कहाँ से लायें, इस शहर में हम नये हैं।
शीतल ने कहा- बाहर पता करते हैं, मिला तो ठीक, वर्ना मैं ही शादी करवा दूंगी घर में ही। फिर शादी का जोड़ा, पैंटी वगैरह ले लेते हैं।


मैं और शीतल बाहर निकले लेकिन पंडित नहीं मिल पाया तो हमने खरीदारी की, शादी का लाल जोड़ा लिया, ब्राइडल पैंटी और ब्रा खरीदी, माला ली रोली, सिन्दूर और जो जो सामान हमने इंटरनेट पे देखा शादी के लिए वो सब ले लिया और घर आ गये।

काफी रात हो गयी थी तो खाना वगैरह खा के शीतल ने मम्मी को मेहँदी वगैरह लगा दी और हम सब सो गए, सुबह हमारी शादी होनी थी।
हमने घर में ही शादी करने का फैसला किया.


तो सुबह नाश्ता वगैरह करके हमने घर सजाना शुरू कर दिया और करीब 2 बजे तक सारा घर सज़ा दिया गया और सुहागरात मानाने के लिए बेड भी सजा दिया।
अब मैं और मम्मी और शीतल तीनों नहा कर तैयार हो गए।
मैंने मैरून रंग की शेरवानी पहनी और मम्मी ने लाल लहंगा पहना, चूड़ा पहना और वो भी तैयार हो गयी।


शीतल ने सूट पहना और पूजा स्थान तैयार किया और मुझे बिठाया, फिर इंटरनेट से पढ़ के मंत्र बोलने लगी।
फिर उसने मम्मी को बुलाया- प्रभा कुतिया आ जा, आ के बैठ भैया के बगल में, तेरी 15 दिन की चुदाई की प्यास आज मिटेगी!


मम्मी बैठ गयी बगल में मेरे, फिर शीतल ने कहा- मम्मी को सिन्दूर लगाओ!
मैंने मम्मी की मांग भर दी और फिर मंगलसूत्र पहनाया।


करीब 8 बजे हमारी शादी संपन्न हो गयी. फिर हमने खाना खाया, मम्मी को अपनी जांघों पे बिठा के खाना खिलाया मैंने।
और अब सुहागरात की तैयारी करने लगे।


करीब 10 बजे मैं बिस्तर पे आया, शीतल ने कहा- मैं देखूँगी और तुम्हारी मदद करूँगी यहीं रह कर!

तो वो टाइट स्कर्ट और टॉप पहन कर मम्मी को लेकर आई और उसे बिस्तर पे बिठा दिया और खुद कुर्सी पे बैठ गयी।

पहले शीतल ने जोशवर्धक दवा खिलाई मम्मी को… फिर मुझे चूमा होठों पे और बोली- चूत फाड़ देना साली की आज, भैया। रंडी समझ के चोदना इसे कि इसकी चुदाई देखकर मेरी चूत में पानी भर जाए।

मम्मी जो अब मेरी पत्नी थी, लेटी थी, उसके दोनों गाल पे पहले मैंने एक थप्पड़ मारा फिर कस के दांत से काटा और चूमा।
दवा ने असर दिखाना शुरू कर दिया था, प्रभा रांड सिसकारी मारने लगी, मैंने साली के दोनों बूबे कस के मसल के उन पे दांत काटा।


शीतल ने कहा- भैया, चोली फाड़ के बूब्स बाहर निकाल साली के!
मैंने तुरंत ही मम्मी की चोली पकड़ी और फाड़ डाला; अंदर लाल ब्रा में साली के बूब्स बहुत प्यारे लग रहे थे। मैंने ब्रा के ऊपर से बूब्स मसल के दांत काटा और ब्रा उतार दी साली की।
अब कमर के ऊपर मम्मी पूरी नंगी थी।


तभी शीतल ने लिक्विड चॉक्लेट मम्मी के बूब्स पे डाली और कहा- भैया सारा चॉकलेट चूस लो अपनी बीवी के बूब्स पर से।
मैंने निप्पल पे दांत काटा, फिर जीभ से चाट पे और बूब्स मुह में लेकर मम्मी के बूब्स पर से सारी चॉकलेट खाने लगा।


प्रभा रांड के जोश का अब कोई ठिकाना ना रहा; कस कस के सिसकारी मार रही थी और बोली- आह मेरे पतिदेव, आज तो मुझे सच में रंडी छिनाल समझ के चोद। सालों बाद ऐसा मज़ा मिल रहा है।
अब मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए और एकदम नंगा हो गया और मम्मी के पेट एवं नाभि पे चॉकलेट चाटने लगा।


अब मम्मी की कमर पे दांत काटा और मम्मी का लहंगा धीरे धीरे उसके बदन को चूमते हुए नीचे सरकाने लगा।

अब सिर्फ पैंटी बची थी, शीतल ने उसकी पैंटी में ढेर सारा चॉकलेट उड़ेल दिया। अब मैंने दांतों से पकड़ कर उसकी पैंटी उतारी और उसकी चूत चाटने लगा जिससे मम्मी गांड उठा के पटकने लगी बेड पे जोश में!
इस पे शीतल ने कहा- भैया, ये छिनाल बहुत गांड पटक रही है… रंडी की गांड मारो पहले।


यह सुनते ही जोश में भरी मेरी प्यारी पूजनीय रंडी मम्मी बोली- मारिये पतिदेव मेरी गांड को… साले भड़वे मेरा मरद बना है शादी करके तो अपनी बीवी की गांड और चौड़ी कर कि लोग सड़क पे देख के बता दें कि साली ने खूब गांड मरवाई हैं अपने पति से।

इतने सुनते ही शीतल ने बाल पकड़े मम्मी के और उसे कहा- कुतिया बन साली, मरवाती हूँ तेरी गांड आज ढंग से।

अब मम्मी कुतिया बन के बैठी थी बेड पे, मामी की गोल गोल मोटी गांड मेरा जोश और बढ़ा रहे थे मैंने दोनों साइड कस के दांत काटा फिर जैसे ही लौड़ा छेद पे रखा, शीतल ने आकर मुझे रोक दिया और अपनी हील वाली सैंडल देकर बोली- भैया पहले इसकी गांड पे थप्पड़ और सैंडल से मारो ताकि लाल हो जाए!
इतना कहकर शीतल ने खींच खींच के मम्मी की गांड पे थप्पड़ मारे और मैंने सैंडल।
मम्मी ‘आह्ह्ह्ह साले… और मार मादरचोद रंडी की औलाद… और मार, बहुत अच्छा लग रहा है…’ कहने लगी।


हम दोनों भाई बहन ने और खींच खींच के मारे और साली की गांड लाल कर दी. फिर शीतल ने मेरा लौड़ा उसके छेद पे लगाया और बोली- एक ही बार में ठेल दो पूरा लौड़ा!
मैंने वैसा ही किया, मम्मी की साँस रुकने जैसे हो गयी तो शीतल ने आगे जाकर उसे थप्पड़ मारे गाल पे, उसके बाल पकड़ के और मुझे कहा- भैया, तुम मम्मी की गांड मारो अब।


मैंने बूब्स पकड़ के साली की गांड मारना शुरू किया, छेद कसा हुआ था, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मम्मी को भी।

करीब 10 मिनट गांड मारने के बाद शीतल ने कहा- लौड़ा साली के मुंह में दे!
मैंने वैसा ही किया, उसकी छाती पे बैठ पे लौड़ा साली के मुख में पेल दिया और मुख चोदने लगा।


थोड़ी देर बाद शीतल ने कहा- भैया, अब असली चीज़… इसकी चूत चोदो गोदी में उठा कर।
मैंने तुरंत ही मम्मी को गोदी में उठा लिया, मम्मी ने अपने पैर मेरी कमर पे लपेट लिए और शीतल ने पीछे से मेरा लौड़ा मम्मी की चूत के छेद पे रख दिया और बोली- भैया घुसाओ अब साली की चूत में।
मैंने भी सटाक से पेल दिया लौड़ा मम्मी की चूत में और गोद में लेकर चोदने लगा, पीछे से शीतल मम्मी की गांड पे मारे जा रही थी।


शीतल बोली- भैया, कस के चोदो साली छिनाल को, इस बार इसका महीना आएगा उसके अगले ही दिन चोदना और बच्चा टिकाना, पटको साली को बेड पे! मेरी चूत पूरी गीली हो गयी है, चटवाती हूँ कुतिया से, तुम चूत चोदते जाना।

मैंने तुरंत बेड पे पटका मम्मी को और टांगें उठा कर चूत कस के पेलने लगा और शीतल ने अपनी चूत मम्मी के मुख में ठूँस दी और बाल पकड़ के बोली- पी साली छिनाल पी… सब मेरी चूत का पानी।

मम्मी भी भयानक जोश में थी तो मम्मी ने अपनी जीभ शीतल की चूत में घुसा दी और मुख में चूत भरकर उसका पानी पीने लगी।
इतने में शीतल का पानी मम्मी के मुख में ही गिर गया, मम्मी भी झड़ गयी, मेरे लौड़े पे उसका गरम पानी महसूस हो रहा था.
तभी जोश में मेरा भी मुठ मम्मी की चूत में ही गिर गया।


फिर हम सभी नंगे ही सो गए, मैं मम्मी के ऊपर लौड़ा बिना निकले ही सो गया और 3 बजे सुबह में एक बार फिर से चोदा साली मम्मी को।

अगले दिन काफी देर से उठे हम सब!

अब घर से बाहर मैं और मम्मी पति पत्नी जैसे चलते हैं।
और बहुत जल्द मेरी मम्मी मेरा बच्चा अपनी कोख में लेगी। मम्मी के गर्भवती होने पे मैं शीतल को चोद के काम चलाऊंगा.
और शीतल ने वादा किया है कि वो बढ़िया से बढ़िया लड़कियाँ देगी मुझे चोदने के लिए और उसके पैसे मम्मी को लोगों से चुदवाकर आएंगे और उसी से हमारा घर चलता रहेगा।
लेकिन बाहरी लोग कंडोम लगा के ही चोदते हैं मम्मी को।

माँ (PART-2)

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मेरी माँ का नाम सुनीता है.. उनकी उम्र 39 साल की है, पर वो अभी भी किसी सेक्सी भाभी से कम नहीं लगती हैं। उनकी चुची का साइज 34 है, उनकी मस्त मोटी कमर और गोरी-गोरी जांघों मेरी माँ साड़ी में किसी मल्लू आंटी से कम नहीं लगती हैं।
मेरी माँ स्कूल में टीचर हैं।


यह बात कुछ टाइम पहले की ही है, दिन का समय था, मैं अपने कॉलेज गया हुआ था, पिताजी ऑफिस गए थे।

उस दिन मैं कॉलेज से कुछ जल्दी घर आ गया.. मुझे मम्मी की बातें करने की आवाज आ रही थीं। मैं चुपचाप ऊपर गया और खिड़की में से छुप कर देखने लगा।

मैंने जो देखा वो देख कर मेरी आँखें फटी की फटी रह गईं। हमारे घर के पास में रहने वाले रमेश अंकल मम्मी के बोबों को दबा रहे थे। मम्मी उन्हें मना कर रही थीं कि अमन आने वाला है.. पर अंकल कहाँ मानने वाले थे।

वे कहने लगे- सुनीता आज आज तेरी चुत की चुदाई की प्यास मिटा कर ही जाऊँगा।
मम्मी हँसने लगीं और बोलीं- चलो जो करना है.. जल्दी करो!


फिर अंकल मम्मी के गालों पर चुंबन करने लगे और मम्मी को लेटा दिया। अंकल खूब देर तक मम्मी को चुंबन करते रहे.. कभी गर्दन पर, कभी नाभि पर वो लगातार मम्मी के मम्मों को भी मसले जा रहे थे, मम्मी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ करते हुए कामुक सिसकारियां भरने लगीं।

फिर अंकल ने मम्मी की साड़ी ऊपर की और मम्मी के गोरे-गोरे पैरों को चाटने लगे। इस तरह अंकल ने धीरे-धीरे करके मम्मी की पूरी साड़ी ऊपर कर दी। अब मम्मी की पेंटी दिखने लगी थी।

अंकल ने पेंटी को नीचे खींचा तो मम्मी की बालों वाली चुत सामने दिखी। मैंने आज तक मम्मी की चुत नहीं देखी थी.. मुझे भी देखने में आनन्द आने लगा।

अंकल कहने लगे- सुनीता डार्लिंग, कभी नीचे के बालों को भी साफ कर लिया करो।
मम्मी बोलीं- रमेश जी, टाइम नहीं मिल पाता है।


फिर अंकल मम्मी की चुत को अपनी जीभ से चाटने लगे तो मम्मी को मजे आने लगे और मम्मी बोलने लगी- अह.. बहुत मजा आ रहा है।
तभी अंकल बोले- आगे और भी मजा आएगा मेरी जान!


अब अंकल मम्मी की चुत चाटने लग गए और उन्होंने अपने कपड़े उतारना स्टार्ट किया और पूरे नंगे हो गए। अंकल का 6 इंच का लंड खड़ा हो गया था। मम्मी उनके लंड को देख कर बोलीं- मैंने कभी और किसी का इतना मोटा और लंबा लंड नहीं देखा।
फिर अंकल हँसने लगे और बोले- मेरा तो खूब देख लिया न.. अब इसको चूसो!


फिर अंकल ने मम्मी को खड़ा किया और लंड चूसने के लिए बोला, पहले तो मम्मी ने मना कर दिया। फिर अंकल के कहने पर लंड चूसने तो तैयार हो गईं। मम्मी ने पहले अंकल के लंड के सुपारे को चूमा और धीरे जीभ से चाटने लगीं और अचानक मम्मी ने एक ही झटके में पूरा लंड मुँह में डाल लिया।

अंकल बोले- आराम से सुनीता जल्दी किस बात की है।
यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
फिर मम्मी अंकल का लंड आइसक्रीम की तरह चूसने लगीं।


थोड़ी देर तक ऐसे ही चलता रहा.. फिर अंकल ने मम्मी की साड़ी उतार दी और ब्लाउज को भी उतार दिया। अब मम्मी केवल काले रंग की ब्रा में थीं, जिसमें वो बहुत सेक्सी लग रही थीं।

अंकल ने मम्मी की ब्रा भी निकाल दी और मम्मी अब पूरी नंगी हो चुकी थीं। मम्मी को पूरा नंगा देख कर मेरा भी लंड खड़ा हो गया और मैं भी अपना लंड हिलाने लग गया।

अब अंकल ने मम्मी को बिस्तर पर लेटा दिया और फिर मम्मी के ऊपर चढ़ गए।

मम्मी ने कुछ चिकनाई लगाने के लिए कहा तो अंकल ने पास रखी शीशी से अपने लंड पर सरसों का तेल लगा कर लंड खूब मला। अब अंकल ने मम्मी की चुत के मुँह पर लंड टिकाया और धीरे-धीरे घुसाने लगे। सुप़ारे के फंसते ही अंकल ने एक ही झटके में पूरा का पूरा लंड अन्दर पेल दिया।

तभी मम्मी जोर से चीख उठीं- ओह्ह आह.. दर्द हो रहा है।

अंकल ने मम्मी की एक ना सुनी और जोर-जोर से लंड को अन्दर-बाहर करने लगे। मम्मी को दर्द भी हो रहा था और मजा भी आ रहा था। मम्मी कामुक सिसकारियां भरने लगीं- उफ्फ्फ आह्ह धीरे करो.. दर्द हो रहा है!

पर अंकल कहाँ रुकने वाले थे। दस मिनट तक धकापेल होती रही, ऐसा लग रहा था कि जैसे अंकल ने कोई दवाई खाई हुई हो।

फिर अंकल ने मम्मी को गांड में डलवाने के लिए कहा तो मम्मी बोलीं- नहीं दर्द होता है.. मैंने आज तक गांड में नहीं डलवाया है।
अंकल ने कहा- आज डलवा कर देखो कितना मजा आता है।


मम्मी भी तैयार हो गईं.. तो अंकल ने मम्मी को घोड़ी बनने को कहा। जैसे ही मम्मी घोड़ी बनी, अंकल ने मम्मी की गांड में तेल लगाया और लंड डालने लगे।

उनका लंड थोड़ा ही अन्दर गया था कि मम्मी की मानो जान निकल गई। वे जोर से चिल्ला उठीं- उई.. लगती है.. मत डालो.. बहुत दर्द हो रहा है!
अंकल ने कहा- एक बार ही होगा.. एक बार पूरा अन्दर जाने दो.. फिर नहीं होगा।


फिर अंकल ने एक ही बार में पूरा लंड मम्मी की गांड में डाल दिया और फिर अन्दर-बाहर करने लगे। मम्मी का दर्द से बुरा हाल हो गया था और मम्मी चिल्लाने लगीं ‘उफ़ उफ्फ्फ मर गई आआह ओह..’

अंकल ने गांड में से लंड बाहर निकाला और मम्मी को सीधा लेटा दिया और वापस मम्मी की चुत में अपना मोटा लंड डाल दिया।

कुछ देर बाद अंकल ने अपना वीर्य मम्मी की चुत में ही निकाल दिया। मम्मी कहने लगीं- आज तो तुमने मुझे पूरा मार ही दिया, पर संतुष्ट कर दिया.. आप जैसी चुदाई किसी और से नहीं करवाई मैंने कभी!
अंकल हँसने लगे और बोले- रोज बुला लिया करो मुझे तो ऐसी चुदाई रोज मिलती रहेगी।


यह कह कर अंकल मम्मी के बोबों को चूसने लगे और मम्मी की निप्पलों को अपने दांतों से काटने लगे। मम्मी को दर्द भी हो रहा था और मजा भी आ रहा था।
वे दोनों चुंबन करने में लग गए.. काफी टाइम तक दोनों ने चुंबन किया।


मम्मी ने अंकल को लंड मुँह में देने को कहा और फिर मम्मी वापस अंकल के लंड को चूसने में लग गईं।

मम्मी अब पहले से ज्यादा मजा लेकर चूस रही थीं। मम्मी ने अंकल के लंड को पूरा खोल कर चूसा और कहने लगीं- अब तुम अपना पानी मेरे मुँह में निकालना..

अब मम्मी लंड को जोर-जोर से चूसने लगीं.. थोड़ी देर बाद अंकल का वीर्य निकल गया।
मम्मी वीर्य चाटते हुए कहने लगीं- आह.. आज चुदाई का असली मजा आया है.. मेरे पति ने भी मुझे ऐसे आज तक नहीं चोदा।

कुछ देर बाद दोनों ने कपड़े पहन लिए और अंकल अपने घर के लिए निकल गए।
4.
दोस्तो, जैसा कि आप सबने पिछली कहानी में पढ़ा था कि रमेश अंकल ने कैसे मेरी माँ की चूत को चोदा था.
मेरी माँ की चूत अब चुदाई की भूखी हो चुकी थीं, उनको लंड की जरूरत हद से ज्यादा होने लगी थी. शायद पापा से उनकी चूत की आग बुझाए नहीं बुझती थी इसलिए वे अब रमेश अंकल के लंड की मुरीद हो गई थीं.


एक बार की बात है, मैं घर पे ही था मां का फ़ोन बज रहा था. वो कॉल रमेश अंकल का था. मैंने मां को फ़ोन पकड़ा दिया और पास वाले रूम में चला गया और चुपचाप मां की बातें सुनने लगा.

रमेश अंकल मां को चुदाई के लिए बुला रहे थे.
मां बोलीं- अभी तो स्कूल से आई हूँ… मेरा भी मन है, लेकिन थोड़ा टाइम लगेगा.
रमेश अंकल ने शायद उनके आने के इन्तजार का कह दिया होगा. फोन अब कट चुका था और मां अपने काम में व्यस्त हो गईं. कुछ ही देर बाद मां अपने काम से फ्री होकर तैयार होने लगीं.


मैंने जानबूझ कर पूछा- मां कहां जा रहीं हो?
मां कोई दवा खाते हुए कहने लगीं- स्कूल का जरूरी काम है… मुझे जाना है और कुछ टाइम लग सकता है.


इतना कह कर मां तैयार होकर निकल गईं. आज मां अपनी इस साड़ी में बहुत सेक्सी लग रही थीं. उन्होंने स्लीबलैस ब्लाउज पहना हुआ था, जिसमें से उनके मम्मे बाहर निकल भागने को आतुर लग रहे थे. मां के इस ब्लाउज का गला बहुत गहरा था, जिससे उनकी चूचियां आधी से ज्यादा दिखाई डी रही थीं. मां को इस तरह से सजा संवरा देख कर मुझे कुछ शक हुआ. मां के जाते ही मैं अपनी बाइक लेकर मां के पीछे निकल पड़ा.

मां बाजार की तरफ पैदल ही जा रही थीं. उनकी ठुमकती हुई गांड को देखकर लोग उन्हें मुड़ मुड़ कर देख रहे थे. मैंने देखा कि कुछ लौंडे तो अपना लंड सहलाते हुए सीटी भी बजा रहे थे.

जैसे ही मैं बाजार में मां के पीछे पहुंचा… तो मैंने देखा कि रमेश अंकल अपनी कार लेकर खड़े थे. कार में पीछे दो जने और थे, शायद वे दोनों रमेश अंकल के दोस्त थे. मां कार के अन्दर बैठ गईं. रमेश अंकल ने कार आगे बढ़ा दी. मैं भी कार का पीछा करने लगा. थोड़ी देर बाद कार एक सुनसान कॉलोनी में रुकी और उस कॉलोनी में ही रमेश अंकल के दोस्त का घर था.

अंकल ने कार खड़ी की और चारों लोग घर के अन्दर चले गए. घर के आस पास खाली जगह थी, मैंने घर के पीछे अपनी बाइक खड़ी कर दी और पीछे चला गया. मैंने देखा कि पीछे की तरफ एक खिड़की थी जो जाली की थी और आधी खुली हुई थी. मैंने उसमें से झाँक कर अन्दर देखा तो रमेश अंकल मां से कुछ कह रहे थे.

मैंने ध्यान से कान लगा कर सुना तो अंकल मां से बोल रहे थे कि जान आज तुम बहुत हॉट लग रही हो, हम तीनों के लंड तो तुमको देख कर ही खड़े हो गए. आज बहुत मजे आने वाले हैं. आज तो तेरी चूत का रस हम तीनों पियेंगे.

मां भी हँसने लगीं और अपने मम्मे तानते हुए अपनी अदा दिखाने लगीं.

इसके बाद रमेश अंकल ने मां को आँख मार कर कुछ इशारा किया तो मां बेड पे बैठ गईं.

रमेश अंकल और उनके दोस्त भी मां के पास बैठ गए और फिर रमेश अंकल मां को चुंबन करने लगे. उनका दूसरा दोस्त मां की साड़ी ऊपर करके नीचे से उनकी गोरी गोरी जाँघों पर अपने हाथ फेरते हुए चूमने और चाटने लगा. ये सब देख कर तीसरा दोस्त कहां पीछे रहने वाला था. उसने भी अपना लंड बाहर निकाल कर मां के हाथ में पकड़ा दिया.

मां उसके लंड को हिलाने लगीं. फिर रमेश अंकल ने मां का ब्लाउज खोल दिया. मां ने आज लाल रंग की ब्रा पहन रखी थी. अंकल ब्रा के ऊपर से ही मां के चुचे दबाने लगे. मां को काफी मजे आ रहे थे. रमेश अंकल के दोस्त ने मां का पेटीकोट पूरा ऊपर कर दिया तो मैंने देखा कि मां की रेड रंग की नेट वाली पैंटी दिखने लगी थी. अंकल के दोस्त ने पेटीकोट को पूरा खोल दिया और पैंटी को खींच कर अलग कर दिया.

मैंने देखा कि आज मां ने अपनी चूत के बाल पूरे साफ़ कर लिए थे. उन की चूत बिल्कुल चिकनी दिख रही थी. फिर मां लेट गईं और उन्होंने अपनी टांगें पूरी तरह से खोल दीं, जिससे उन की चूत का नजारा साफ़ देखने लगा.

रमेश अंकल मां के चूचों को चूसने लगे थे और उनके एक दोस्त मां की चूत को अपनी जीभ से चाटने में लग गए थे. मां अब गरम हो गई थीं और उनके मुँह से मादक सीत्कारें निकलने लगी थीं. रमेश अंकल और उनके एक दोस्त ने पैकेट में से कंडोम निकाला और अपने अपने लौड़ों पर पहन लिया. तीसरे ने कंडोम नहीं पहना था.

फिर मां की चूत पर थूक लगाकर अंकल के एक दोस्त मां की चूत में अपना लंड घुसाने लगे. उन अंकल का लंड बहुत मोटा था. उनके द्वारा एकदम से लंड पेल देने से मां की चीख निकल गई और वे एकदम से चिल्लाने लगीं- हाय मर गई… मेरी चूत फट गई आह… निकला लो प्लीज़ तुम्हारा बहुत मोटा लंड है.

मां की चिल्लपों सुन कर रमेश अंकल के दूसरे दोस्त ने अपना लंड मेरी मां के खुले मुँह में डाल दिया. मां की आवाजें निकलनी बंद हो गईं. लेकिन मेरी मां कोई कुंवारी लौंडिया तो थी नहीं, जल्दी ही उनकी चूत ने लंड से सैटिंग कर ली और मां को चुदाई में मजा आने लगा.

अब मां ने जो लंड उनके मुँह में बिना कंडोम का था, उन्होंने उस लंड को आइसक्रीम की तरह चूसना शुरू कर दिया और वे अपनी जीभ से लंड चाटने लगीं. कुछ ही देर में मां के दोनों छेद, यानि एक मुँह और दूसरा उनकी चूत में लंड अपनी मस्ती बिखेर रहे थे. मां की चूत ने तो लंड को लील ही लिया था अब उन्होंने अपने मुँह में भी पूरा लंड घुसा लिया और अपने दो छेदों की चुदाई करवाने लगीं. काफी टाइम तक ऐसा ही चलता रहा. तभी रमेश अंकल के उन दोस्त का पानी निकल गया, जो अपना लंड मां की चूत में पेला हुआ था.

उनके लंड का पानी निकला तो रमेश अंकल का नंबर आ गया. इस वक्त मां की चूत एकदम रसीली हो रही थी क्योंकि रमेश अंकल के दोस्त के लंड से चुदने के कारण मां की चूत ने मलाई छोड़ दी थी. इसको देख कर रमेश अंकल ने अपने खड़े लंड को एक ही झटके में पूरा का पूरा मामी की चूत के अन्दर तक डाल दिया.

रमेश अंकल की इस हरकत से मां जोर जोर से सिसकारी भरने लगीं- आआह्ह… उम्म्ह… अहह… हय… याह… उफ उफ्फ आआह्ह… थोड़ा धीर नहीं डाल सकते थे… मेरी चूत का भोसड़ा बनाने पर तुले हो… आह अब चोदो भी रुक क्यों गए.

उसी वक्त रमेश अंकल का वो तीसरा दोस्त… जिसने अपना लंड मां के मुँह में डाल रखा था, झड़ गया. मेरी मां ने उसके लंड का पानी भी चूस चूस के निकाल दिया था. अंकल का दोस्त अपनी आह करता हुआ मां के मुँह में ही झड़ने लगा. मां उसके वीर्य को पूरा पी गईं. उधर मां लंड के रस का स्वाद ले रही थीं. इधर रमेश अंकल अपने लंड से मेरी मां की धकापेल चुदाई में लगे हुए थे. आज वो पूरे जोश में थे, इसलिए वो खूब देर तक मां की चूत चोदते रहे.

कुछ देर बाद रमेश अंकल का वीर्य भी निकल गया, लेकिन उनका लंड कंडोम में बंद था इसलिए अंकल का रस मां की चूत ने नहीं चख सका था. मामी की चूत दो लंडों से चुद चुकी थी लेकिन अब तक उनकी चूत ने लंड के रस का स्वाद नहीं ले पाया था.

अब मां की चूत को चोदने के लिए अंकल का तीसरा दोस्त आया. उसका लंड अब तक फिर से खड़ा हो गया था. उसने आते ही अपने लंड को हिलाया और मां की चूत पर अपने लंड का सुपारा टिका दिया. वो लंड के सुपारे को मां की चूत पर रगड़ने लगा और चूत पर सीधे अपने मुँह से थूक कर लंड से थूक को फैला दिया और धीरे धीरे उसने अपना लंड मां की चुद में घुसा दिया.

इस बार वो काफी देर तक ऐसे चोदता रहा… मानो ऐसा लग रहा था उसने कोई दवा ले रखी हो. करीब बीस मिनट चोदने के बाद उसने मां को खड़ा किया और वापस उनकी चूत में आगे से टांग उठा कर लंड पेला और मां को चोदना स्टार्ट कर दिया.

तभी पीछे से रमेश अंकल आए और उन्होंने मेरी मां की गांड में अपना लंड घुसा दिया. मां का दर्द से बुरा हाल हो चुका था. मां जोर जोर से चिल्लाने लगीं- धीरे करो, दर्द हो रहा है…

वो दोनों कहां रुकने वाले थे. इस वक्त अजीब मस्त नजारा था, एक लंड मां की चूत में घुसा था और एक गांड में कबड्डी खेल रहा था.

कुछ ही देर बाद मां की गांड और चूत दोनों अपने अपने लंड से खेलने लगीं. मां को मजे भी आने लगे थे हालांकि उनको अब भी दर्द भी हो रहा था.

मुझे अब याद आ रहा था कि मां ने भी इधर आते वक्त एक दवा खा ली थी, शायद वो ही एक कारण था कि मां अब तक उन सभी के लंड का मजा ले पा रही थीं.

कुछ देर बाद मां सिसकारी भरने लगीं- उम्मआहह आआहह आअहह उफ़ उईई उफ्फ उफ्फ…

चुदाई का यह नजारा देख कर मेरा मन भी हो रहा था कि मैं भी अपनी चुदक्कड़ मां को चोद दूँ., पर क्या करता, अभी मेरी मां ने मुझे इस नजर से देखा ही नहीं था.

तभी मैंने देखा कि अंकल का एक दोस्त दुबारा से फ्री हो गया, फिर तीसरा दोस्त आ गया. वो अपने खड़े लंड को सहला रहा था और अपना नंबर आने का इंतज़ार ही कर रहा था.

वो अपन लंड हिलाते हुए आया और मां की चूत में लंड पेल कर उनकी चुदाई करने लगा.

इस तरह काफी टाइम तक ऐसे ही चलता रहा. अब अंकल और उनके दोनों दोस्तों का पानी निकल चुका था. वे काफी खुश लग रहे थे. तीनों ने अपने कपड़े पहन लिए. उनके बाद मां ने भी उठ कर अपनी ब्रा और पैंटी पहन ली और फिर साड़ी और पेटीकोट पहनने लगीं.

मां भी तीन लंडों से चुद कर काफी खुश लग रही थीं. वे अंकल के दोस्तों से कहने लगीं- आज तो आप लोगों ने इतना ज्यादा चोदा कि मेरी जान ही निकाल दी.

अंकल और उनके दोस्त हँसने लगे और बोले- सच में सुनीता रंडी तुम्हारी चुदाई करके बहुत मजे आए… तुम बहुत सेक्सी औरत हो… हम तीनों ने आज तक कभी भी ग्रुप में ऐसी रंडी की चुदाई नहीं की थी.

ये सुनकर मां हँसने लगीं. इसके बाद उन तीनों ने बारी बारी से मां के होंठों का चुंबन किया और घर आने के लिए निकल गए.

अपनी मां की इतनी लम्बी चुदाई देख कर मेरा लंड भी दो बार अपना पानी छोड़ चुका था. मैंने सोच लिया था कि मां की चूत की चुदाई का किसी न किसी तरह इंतजाम करना ही होगा.
मैं भी जल्दी से अपनी बाइक लेकर वापस घर आ गया.

बहन (PART-1)

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दोस्तो, आप सभी को मेरा नमस्कार. मेरा नाम पवन है (ये नाम बदला हुआ है). ये कहानी जो मैं आपको सुनाने जा रहा हूँ ये मेरी और मेरी बहन सोनिया (बदला हुआ नाम) की सच्ची कहानी है. हमारे घर में कुल चार सदस्य हैं. मेरे पापा, मम्मी, मैं और मेरी छोटी बहन.
यह घटना आज से एक साल पहले की है उस समय मेरी उम्र 24 साल और मेरी बहन की उम्र 22 साल थी. मेरी बहन बहुत ही सीधी सी लड़की है, बहुत ही क्यूट सी है. वो ज्यादातर पजामी वाले सूट पहनती है.
हमारे घर में 2 ही कमरे हैं, जिसमें एक में मेरे मम्मी पापा सोते हैं और एक में मैं और मेरी बहन सोते हैं. मैंने कभी भी अपनी बहन को गन्दी नजरों से नहीं देखा था. हम दोनों भाई बहन एक ही बिस्तर पर सोते हैं.
एक बार रात को मेरी नींद खुली. नींद खुलते ही मुझे कमरे में अजीब सी आवाजें सुनाई दीं. मैंने देखा कि मेरी बहन बिस्तर पर नहीं थी और कमरे से कुछ आवाजें आ रही थीं. मैंने खड़े होकर देखा तो मेरी आंखें फटी की फटी रह गईं. मेरी बहन पूरी नंगी नीचे जमीन पर हमारे पड़ोस के एक लड़के के साथ सेक्स कर रही थी.
मुझे जागा देख कर दोनों के होश उड़ गए. मुझे देखते ही दोनों अपने अपने कपड़ों की तरफ भागे और जल्दी से कपड़े पहनने लगे.

कपड़े पहनते हुए मैंने उस लड़के को दो झापड़ मारे, अभी मैं उसकी और ठुकाई करता कि तभी लड़का बाहर भाग गया. फिर मैंने अपनी बहन की तरफ देखा तो वो नीचे मुँह करके खड़ी थी और रो रही थी.
मैं बोला- सोनिया, क्या था ये.. मुझे तेरे से ये उम्मीद नहीं थी. जब मम्मी पापा को ये पता चलेगा तो उन पर क्या बीतेगी?
उसने मुझे बोला- सॉरी भैया, मुझे माफ़ कर दो.
मैं उससे बोला- सोनिया, ये माफ़ करने वाली हरकत नहीं है.. चल मम्मी पापा के पास चल, उधर ही सारी बात करते हैं.

यह सुनते ही वो सुबकियां ले ले कर रोने लगी और वो बार बार सॉरी बोल रही थी.
मैं थोड़ा गुस्से में बोला- मम्मी पापा के पास चल रही है या उनको यहीं बुला कर लाऊं?
यह सुनते ही वो मेरे सामने हाथ जोड़ कर बोली- भैया, मुझे अबकी बार माफ़ कर दो.. पूरी ज़िन्दगी में फिर कभी भी ऐसी गलती नहीं होगी. और हां भैया, अगर ये बात अगर मम्मी पापा को पता लगी, तो मैं कसम खा कर कह रही हूँ कि मैं सुसाइड कर लूँगी.

यह सुनते ही मेरे होश उड़ गए और मैं चुपचाप बिस्तर पर बैठ गया, मेरी आँखों से आंसू निकल आए.
तभी मेरी बहन मेरे पास आई और मेरे आंसू पोंछते हुए मुझसे बार बार सॉरी बोले जा रही थी. मैंने उसके गाल पर हाथ फेरा और बोला- चल ठीक है.. किसी को नहीं कहूँगा.. लेकिन आज के बाद ऐसी गलती कभी भी नहीं होनी चाहिए.
उसने मुझे थैंक्यू बोला और बोली- भैया, कभी भी ऐसी गलती नहीं होगी.
मैंने उससे बोला- चल अपना मुँह धो आ और सो जा.

मैं बेड के एक तरफ लेट गया और वो आ कर दूसरी तरफ लेट गई. हम थोड़ी देर ऐसे ही लेटे रहे.
थोड़ी देर बाद मैंने उसे अपनी तरफ बुलाया, वो उस समय भी रो रही थी. मैंने उसके आंसू साफ करते हुए बोला- सोनिया.. जो कुछ भी हुआ है उसे भूल जा.. और चुप हो जा.
मैंने उसे अपनी तरफ लेते हुए उसके सिर को अपने छाती पर रख लिया और उसे चुप कराने लगा.
वो रोते हुए कह रही थी- भैया, मैं बहुत गन्दी हूँ ना..

मुझे उस पर दया आ गई. वो हम सभी की लाड़ली थी. कुछ देर हम दोनों चुप होकर लेटे रहे. मुझे उस दिन नींद नहीं आ रही थी.
मैं बोला- सोनिया एक बात बताएगी?
वो बोली- बोलो न भैया?
मैं बोला- अगर सच सच बताएगी तो बोलूँ?
वो बोली- हां भैया सच सच बताऊंगी.
मैं- मेरी कसम कसम खा कर कहो कि सच बताओगी?
वो बोली- भैया आपकी कसम.. सच बोलूँगी!

अब कुछ देर मैं उससे बहुत से सवाल करता रहा और वो नीचे मुँह करके एक एक करके सभी के उत्तर देते जा रही थी.
मैं- सोनिया ये सब कब से चल रहा है?
सोनिया- भैया एक साल से!
मैं- और जो ये आज कर रही थी, ये सब कितनी बार किया है?
सोनिया- भैया 3 बार…
मैं- कहां पर?
सोनिया- यहीं पर.
मैं- यहीं पर मतलब अपने कमरे में ही?
सोनिया- हां भैया.

मैं- सोनिया तुझे डर नहीं लगा.. सभी घर पर होते है और तूने ये जानते हुए भी तूने ये सब घर पर किया..? सोनिया ये सब कैसे किया तूने?
सोनिया- भैया जिस दिन हम ये सब करते थे.. उस दिन मैं खाने में और दूध में नींद की दवा मिला देती थी. इस दवा से आदमी गहरी नींद में सो जाता था.. और इस दवा का असर कम से कम 6-7 घंटे रहता है, आज पता नहीं कैसे आपकी नींद खुल गई.

मैं- सोनिया मैं तुझे सच में बहुत सीधी साधी मानता था.. और रही आज की बात, आज मैंने खाना नहीं खाया. मैं बाहर से खा कर आया था.
सोनिया कुछ नहीं बोली.
मैं- सोनिया ये सब तू कहीं बाहर भी तो कर सकती थी?
सोनिया- भैया, बाहर हमें बहुत डर लगता था.
मैं- चल ठीक है सोनिया सो जा.. अब रात काफी हो गई है गुड नाईट.
सोनिया- गुड नाईट.

मैंने भी आज तक कभी भी सेक्स नहीं किया था. उस दिन पता नहीं क्यों मुझे मेरी बहन के बारे में अजीब अजीब से ख्याल आने लगे थे. मेरी आँखों के सामने उसका नंगा बदन बार बार आ रहा था.
कुछ देर बाद मैंने देखा तो वो आंखें बंद करके लेटी हुई थी. मैं हिम्मत सी करके उसके पास गया और उसके माथे पर एक किस कर दिया. किस करते ही उसने अपनी आँखें खोल दीं. उसके आंख खोलते ही मैं शर्मा गया और वापिस लेट गया.
वो भी चुपचाप लेटी रही.

मैं थोड़ी देर लेटा रहा और मेरे दिमाग में उसके साथ सेक्स करने के विचार आने लगे. मैं उससे फिर बात करने लगा- सोनिया जग रही है या सो गई?
सोनिया- जग रही हूँ भैया बोलिए?
मैं- सोनिया मुझे कुछ चाहिए है.
सोनिया- बोलो भैया क्या चाहिए?
मैं- अगर दो तो बोलूँ.
सोनिया- हां बोलो तो.. देने की चीज होगी तो जरूर दूँगी.
मैं- सोनिया मुझे तेरे साथ सेक्स करना है.

सोनिया- भैया आपको पता भी है कि आप क्या बोल रहे हो? मैं बहन हूँ आपकी?
मैं- हां पता है.. और मेरे दिमाग से तेरा नंगा बदन जा नहीं रहा है. बार बार मेरी आँखों के सामने तेरा नंगा बदन आ रहा है
सोनिया- भैया ये नहीं हो सकता प्लीज सो जाओ.. ये गलत है.
इतना कह कर वो रोने लगी.

मैं- सोनिया, चल ये बता मैं क्या करूँ? मेरा बहुत ज्यादा मन कर रहा है. तेरा नंगा बदन देख कर.. मैं पागल हो रहा हूँ, मेरे से कण्ट्रोल नहीं हो रहा है.
सोनिया- भैया आपको पता तो है.. भाई बहन के बीच ये गलत है. आपकी कोई गर्ल फ्रेंड होगी, उसके साथ कर लो प्लीज हमारे बीच ये गलत है.
मैं- सोनिया मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है, मैं अकेला हूँ. सुन मेरी तेरे से एक रिक्वेस्ट है.. आज आज मेरे साथ एक बार कर ले प्लीज.. हाथ जोड़ कर रिक्वेस्ट है वैसे भी मैंने तुझे नंगा तो देख लिया ही है.
सोनिया- भैया प्लीज मान जाओ न.. ये गलत है.
मैं- प्लीज एक बार.

सोनिया- भैया ये गलत है अगर किसी को पता लग गया तो बहुत बेइज्जती होगी.
मैं- किसी को पता नहीं लगेगा सोनिया.. बस एक बार करेंगे.. उसके बाद कभी नहीं.
सोनिया- पक्का प्रॉमिस आज बस..
मैं- हां प्रॉमिस आज बस.
सोनिया- चलो ठीक है.. कर लो लेकिन आज बस की बात याद रखना.. फिर कभी नहीं ओके!

उसके हां भरते ही मैं उसके पास चला गया और उसके चेहरे को देखने लगा. वो शर्मा सी गई और उसने अपनी आंखें बंद कर लीं. मैंने उसके माथे पर किस की और मैं धीरे धीरे उसके माथे पर से किस करते हुए उसके गाल पर किस करने लगा. उसके गालों पर किस करने के बाद मैंने धीरे से उसके लिप्स पर हल्की सी किस की. मुझे अलग सा मज़ा या ये मेरी पहली किस थी. मैंने सोनिया को देखा.. वो अपनी आंखें बंद करके लेटी हुई थी और आहें भर रही थी.
उसने इस वक्त नीले रंग का सूट सलवार पहन रखा था. जब वो साँस ले रही थी, उसकी छाती ऊपर नीचे हो रही थी. उस समय उसकी चुचियों की शेप बहुत ही प्यारी लग रही थी. मैं फिर से उसके गालों पर किस करने लगा और धीरे धीरे गालों पर से गले पर किस करने लगा. कभी उसके गले, कभी गाल, कभी उसके कानों के पीछे किस करने लगा. वो बहुत जोर जोर से साँस लेने लगी. फिर धीरे धीरे उसके हाथ पर किस करने लगा. ऊपर से नीचे तक उसकी हाथ की पांचों उंगलियों को अपने मुँह में ले कर चूसा. फिर ऐसे ही उसके दूसरे हाथ को चूसा और सभी उंगलियों को भी चूसा.
फिर मैंने अपने हाथ को उसके पूरे शरीर पर धीरे से फेरा. उसको पूरा मज़ा आ रहा था. हम दोनों एक दूसरे से कुछ भी नहीं बोल रहे थे.
मैं बोला- सोनिया प्लीज अपना शर्ट निकाल दो.
वो चुप रही.

मैं फिर बोला- सोनिया एक बार बैठ जा.
वो बैठ गई, फिर मैंने उसका शर्ट निकाल दिया. उसने कुर्ती के नीचे कुछ नहीं पहना हुआ था क्योंकि उसने उस समय जल्दी जल्दी में सिर्फ कुर्ती ही पहन पाई थी.

मैंने उसकी चुचियों को ध्यान से देखा, वो एकदम सख्त हो गई थीं. उसके शरीर के रोंगटे खड़े हो गए थे. मैंने धीरे से अपना मुँह एक चूची पर रख दिया और अपने एक हाथ को दूसरी चूची के ऊपर लगा दिया. अब मैं हल्के से किस करने लगा. मैंने चूची के चारों तरफ किस किया. फिर दूसरी चूची को किस किया. उसकी साँसें बहुत तेज हो गई थीं, लेकिन अब भी उसकी आंखें बंद थीं. मैंने उसके पेट पर, चुचियों पर धीरे धीरे दोनों हाथों को फेरा.. मतलब उसके पूरे नंगे बदन पर हाथ फेरा.
इस वक्त मैंने टी-शर्ट और लोअर पहना हुआ था. मैंने अपनी टी-शर्ट को उतार दिया और उसके हाथों को अपने हाथों में पकड़ लिया. मैं उसके गालों को फिर से किस करने लगा. गालों से किस करते करते उसके होंठों को भी किस किया. धीरे धीरे मैंने अपनी जीभ उसके मुँह के अन्दर डाल दी. अब मैं कभी उसके होंठ चूसता, कभी उसकी जीभ चूसता. इस बार उसने भी मेरा साथ दिया.
करीब पन्द्रह मिनट तक उसके होंठ चूसने के बाद मैंने उसकी गर्दन कंधों को किस करते हुए, उसके बूब्स और उसके पेट को किस किया. बहुत देर तक उसकी सलवार के नाड़े के पास भी किस किया. वो जोर जोर से सिसकारियाँ ले रही थी.
मैंने धीरे से उसके कान के पास जा कर पूछा- सोनिया, क्या मज़ा आ रहा है?
तो उसने हां में गर्दन हिला दी. मैंने उससे पूछा- कितना?
तो बोली- बहुत.

फिर मैंने उसे उल्टा लेटने को बोला. वो उलट कर लेट गई. उसके बाद मैंने उसकी पूरी कमर पर धीरे धीरे किस किया और अपने दोनों हाथों से उसकी चुचियों को पकड़ कर धीरे धीरे से दबाना शुरू कर दिया. साथ ही पीछे से उसकी कमर पर भी किस कर रहा था.
वो मादक सिसकारियां ले रही थी. मैंने उसको सीधे लेटने को बोला.. वो सीधा लेट गई. उसके बाद मैंने उसको सलवार निकालने को बोला, वो कुछ नहीं बोली.
मैं बोला- क्या मैं सलवार खोल दूँ सोनिया?

अब उसने हां में सिर हिला दिया. मैं उसकी सलवार का नाड़ा खोल कर उसकी सलवार को नीचे करने लगा. उसने धीरे से अपने चूतड़ उठा कर सलवार निकालने में मेरी मदद की. उसने नीचे काले रंग की पैंटी पहनी हुई थी.
मैंने एक बार फिर से उसके पूरे शरीर को ध्यान से देखा. वो बहुत ही प्यारी क्यूट सी हसीना लग रही थी. मैंने उसकी पैंटी के चारों तरफ उसकी जाँघों पर बड़ी गरमाई से किस किया.. वो एकदम से सिहर उठी. फिर धीरे धीरे उसकी जाँघों से किस करते हुए नीचे तक पूरे पैर पर किस किया, सभी उंगलियों को मुँह में ले कर चूसा. फिर उसका उल्टा लिटा कर उसकी पैंटी से लेकर बिल्कुल नीचे तक दोनों पैरों पर किस किया. वो बहुत जोर जोर से सिस्कारियां ले रही थी.
मैंने उसे सीधा किया, उसकी पैंटी नीचे से गीली हो चुकी थी. मैंने उस गीली जगह पर उपनी जीभ रख दी. जीभ रखते ही उसने अपने हाथों की मुठ्ठी बंद कर ली. मुझे वो पानी खट्टा सा नमकीन सा लगा. मैंने धीरे धीरे पैंटी को भी उतार दिया और पैंटी के उतरते ही मैंने अपना पूरा मुँह सोनिया की चूत पर रख दिया. मैं उसकी चूत को चाटने लगा. उसकी चूत बिल्कुल गुलाबी थी. आज तो उसने शेव भी कर रखी थी. मुझे अपनी बहन की चुत चाटने में बहुत मज़ा आ रहा था और वो भी तेज तेज सिस्कारियां ले रही थी.
मैंने कम से कम 15-20 मिनट तक चूत चाटी. उसके बाद उसकी चूत से नमकीन सा पानी निकला. मैंने सारा पानी पी लिया और वो ढीली सी हो गई.
उसके बाद मैंने उसे उलटी लिटा कर उसके कूल्हों पर किस किया. उसके कूल्हे भी बिल्कुल मस्त थे, कहीं भी कोई भी दाग या निशान नहीं था. मैंने पूरे कूल्हों पर किस किया. फिर उसको धीरे धीरे घोड़ी सा बना दिया. उसके घोड़ी बन जाने पर उसकी गांड का छेद ऊपर उठ आया. मैं उस होल को किस करने लगा. मैंने धीरे धीरे उस होल में अपनी जीभ डाल दी और बहुत देर गांड को तक चूसता रहा. उसे भी इस देसी गांड सेक्स में, चूतड़ चटवाने में बहुत मज़ा आ रहा था.
फिर मैं उससे अलग हो कर उसके पास लेट गया और बोला- सोनिया, कितना मज़ा आया?
वो एकदम से मेरे से चिपक गई और बोली- भैया बहुत ज्यादा.. ऐसा मज़ा कभी भी नहीं आया था.
मैं बोला- अब आगे का क्या प्लान है?
तो बोली- भैया अब तो मैं आपकी हो गई हूँ.. जो मन करे कर लो.

मैं उठा और धीरे से उसके पैर ऊपर उठा कर अपना लंड धीरे से उसकी चूत पर रखा. उसने फिर से अपनी आंखें बंद कर ली थीं.
मैंने बोला- सोनिया प्लीज अब अपनी आंखें खोलो और पूरा मजा लो.

उसने अपनी आंखें खोल दीं. मैं धीरे धीरे लंड अन्दर डालने लगा. लंड धीरे धीरे अन्दर जाने लगा, वो सिसकारियां ले रही थी और अपने निचले होंठ को अपने दांतों से दबा रही थी. मेरा लंड धीरे धीरे पूरा अन्दर चला गया. लंड को अन्दर जाने में कोई दिक्कत नहीं हुई.
पूरा लंड घुसेड़ने के बाद मैं धीरे धीरे झटके लगाने लगा. साथ ही मैं उसकी आँखों में देख रहा था और वो मेरी आँखों में देख रही थी. उसने अपने हाथ मेरी गर्दन के ऊपर से बांध लिए थे. करीब 8-10 मिनट में मेरा पानी निकल गया. मैंने अपना सारा पानी उसके पेट पर निकाला और उसके बगल में लेट गया.
लगभग 5 मिनट बाद मैं उठा और उसको भी उठाकर कपड़े से एक दूसरे को साफ किया. हम दोनों ने अपने अपने कपड़े पहने. कपड़े पहनते ही सोनिया ने मुझे थैंक्यू बोला.
मैंने बोला- थैंक्यू क्यों?
तो बोली- इतना मज़ा देने के लिए. इतना मज़ा ज़िन्दगी में पहली बार मिला है.

वो मुझे किस करने लगी. जब हमने घड़ी की तरफ देखा तो सुबह के 4 बज चुके थे. फिर हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर सो गए.
अगले दिन जब भी हम एक दूसरे को देखते तो आपस में स्माइल दे देते.
फिर अगली रात आई. उस दिन उसने पजामी सूट पहन रखा था, बहुत प्यारी लग रही थी.
मैंने पूछा- सोनिया क्या आज भी करने देगी?
तो वो मेरे से चिपक गई और बोली- भैया अब तो आपकी वाइफ की तरह रहूँगी.

उस रात भी हमने वो सब किया, जो पहली रात किया था. लेकिन उस रात उसने शुरू से ही खुल कर सेक्स किया. उस रात हमने 2 बार चुदाई की और उस रात उसने मेरा लंड भी चूसा.
उसके बाद से हम रोज रोज सेक्स करने लगे. जब कभी दिन में मौका मिलता तो दिन में भी करते.
दोस्तों कैसी लगी आपको हमारी ये बहन भाई की चुदाई की कहानी.. अपने विचार जरूर मेल करें.. ये चुदाई की स्टोरी हम दोनों भाई बहन ने एक साथ बैठ कर लिखी है
                                                                                2
मैं ऋतु पिछले साल अपनी मौसी के घर घूमने गई थी. चूंकि मैं कहीं भी नहीं जाती हूँ तो मम्मी ने कहा कि तुम अपनी मौसी के घर घूम आओ.
मैंने कहा- ठीक है.
मम्मी ने मौसी को फोन किया और दो दिन बाद मेरी मौसी का बेटा मुझे लेने आ गया.


मैं उसे देखने लगी और उससे बात करने लगी. उसकी शादी को दो साल हो गए थे वो अब पहले से काफी बदल गया था. उसकी शादी में मम्मी गई थीं, मैं नहीं गई थी.

उसने मुझसे पहले तो इसी बात को लेकर उलाहना देते हुए कहा कि तुम शादी में क्यों नहीं आई थीं. फिर यूं ही बात होने लगी और वो मुझसे पूछने लगा कि कैसी हो ऋतु और तेरी पढ़ाई वगैरह कैसी चल रही है.
मैंने भी कहा- हाँ मैं ठीक हूँ और पढ़ाई की अभी कोई बात मत करो प्लीज़; अभी मुझे छुट्टियां एन्जॉय करने दो. तुम बताओ कि भाबी कैसी हैं और मौसी कैसी हैं.


मैं भी कितनी बुद्धू हूँ, मैंने अपने बारे में तो बताया ही नहीं कि मैं कैसी हूँ क्योंकि मुझे मालूम है कि अन्तर्वासना पर मेरी जवानी को जब तक आप लोग नहीं जानेंगे, आपका लंड ही खड़ा नहीं होगा और कहानी पढ़ने का मजा भी नहीं आएगा. तो मेरे प्यारे दोस्तो, मैं अब 20 साल की जवान माल हो गई हूँ. मेरा साइज़ 34सी-30-32 का है.

मेरी मौसी के बेटे का नाम वीरू है. उसकी उम्र 28 साल की है और भाबी का नाम पिंकी है, उनकी उम्र 24 साल की है.

मैं और वीरू भैया अगले दिन उनकी कार से उनके घर के लिए चल दिए. उन्होंने रास्ते में मुझे बहुत सारी खाने की चीजें दिलाईं और हम 3 घंटे के बाद मौसी के घर पहुँच गए.

मौसी ने मुझे गले लगाया और भाबी ने भी गले लगाया. मुझे सब लोगों ने बहुत प्यार दिया और मेरी खातिरदारी शुरू हो गई. भाबी मेरे लिए कोल्डड्रिंक बिस्किट नमकीन और ना जाने बहुत सी चीजें लेकर आ गईं.
मैं बोली- मेरे को इतना क्यों खिला रही हो भाबी… मैं इतना नहीं खाती हूँ.


हम सब बैठ गए और आपस में बातें करने लगे.
मौसी ने मम्मी के बारे में पूछा, मैंने भी बताया कि सब ठीक हैं.


मैंने बड़े शिकायत वाले अंदाज में कहा कि मौसी और भाबी आप लोग हमारे घर पर क्यों नहीं आते हो?
तो मौसी हंस कर बोलीं कि अबकी बार चलूंगी.


फिर सब अपने अपने अपने काम में लग गए. मुझे मौसी वाले कमरे में सोना था भैया भाबी का कमरा साइड वाला था.
इस तरह 3 दिन निकल गए.


अगले दिन मैं सुबह जागी तो मौसी अपना सामान पैक कर रही थीं. मौसी के गांव में किसी तबियत खराब थी और मौसी को अर्जेंट जाना था.

एक घंटे बाद 9 बजे की ट्रेन थी… तो भैया मौसी को लेकर स्टेशन चल दिए.
मैंने मौसी से पूछा- कब आओगी?
तो मौसी बोलीं- मैं तो अब 15-20 दिन में ही आ पाऊंगी, मैंने तेरी मम्मी से बात कर ली है. अब तो वीरू तेरा यहीं एड्मिशन करवा देगा, अब तू यहीं रहेगी.
इतनी बात कहते हुए मौसी चल दीं.


मैं अब भाबी के बारे में बता दूँ. पिंकी भाबी की हाइट 5 फिट 3 इंच है. एकदम गोरी हैं, उनका साइज़ भी मेरा जैसा ही 34-30-32 का है. भाबी के बाल नीचे कमर तक आते हैं. उनकी काली आँखें बहुत नशीली हैं.

भाबी बोलीं- ऋतु जल्दी से नहा ले, मंदिर चलना है.
मैं भी झट से नहा कर आई. मैंने ब्लू कलर की लॉन्ग स्कर्ट पहनी और ब्राउन टॉप पहना, मेरा ये वाला टॉप एकदम फिटिंग का था, इसमें मेरे मम्मे बड़े फूले हुए दिखते हैं.


भाबी ने पर्पल कलर की साड़ी पहनी थी. जब भाबी तैयार होकर मेरे पास आईं तो बोलीं- क्या बात ननद रानी… किसपे बिजली गिरानी है… तू तो एकदम पटाखा माल लग रही हो.
मैं- भाबी आप भी कम नहीं लग रही हो.


खैर… हम मंदिर जाने लगे तो बाहर जितने भी लोग थे, बस हम दोनों को ही देख रहे थे. भाबी मुझसे काफ़ी मज़ाक करने लगीं और फिर हम दोनों एक दूसरे के क्लोज फ्रेंड हो गए.

घर आकर हम दोनों ने खाना खाया और गप्पें मारते हुए टीवी देखने लगे. शाम को भैया ऑफिस से आ गए और आज गर्मी कुछ ज्यादा थी तो भाबी ने एक नाइटी डाल ली थी, जबकि मैं उनके कपड़ों में थी.

भाबी भैया से बोलीं- कल मुझे मार्केट जाना है, आपकी बहन को कुछ कपड़े दिला दूँ… नहीं तो ये गर्मी में मर जाएगी.
भैया बोले- अभी चलो, कल मुझे आउट ऑफ स्टेशन जाना है, अभी चलो… जल्दी चलो.


भाबी झट से तैयार हो गईं और मैं भैया भाबी तीनों एक ही बाइक पर बैठ कर चल दिए. भैया हमको एक मॉल में ले जाने की कह कर चल दिए.
मॉल में आने के बाद हम लोग एक शोरूम में कपड़े देखने लगे.


भाबी ने दुकानदार से कहा- ब्रा पेंटी दिखा दो.
वो दिखाने लगा और भाबी मुझे दिखाने लगीं. मुझे भैया के सामने ब्रा पेंटी देखते हुए शर्म आ रही थी.


भाबी ने मुझे बहुत सारे कपड़े दिलाए और हम लोग घर आ गए. कुछ देर बाद खाना आदि खाया और सो गए.

सुबह भाबी ने एक टाइट सा टॉप निकाला और मुझे पहनने को दिया, मैंने पहन लिया… ये टॉप पूरा टाइट फिटिंग का था. इसमें मेरे मम्मे एकदम तोप की तरह तने हुए थे. मुझे खुद अन्दर से एक सेक्सी सा फील आ रहा था.
मैं उस लाल रंग के टॉप और मिनी स्कर्ट में थी.


जब शाम को भैया ऑफिस से घर पर आए तो भाबी ने मुझे पानी लेकर उनके सामने जाने को कहा. मुझे इतने हॉट लुक में भैया के सामने जाने में शर्म सी लग रही थी.
भाबी बोलीं- चली जा यार… तेरे भाई ही तो हैं.
मैं- भाबी वो बात नहीं… बस जरा शर्म आ रही है.
भाबी- मेरी ननद रानी, इतना क्यों शर्मा रही हो… कल से तुमको यही कपड़े पहने हैं. अब ये तेरा विलेज नहीं है… सिटी हे सिटी… समझी.


इसके बाद मेरी झिझक जैसे तैसे खत्म हुई और हम सब रात होने तक यूं ही बातें करते रहे.

फिर सब लोग सोने चल दिए. करीब 11 बजे मेरा कूलर खराब हो गया. मैंने भैया को जगाया तो भैया बोले कि तू हमारे वाले रूम में ही सो जा.
मैं भी भाबी के साथ उसी रूम में आ गई. एक तरफ भैया और बीच में भाबी, साइड में मैं थी. मैं उस टाइम लोवर टी-शर्ट में थी, भाबी नाइटी में थीं.


थोड़ी देर बाद उनको को लगा कि मैं सो गई हूँ तो वे दोनों आपस में मस्ती करने लगे. मुझे उनकी छेड़खानी से बहुत शर्म आ रही थी.

किसी तरह रात निकल गई और मैं सुबह तक सोती रही, मुझे भैया ने जगाया तब मैं ज़गी.
भाबी बोलीं- आज संडे है… ऋतु जाओ तुम नहा कर आओ और सुनो, आज तुमको कल ली हुई नई वाली ड्रेस ही पहननी है.


मैं शर्माते हुए नहाने चली गई. भाबी ने कपड़े निकाले और मुझे दे दिए. एक बहुत छोटा सा स्कर्ट और ट्रांसपेरेंट टॉप उसके साथ ब्लैक ब्रा पेंटी थी. मैंने भाबी से कहा- भाबी, घर में भैया हैं… मैं इनको नहीं पहन सकती हूँ.
भाबी बोलीं- ये तो कपड़े हैं इनमें इतनी क्यों परेशान हो रही हैं.
मैं बोली- भाबी, मुझे भैया के सामने इनको पहनने में शर्म आती है.
भाबी बोली- जब तेरी शादी होगी तो जब नहीं पहनेगी क्या?
मैं बोली- तब की बात और है.
भाभी बोलीं- जा मैं तेरे से बात नहीं करती.

बहन (PART-2)

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शनिवार का दिन था तो अनु ने मुझे एक रेस्तरां में चलने को बोला। मैं शाम को 8 बजे तैयार हो गयी; एक कट स्लीव की टॉप और नीचे लूज मिनी स्कर्ट पहन लिया और अन्दर अनु का गोआ से लाया हुआ बिकनी सेट पहन लिया जिसके ब्रा की डोरी मेरे गले के पीछे से होकर नीचे आती है तो उसमें दिख जाता है कि मेरे चुचियों की क्या शेप है। मैं चाहती थी कि बाहर सब मेरी चुचियों को देख कर अपना लंड मसल कर रह जाये।
फिर अनु मुझे मैट्रो स्टेशन पर लेने आया, हम दोनों एक रेस्टोरेन्ट एण्ड बार में गए, वहाँ साइड में डिस्को और बार भी था। पीछे के साइड स्मोकिंग ज़ोन था और अच्छी अच्छी लाईट लगी हुई थी जो बिल्कुल पीने का माहौल बना रही थी।
अनु मुझे एक टेबल पर बिठा कर बाहर चला गया सिगरेट लेने के लिये और वेटर को दारू के लिये बोल दिया।
इतनी देर में दो लड़के मेरे सामने आकर बैठ गए और मुझे बोला- हाय बेबी, कैसी हो?
मैं बिल्कुल डर सी गयी और उनको पूछने लगी- आप लोग कौन हो? यहाँ क्यों आये हो? मैं आप लोगों को नहीं जानती। फिर आप मुझसे क्यों बात कर रहे हो?
तो उनमें से एक लड़के ने बोला- आप बहुत खूबसूरत हो इसलिये हम आपके पास अपने आप खिंचे चले आये।
दूसरे ने बोला- आपके जिस्म की खुशबू हमको पागल बना रही थी इसलिये आपसे दूर नहीं रह पाये। आपके जिस्म को गॉड ने बहुत फुर्सत से बनाया है। और मिनी स्कर्ट में आपकी नंगी जांघें बहुत अच्छी लग रही है।

मुझे ये सब सुन कर बहुत शर्म आ रही थी इसलिये मैं उठ कर दूसरी जगह जाने लगी, इतने में अनु आ गया और उन दोनों से गले मिलने लगा, फिर उनका परिचय मुझसे करवाया।
एक का नाम संजय था जिसने पहले बोला था और दूसरे का राहुल था।
वो दोनों अनु के दोस्त थे।

मैं समझ गयी कि राहुल ज्यादा कमीना है उनमें से… पर उसकी बातें मेरे जिस्म में सिहरन कर गयी थी जो मुझे अच्छा लग रहा था।
फिर वो दोनों हंसने लगे और बोले- भाभी जी नमस्ते, हम दोनों बस मजाक कर रहे थे।
मुझे थोड़ा गुस्सा आया पर मैं कुछ नहीं बोली और फिर से वहीं पर बैठ गई।

राहुल थोड़ा छोटा था बिल्कुल मेरी हाईट का और संजय मुझसे करीब 4 इंच ज्यादा लम्बा था। दोनों की बॉडी बहुत अच्छी दिख रही थी। बातों बातों में पता चला कि दोनों किसी ज़िम में ट्रेनर हैं।
राहुल मेरे ठीक बराबर में बैठ गया और संजय अनु के बराबर में मेरे सामने वाली चेयर पर बैठ गया।

हम लोग हल्की हल्की दारू पीते हुए बात करने लगे। मुझे अनु के दोस्त काफी अच्छे लग रहे थे और वो दोनों बातचीत भी अच्छी कर रहे थे।
मैं बोली- मुझे भी ज़िम में जाना है, अपनी बॉडी को फिट रखना है।

राहुल ने टेबल के नीचे से मेरी जांघ पर हाथ रख दिया और सहलाते हुए बोला- भाभी, आप कहाँ पर रहती हैं, बस ये बता दीजिये, मैं वहाँ आकर आपको एक्सरसाइज़ करवा दूंगा।
अनु- भाई घर के अन्दर वाला एक्सरसाइज़ मैं करवा रहा हूँ। तू बस ज़िम वाला एक्सरसाइज़ ही बता।

सब समझ गए थे कि अनु किस चीज की बात कर रहा है।
और फिर राहुल और संजय दोनों हंसने लगे। मैंने राहुल का हाथ अपनी जांघ से हटा दिया और शर्म के मारे नीचे देखने लगी।

संजय- ये लीजिये भाभी, ये हमारा कार्ड है, आप इस पते पर आकर कभी भी जॉइन कर सकती हैं। ज़िम की फीस 1000 है और पर्सनल ट्रैनर के साथ फीस 2000 है।
अनु- तेरी भाभी के लिये भी इतना ही फीस है क्या?
संजय- भाई, हम अपनी फीस छोड़ देंगे बस ज़िम का दे देना।
मैं- ठीक है संजय जी।

मुझे संजय की ये बात ठीक लगी और फिर मैंने सोचा बिना खर्च किये ही दो ट्रेनर मिल जायेंगे।
संजय- आपको क्या खाना है, क्या पहन कर ज़िम में आना है ये राहुल बता देगा क्योंकि वो इसका एक्सपर्ट है। बाकी वहाँ कौन सी एक्सरसाइज़ कैसे करनी है, ये मैं आपको बताऊंगा।
अनु राहुल से बोला- ठीक है, तुम इसको समझा दो, हम सिगरेट मार कर आते हैं।

अब संजय और अनु दोनों बाहर चले गये, मैं और राहुल बैठ कर दारू पीते हुए बात करने लगे। राहुल मुझे बता रहा था कि ज़िम में कैसे कपड़े पहन कर आ सकते हैं। राहुल की आँखो में मेरे लिये हवस भरी हुई थी जिसे मैं देख सकती थी।
राहुल ने अपना हाथ दुबारा से मेरी जांघ पर रख दिया और मेरे स्कर्ट के अन्दर हाथ डाल कर मेरी जांघों को सहलाने लगा।
मेरी चूत टाइट होने लगी थी और मैं हल्के नशे में थी इसलिये मैंने उसका हाथ नहीं हटाया।

मैं- राहुल जी मुझे क्या पहन कर आना होगा?
राहुल अपना हाथ मेरी चूत पर रख दिया और पेंटी के ऊपर से ही गीली हो चुकी चूत को सहलाने लगा जिससे मेरी आँखें बंद हो गयी।
मेरी चूत सहलाते हुए राहुल बोला- मैं चाहता हूँ आप नंगी ही आ जाओ। हम दोनों मिल कर आपके बॉडी की एक्सरसाइज़ करवा दें।

इस बात से मेरी चूत बिल्कुल ही टाइट हो गयी, मैंने राहुल का हाथ अपनी पेंटी के ऊपर दबा दिया। अब राहुल ने मेरी पेंटी को एक साइड कर दिया और चूत में उंगली डाल कर उंगली से ही मुझे चोदने लगा।
मुझे बहुत मजा आ रहा था पर डर भी लग रहा था कहीं कोई देख ना ले।
राहुल मेरा मोबाइल लेकर बोला- इसका लॉक खोलो!

मैंने लॉक खोल कर दे दिया, अब उसने अपने मोबाइल पर मेरे मोबाइल से कॉल कर लिया जिससे मेरा नम्बर उसके पास चला गया।
मैं अब शायद खुद भी राहुल से चुदवाना चाह्ती थी इसलिये मुझे सब अच्छा लग रहा था।
मैंने अब अपना हाथ राहुल के लंड पर रख दिया और लंड सहलाते हुए उसके कान में बोली- नंगी नहीं आ सकती, वहाँ आने के बाद हो सकती हूँ।
राहुल खुश हो गया और अपनी दो उंगली चूत में डाल कर चोदने लगा. मैं बहुत उत्तेजित हो गयी थी। फिर उसने अपनी उंगलियाँ निकाल कर बैठ गया.

मैं गुस्से में- क्या हुआ?
राहुल- यहाँ पूरी हो जाओगी तो फिर मिलने के लिये कैसे तड़पोगी?
मैं समझ गयी थी कि राहुल बहुत ही अच्छा खिलाड़ी है चुदायी के खेल का; मैं मुस्कुरा कर उसको देखने लगी।

इतनी देर में अनु और संजय भी आ गये और साथ में पीने लगे।
अब तक रात के 10 बज गये थे तो मुझे लगा अब चलना चाहिये। अब अनु और राहुल बात करते हुए आगे चलने लगे संजय और मैं पीछे पीछे चल रहे थे।
संजय- भाभी राहुल ने सब समझा दिया ना?
मैं- हां, क्या पहन कर आना है बस इसी पर बात हुई। क्या खाना है ये बाद में बतायेगा।
संजय- ठीक है, कार्ड में मेरा नम्बर है अपको कोई जरूरत हो तो मुझे बता दीजियेगा।
मैं मन में सोच रही थी जरूरत तो आज रात तुम्हारे लंड की है, दे दो।

संजय- कहाँ खो गयी?
मैं- कहीं नहीं, बस सोच रही थी कि ज़िम ज्वाइन करने से पहले घर पर थोड़ा सा एक्सरसाइज़ कर लूं जिससे ज्यादा प्रोब्लम नहीं होगी वहाँ।
संजय- इट्स ए गुड आइडिया।
अब हम लोग बाहर आ गये।

अनु- नेहा, तुमको राहुल अपनी बाइक से घर छोड़ देगा, उसका घर भी उधर ही है। मैं संजय के साथ जा रहा हूँ, इसका घर मेरी तरफ है।
राहुल मुस्कुराते हुए- हाँ भाभी, चलिये मैं आपको छोड़ दूंगा।
मैं भी मन ही मन मुस्कुरा रही थी और जान रही थी कि राहुल मुझे छोड़ना नहीं चोदना चाहता है।

मैंने अनु को बोला- ठीक है, चलते हैं, नहीं तो ज्यादा लेट हो जायेगा।
अब संजय और अनु सिगरेट पीने लगे और मैं राहुल के पीछे बैठ गयी।
अनु मेरे पास आया और मेरे होंठों को चूम कर गुड नाइट बोला।
यह पहली बार था जब कोई बाहर खुले में मुझे किस कर रहा था। मेरी बॉडी में सिहरन हुई जिसे अनु और राहुल दोनों ने महसूस किया।

अब हम जाने लगे तो रास्ते में राहुल ने बोला- भाभी, आप अकेले रहती हो?
मैं- नहीं छोटा भाई भी साथ में रहता है।
राहुल- तो उसे दारू महक आ गयी तो?
मै- हाँ इस बात का डर तो मुझे भी लग रहा है।

राहुल ने अपने जेब से कुछ निकल कर खा लिया और बोला- इसका इलाज है मेरे पास!
मैं- तो वो मुझको भी बता दो वर्ना मेरा भाई घर पर सब बता देगा।
राहुल- आप तो इतना दूर बैठी हैं तो कैसे पता चलेगा आपको?
मैं राहुल का मतलब समझ गयी और मैंने पीछे से राहुल को पकड़ लिया जिससे मेरी चुची उसकी पीठ पर चुभने लगी।
राहुल- आआह्ह्ह मजा आ गया।
मैं अब फुल नशे में आ रही थी- क्या मजा आया देवर जी?
राहुल- भाभी, आपकी चुचियाँ मजा दे रही हैं।

सड़क पर कोई नहीं था, आस पास घने पेड़ और झाड़ियाँ थीं तो मैंने पीछे से राहुल के लंड पर हाथ रख दिया और बोली- मेरे देवर के यहाँ मजा आ रहा है क्या?
राहुल- इसका नाम यहाँ नहीं है भाभी।
मैं उसके लंड को दबा रही थी और उसकी पीठ में अपनी चुचियाँ दबा रही थी।

मैं- तो क्या बोलते हैं देवर जी?
राहुल- क्यों आपको नहीं पता?
मैं- नहीं, बस ये हथियार है आपका जिससे आप बिस्तर में लड़ाई करते हो अपनी गर्लफ्रेंड से।
राहुल हंस रहा था और बोला- आपके पास भी कोई हथियार है?
मैं- नहीं, मैं तो बस हाथ से ही लड़ती हूँ।
राहुल- पर अनु के साथ तो और भी चीजें लड़ा देती हो आप।

मुझे लगा अनु ने इसको चुदायी के बारे में कुछ बता दिया है इसलिये मैं शॉकड होकर पूचा- क्या लड़ाया है अनु से?
राहुल- अभी पार्किंग में होंठों को लड़ा दिया था।
मैं शर्म से लाल हो गयी और राहुल के कान को मुँह में लेकर चूसने लगी और बोली- तो मेरे होंठों के हथियार से अपना हथियार लड़ाना है क्या?

राहुल ने अब बाइक एक साईड में रोक लिया और उतर कर मुझे पकड़ लिया।
मैं- क्या कर रहे हो?
राहुल कुछ नहीं बोला और मेरे होंठों पर अपना होंठ रख दिया।
मैं बिलकुल सीधी खड़ी होकर उससे अपने होंठ चुसवा रही थी और धीरे-धीरे मुझे मजा आने लगा तो मैंने भी राहुल को बांहों में ले लिया और उसके मुख में जीभ डाल कर चूसने लगी।

अब राहुल एक हाथ से मेरी चुचियों को दबा रहा था और दूसरे हाथ को मेरी पेंटी के अन्दर डाल कर मेरी चूत रगड़ रहा था। मुझे बहुत मजा आ रहा था मैंने राहुल के लंड को पैंट से बाहर निकाल लिया और जैसे ही उस पर हाथ लगाया डर से मेरी आँखें फैल गयी।
राहुल ने मेरा हाथ अपने लंड पर दुबारा रख लिया और हिलाने लगा।

राहुल का लंड बहुत मोटा था जिससे मेरे एक हाथ के पकड़ में नहीं आ रहा था तो मैंने दोनों हाथो से लंड पकड़ लिया और मुठ मारने लगी।
राहुल- भाभी, आपको चोदने का मन कर रहा है। चुदवाओगी मुझसे?
मैं उसके कान में- यहाँ सड़क पर कोई देख लेगा, फिर कभी कर लेना।

अब राहुल ने मुझे दुबारा बांहों में ले लिया और कान में बोला- मुँह में लंड लोगी?
मैं- हाँ, मुझे ओरल सेक्स, लंड चूसना पसन्द है।

राहुल ने मुझे नीचे बिठा दिया और अपना लंड मेरे मुँह में देने लगा। मैंने राहुल के लंड को पकड़ लिया और जीभ से चाट लिया, फिर धीरे-धीरे लंड को मुँह में लेने लगी पर लंड मुँह में पूरा नहीं घुस पाया बस सुपारा ही थोड़ा सा अन्दर ले पायी।
अब राहुल ने मेरे सर को पकड़ लिया और मेरे मुँह को चोदने लगा, मैं राहुल के आण्ड सहला रही थी।
15 मिनट मुँह चोदने के बाद राहुल ने अपना माल मेरे मुँह में डाल दिया। राहुल के लंड का वीर्य अभी तक का सबसे ज्यादा टेस्टी वीर्य था और बहुत ज्यादा था, मैं थोड़ा थोड़ा करके पीने लगी। फिर जब पूरा पी लिया तो राहुल के लंड को चाट कर साफ कर दिया।

राहुल- नेहा बेबी, मस्त लंड चूसती हो। किस से सीखा ये ओरल सेक्स करना?
मैंने बस मुस्कुरा कर उसके लंड को चूम लिया।

अब राहुल को सुसु आने लगी तो उसने मुझे खड़े होने को बोला और सुसु करने साइड में जाने लगा, जाकर सुसु करने लगा.
मुझे पता नहीं क्या हुआ, राहुल के लंड के पानी ने मेरे अन्दर कुछ नशा सा कर दिया था। मेरे मन में खयाल आया कि जब इतना टेस्टी वीर्य है तो मूत कितना टेस्टी होगा।
और मैंने जल्दी से जाकर राहुल के लंड को मुँह में ले लिया, राहुल मुझे हटा रहा था पर मैंने उसकी कमर को कसकर पकड़ लिया था।

फिर राहुल ने मेरा सर पकड़ लिया और मेरे मुँह में मूतने लगा। मैं राहुल का मूत पी रही थी और साथ में अपनी चूत में उंगली भी डाल रही थी।
थोड़ी देर में मेरी चूत भी सुसु करने लगी, अब मेरे मुँह में राहुल मूत रहा था और मैं जमीन पर मूत रही थी। फिर मूतने के बाद राहुल ने मुझे खड़ा किया और अपने रुमाल से मेरा मुँह पौंछ दिया फिर मुझे गले लगा लिया।

राहुल- तुम बहुत गर्म माल हो।
मैं- तुम्हारा देख कर गर्म हो गयी।
राहुल- गरमी कैसे निकलेगी तुम्हारी?
मैं- वो तुम सोच लेना, अब घर चलो।

उसके बाद राहुल मुझे मेरे फ्लैट पर छोड़ कर किस किया और चला गया।

Sexxxy Jeans (Babes and Girls)

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Huge Scandal - Rima

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मेरी वाईफ अनुपमा

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हैल्लो , मेरा नाम अनुपम पाँडे है और में सूरत से हूँ। में आज आपको मेरा आँखो से देखा हुआ रियल सेक्स बताने जा रहा हूँ, जो मेरी वाईफ और एक अजनबी मुसलमान ने किया था। हमारी शादी को 1 साल हुआ है। मेरी वाईफ अनुपमा दिखने में गोरी, लंबी, और अच्छी फिगर की है और उसका साईज 34B-29-35 है। अब में जो घटना आपको बताने जा रहा हूँ, ये बात 15 दिन पहले की है। मेरे घर पर फर्निचर का काम चल रहा था और घर पर बशीर और एजाज़ नाम के दो मुसलमान मिस्त्री काम करते थे, दोनों करीब 45-50 के थे, बनियान औऱ तहमद पेहेनते थे। अब रोज की तरह में सुबह 9 बजे घर से जॉब पर चला गया था, लेकिन उस दिन हमारे ऑफिस का काम चल रहा था, इसलिए हमें छुट्टी दे दी थी। फिर में दोपहर को 1 बजे जब घर लौटा तो मैंने बेल बजाई, लेकिन बिजली ना होने की वजह से बेल नहीं बजी और मुझे लगा कि कोई दरवाजा खोलने आ क्यों नहीं रहा है? फिर मैंने मेरे बैग से अपनी एक्सट्रा चाबी निकाली और दरवाजा खोला। फिर जब में घर में अन्दर आया तो मैंने देखा कि रूम में कोई नहीं था, ना वर्कर्स और ना मेरी वाईफ। फिर में मेरी वाईफ को सर्प्राइज़ देने के लिए धीरे पैर अपने बाथरूम की तरफ गया तो अंदर से थोड़ी आवाज़ आ रही थी। फिर मैंने दरवाजे के होल से देखने का सोचा। फिर जब मैंने दरवाजे के होल से देखा तो देखते ही दंग रह गया। मेरा मन किया कि अभी दरवाजा खोलकर दोनों को मार दूँ, लेकिन अब मेरी वाईफ को इतना खुश देखकर फिर मैंने अपना मन बदल दिया। अब मैं ने फिर से दरवाजे के होल से देखा तो मेरी खूबसूरत गोरी हिंदू वाईफ अब पूरी नंगी अपने घुटनों पर बैठी है और मुसलमान मिस्त्री एजाज़ भी नंगा खड़ा था। एजाज़ बहुत मोटा, काला औऱ गंदा सा दिखने वाला एक मुसलमान आदमी था, लेकिन बहुत ताकतवर दिखता था अब मेरी गोरी वाईफ अनुपमा, एजाज़ का कटा हुआ काला काला मुसलमानी लंड चूस रही थी और बोल रही थी कि “वाह एजाज़ तेरा कितना तगड़ा मुसलमानी लंड है? मन करता है कि तेरा मुसलमानी लंड चूसती रहूँ।” सच में एजाज़ का लंड कम से कम 8 इंच लंबा और 4 इंच मोटा था। फिर तो एजाज़ भी मेरी वाईफ के सर को पकड़कर अपना लंड मेरी वाईफ के मुँह में डालने लगा। अब ये नज़ारा देखकर में हैरान हो गया था, मेरी वाईफ आज तक कभी मेरा लंड अपने मुँह तक भी नहीं लाई थी। अब एजाज़ का मुसलमानी लंड एकदम घोड़े के जैसा तन गया था और अब में मन ही मन घबरा गया था कि कहीं इस घोड़े जैसे मुसलमानी लंड से मेरी वाईफ की चुदाई कर ली तो वो मर जायेंगी। इतने में एजाज़ ने मेरी वाईफ के बूब्स ज़ोर से दबाये और कहा कि “वाह मेरी रंडी भाभी तेरे बूब्स तो मस्त कड़क है, लगता है कि भैया ठीक से दबाते नहीं।” तब मेरी वाईफ ने कहा कि “वो अभी तुम्हारे सामने बच्चा है तुम् मुसलमान हो, ईसलिय तुममें उससे ज़्यादा ताकत है और उससे हर चीज़ बड़ी है”, अब वो बोलते-बोलते एजाज़ का मुसलमानी लंड हिला रही थी और एजाज़ भी मेरी वाईफ के गदराये गोरे बूब्स ज़ोर-ज़ोर से खींच रहा था। अब इतने में खुद मेरी वाईफ आगे झुकी और एजाज़ से कहा कि “आआआहहहह राजा आज मुझे अपने बड़े मुसलमानी लंड का स्वाद चखाओं, में कब से इसके लिए तड़प रही हूँ और जब मैंने इसे पहली बार देखा था, तब से कभी ठीक से सो भी नहीं पाई हूँ।” तब एजाज़ ने कहा कि “बोल साली हिंदू रंडी भाभी मेरा मुसलमानी लंड को कब देखा था?” तब मेरी वाईफ ने कहा कि “तुम बाथरूम में मेरी पेंटी को अपने हाथ में लिए इस मस्त मुसलमानी लंड को परेशान कर रहे थे”। तब एजाज़ ने कहा कि “हाँ मेरी रंडी भाभी रोज आपकी बड़ी गांड देखकर मेरा मन करता था कि आपकी गांड मार लूँ, आप जब झुककर बूब्स दिखाती थी तो मेरा लंड बेकाबू हो जाता था। आज ये मस्त मोटी गांड मारूँगा”।
फिर मेरी वाईफ ने कहा कि “आज अपनी रंडी भाभी की जी भर के चुदाई करो मेरे मुसलमान राजा” और फिर मेरी वाईफ ने एजाज़का मुसलमानी लंड हाथ में पकड़ा और अपनी गीली चूत के होल पर रखा तो अब एजाज़ भी बेकाबू हो गया और मेरी वाईफ को कमर से पकड़ा और जैसे ही धक्का दिया तो फिर मेरी वाईफ की चीख निकल गई और एजाज़ से गुस्से में बोली कि साले एक ही बार में पूरा क्यों डाल दिया?” फिर एजाज़ ने कहा कि “भाभी जी ये तो मेरे लंड का टोपा गया है, पूरा लंड तो अभी बाकि है। ये बोलकर उसने मेरी वाईफ के बूब्स को पकड़कर एक और धक्का मारा तो वाईफ के मुँह से “आआआहह” निकल गई और कहा कि ऐसा लग रहा है कि जैसे में पहली बार चुद रही हूँ। अब एजाज़ का आधा भी मुसलमानी लंड चूत में नहीं गया था तो एजाज़ ने कहा कि “रंडी भाभी अब तक तेरी हिंदू चूत पूरी भी नहीं खुली है। क्या, भैया ठीक से चोदते नहीं क्या?” फिर मेरी वाईफ ने कहा कि हिंदू आदमी का लंड तेरे जैसा मजबूत जोरदार नहीं होता है। फिर एजाज़ ने धीरे-धीरे धक्के देना शुरू किया और अब मेरी वाईफ भी आअहह आअहह करके मजे लेने लगी थी। अब मेरी वाईफ ने जोश-जोश में एजाज़ का पूरा मुसलमानी लंड ले लिया था और अब लगभग 20 मिनट तक एजाज़ मेरी वाईफ को चोदता रहा। फिर मेरी वाईफ बोली कि “एजाज़ में 3 बार पानी निकाल चुकी हूँ, अब तो अपना पानी निकालो।” फिर एजाज़ ने कहा कि “अभी नहीं मेरी चुदासी रंडी अनुपमा भाभी अभी तो तेरी चूत का भोसड़ा बनाऊंगा” और चोदता रहा। फिर मेरी वाईफ बेड पर उल्टी सो गयी तो एजाज़ उसे कमर से खींचकर फिर से चोदता रहा और अब उसका लंड ज़ोर-ज़ोर से चूत के आर पार हो रहा था। फिर उसने कहा कि “मेरा पानी निकलने वाला है, इसको टेस्ट नहीं करोगी?” फिर मेरी वाईफ ने कहा कि “तूने मुझे जन्नत दिखाई है तो तुमको भी खुशी मिलनी चाहिए।” ये कहकर वो सीधी हुई और उसके लंड को अपने मुँह में ले लिया और कहा कि “वाउ क्या मर्दाना लंड है तेरा? टेस्ट भी मस्त है।” अब एजाज़ मेरी वाईफ के मुँह में चुदाई करने लगा और फिर तो मेरी वाईफ भी उसके लंड को अपने मुँह में लेने लगी। तभी ज़ोर से रॉकेट जैसी पिचकारी निकली और मेरी वाईफ ने पूरा पानी पी लिया और अपनी जीभ से एजाज़ के लंड को चाट-चाट कर साफ कर दिया। अब वो चाट रही थी तो सुरेश का मुसलमानी लंड तन रहा था। फिर सुरेश ने कहा कि साली मुसलमानी लंड मुँह से निकाल वरना तेरी गांड की खैर नहीं है। फिर मेरी वाईफ ने कहा कि “अब में इस मुसलमानी लंड की दीवानी हो गई हूँ।” फिर एजाज़ का मुसलमानी लंड डबल तन गया और उसने मेरी वाईफ को उल्टा करके उसके गांड के होल पर अपना मुसलमानी लंड रख दिया और मेरी वाईफ से कहा कि इतनी मस्त गांड को तेरा पति मारता नहीं, पागल है, फुटबॉल जैसी गांड तो चुदने के लिए ही होती है। ये सुनकर मेरी वाईफ बोली कि “साले तेरा मुसलमानी लंड तो पीछे जायेगा और आगे से निकल जायेगा। तेरा इतना बड़ा है, इतना तो मेरा पति एक महीने में नहीं चोदता जितनी तूने आज मेरी चुदाई की है, वो देखता तो उसे पता चलता कि उसकी वाईफ की चूत का क्या हाल किया है?” फिर एजाज़ ने मुसलमानी लंड गांड में डालने की कोशिश की, लेकिन उसका मुसलमानी लंड गांड में नहीं गया तो मेरी वाईफ सीधी हो गई और कहा कि रूको। फिर उसने सुरेश को सीधा लेटा दिया और खुद अपनी गांड को एजाज़ के मुसलमानी लंड पर रखकर बैठ गई और उस पर उछलने लगी। फिर काफी देर तक चुदाई के बाद वो झड़ गई और अब वो संतुष्ट लग रही थी।

rajbr

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I hope you will enjoy  the story ……
First let me introduce the charecters in the story
Rajbeer- main character { HERO }
Dadi –rajbeer grandmother
Dadu- rajbr grandfather….
rU-rohit uncle {rajbeers mama no1}
D-dolly ru beti
R-Ranno rajbeers aunt{ mammi 1 }
Ab ate hai kahani par
Rajbeer ek padhe likhe maa bap ka eklota waris hai jo uske 1st standard me ate hi unke ma bap ka
Ek car accident mai swargwas ho gaya .kyunki rajbeer ke pita ek anath the jiski wajah se  uske pitaji ke tarf se koi nahi tha …so dadi ne hi use apne sath mayke leke ayi. Bachpan me hi maa bapu ka  pyar na milne se who akela rahne laga tha uska kisi me koi intrest nahi tha ..bas apne duniya me khoya rahta tha . ye dekh dadi ko bahot bura lagta tha par kar bhi kya sakte the …halat se majboor rajbeer ko sirf dadi ne hi bahot ache sambhala tha jaise jaise wakt beetata gaya rajbeer badha hota gaya … Dadi  aur dadu  ke lad pyar ki wajah se rajbeer ko bandhke rakha tha ..
After 5 years later
Subah ka wakt rajber school ke liya tayari kar raha tha … jab rajbeer school ke  liye nikalta hai to subah ke 7.30 baj rahe hote hai ..rajbr jaldi se ghar se nikalta hai aur ye dekh ke dadu bade mamaji se rajbr ko school chodne ke liye kahte hai…ye sun kar mami mama ko uthane jati hai…
Mama ka bedroom…
Mami-ae ji suniye na rajbr ko school chodne jana hai pitaji awaj laga rahe hai…uthiye na..
Mama kuch iss tarah se uthate hai ki mami ke kamr ko pakad ke unhe niche litate hue khud upar ajate hai aur apne hoth us gulab ki pankhodiyo par rakh dete hai
Mama-subah ka Prasad ton lene do
Mami-ab bas jao baki bad me … rajbr ki aj bus nahi aayi hai… bechara pareshan ho raha hoga..
Mamaji muhh bighadte hue hi nikalte hai aur muh dho ke niche aa jate hai …

मेरी वाईफ अनुपमा

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हैल्लो , मेरा नाम अनुपम पाँडे है और में सूरत से हूँ। में आज आपको मेरा आँखो से देखा हुआ रियल सेक्स बताने जा रहा हूँ, जो मेरी वाईफ और एक अजनबी मुसलमान ने किया था। हमारी शादी को 1 साल हुआ है। मेरी वाईफ अनुपमा दिखने में गोरी, लंबी, और अच्छी फिगर की है और उसका साईज 34B-29-35 है। अब में जो घटना आपको बताने जा रहा हूँ, ये बात 15 दिन पहले की है। मेरे घर पर फर्निचर का काम चल रहा था और घर पर बशीर और एजाज़ नाम के दो मुसलमान मिस्त्री काम करते थे, दोनों करीब 45-50 के थे, बनियान औऱ तहमद पेहेनते थे। अब रोज की तरह में सुबह 9 बजे घर से जॉब पर चला गया था, लेकिन उस दिन हमारे ऑफिस का काम चल रहा था, इसलिए हमें छुट्टी दे दी थी। फिर में दोपहर को 1 बजे जब घर लौटा तो मैंने बेल बजाई, लेकिन बिजली ना होने की वजह से बेल नहीं बजी और मुझे लगा कि कोई दरवाजा खोलने आ क्यों नहीं रहा है? फिर मैंने मेरे बैग से अपनी एक्सट्रा चाबी निकाली और दरवाजा खोला। फिर जब में घर में अन्दर आया तो मैंने देखा कि रूम में कोई नहीं था, ना वर्कर्स और ना मेरी वाईफ। फिर में मेरी वाईफ को सर्प्राइज़ देने के लिए धीरे पैर अपने बाथरूम की तरफ गया तो अंदर से थोड़ी आवाज़ आ रही थी। फिर मैंने दरवाजे के होल से देखने का सोचा। फिर जब मैंने दरवाजे के होल से देखा तो देखते ही दंग रह गया। मेरा मन किया कि अभी दरवाजा खोलकर दोनों को मार दूँ, लेकिन अब मेरी वाईफ को इतना खुश देखकर फिर मैंने अपना मन बदल दिया। अब मैं ने फिर से दरवाजे के होल से देखा तो मेरी खूबसूरत गोरी हिंदू वाईफ अब पूरी नंगी अपने घुटनों पर बैठी है और मुसलमान मिस्त्री एजाज़ भी नंगा खड़ा था। एजाज़ बहुत मोटा, काला औऱ गंदा सा दिखने वाला एक मुसलमान आदमी था, लेकिन बहुत ताकतवर दिखता था अब मेरी गोरी वाईफ अनुपमा, एजाज़ का कटा हुआ काला काला मुसलमानी लंड चूस रही थी और बोल रही थी कि “वाह एजाज़ तेरा कितना तगड़ा मुसलमानी लंड है? मन करता है कि तेरा मुसलमानी लंड चूसती रहूँ।” सच में एजाज़ का लंड कम से कम 8 इंच लंबा और 4 इंच मोटा था। फिर तो एजाज़ भी मेरी वाईफ के सर को पकड़कर अपना लंड मेरी वाईफ के मुँह में डालने लगा। अब ये नज़ारा देखकर में हैरान हो गया था, मेरी वाईफ आज तक कभी मेरा लंड अपने मुँह तक भी नहीं लाई थी। अब एजाज़ का मुसलमानी लंड एकदम घोड़े के जैसा तन गया था और अब में मन ही मन घबरा गया था कि कहीं इस घोड़े जैसे मुसलमानी लंड से मेरी वाईफ की चुदाई कर ली तो वो मर जायेंगी। इतने में एजाज़ ने मेरी वाईफ के बूब्स ज़ोर से दबाये और कहा कि “वाह मेरी रंडी भाभी तेरे बूब्स तो मस्त कड़क है, लगता है कि भैया ठीक से दबाते नहीं।” तब मेरी वाईफ ने कहा कि “वो अभी तुम्हारे सामने बच्चा है तुम् मुसलमान हो, ईसलिय तुममें उससे ज़्यादा ताकत है और उससे हर चीज़ बड़ी है”, अब वो बोलते-बोलते एजाज़ का मुसलमानी लंड हिला रही थी और एजाज़ भी मेरी वाईफ के गदराये गोरे बूब्स ज़ोर-ज़ोर से खींच रहा था। अब इतने में खुद मेरी वाईफ आगे झुकी और एजाज़ से कहा कि “आआआहहहह राजा आज मुझे अपने बड़े मुसलमानी लंड का स्वाद चखाओं, में कब से इसके लिए तड़प रही हूँ और जब मैंने इसे पहली बार देखा था, तब से कभी ठीक से सो भी नहीं पाई हूँ।” तब एजाज़ ने कहा कि “बोल साली हिंदू रंडी भाभी मेरा मुसलमानी लंड को कब देखा था?” तब मेरी वाईफ ने कहा कि “तुम बाथरूम में मेरी पेंटी को अपने हाथ में लिए इस मस्त मुसलमानी लंड को परेशान कर रहे थे”। तब एजाज़ ने कहा कि “हाँ मेरी रंडी भाभी रोज आपकी बड़ी गांड देखकर मेरा मन करता था कि आपकी गांड मार लूँ, आप जब झुककर बूब्स दिखाती थी तो मेरा लंड बेकाबू हो जाता था। आज ये मस्त मोटी गांड मारूँगा”।
फिर मेरी वाईफ ने कहा कि “आज अपनी रंडी भाभी की जी भर के चुदाई करो मेरे मुसलमान राजा” और फिर मेरी वाईफ ने एजाज़का मुसलमानी लंड हाथ में पकड़ा और अपनी गीली चूत के होल पर रखा तो अब एजाज़ भी बेकाबू हो गया और मेरी वाईफ को कमर से पकड़ा और जैसे ही धक्का दिया तो फिर मेरी वाईफ की चीख निकल गई और एजाज़ से गुस्से में बोली कि साले एक ही बार में पूरा क्यों डाल दिया?” फिर एजाज़ ने कहा कि “भाभी जी ये तो मेरे लंड का टोपा गया है, पूरा लंड तो अभी बाकि है। ये बोलकर उसने मेरी वाईफ के बूब्स को पकड़कर एक और धक्का मारा तो वाईफ के मुँह से “आआआहह” निकल गई और कहा कि ऐसा लग रहा है कि जैसे में पहली बार चुद रही हूँ। अब एजाज़ का आधा भी मुसलमानी लंड चूत में नहीं गया था तो एजाज़ ने कहा कि “रंडी भाभी अब तक तेरी हिंदू चूत पूरी भी नहीं खुली है। क्या, भैया ठीक से चोदते नहीं क्या?” फिर मेरी वाईफ ने कहा कि हिंदू आदमी का लंड तेरे जैसा मजबूत जोरदार नहीं होता है। फिर एजाज़ ने धीरे-धीरे धक्के देना शुरू किया और अब मेरी वाईफ भी आअहह आअहह करके मजे लेने लगी थी। अब मेरी वाईफ ने जोश-जोश में एजाज़ का पूरा मुसलमानी लंड ले लिया था और अब लगभग 20 मिनट तक एजाज़ मेरी वाईफ को चोदता रहा। फिर मेरी वाईफ बोली कि “एजाज़ में 3 बार पानी निकाल चुकी हूँ, अब तो अपना पानी निकालो।” फिर एजाज़ ने कहा कि “अभी नहीं मेरी चुदासी रंडी अनुपमा भाभी अभी तो तेरी चूत का भोसड़ा बनाऊंगा” और चोदता रहा। फिर मेरी वाईफ बेड पर उल्टी सो गयी तो एजाज़ उसे कमर से खींचकर फिर से चोदता रहा और अब उसका लंड ज़ोर-ज़ोर से चूत के आर पार हो रहा था। फिर उसने कहा कि “मेरा पानी निकलने वाला है, इसको टेस्ट नहीं करोगी?” फिर मेरी वाईफ ने कहा कि “तूने मुझे जन्नत दिखाई है तो तुमको भी खुशी मिलनी चाहिए।” ये कहकर वो सीधी हुई और उसके लंड को अपने मुँह में ले लिया और कहा कि “वाउ क्या मर्दाना लंड है तेरा? टेस्ट भी मस्त है।” अब एजाज़ मेरी वाईफ के मुँह में चुदाई करने लगा और फिर तो मेरी वाईफ भी उसके लंड को अपने मुँह में लेने लगी। तभी ज़ोर से रॉकेट जैसी पिचकारी निकली और मेरी वाईफ ने पूरा पानी पी लिया और अपनी जीभ से एजाज़ के लंड को चाट-चाट कर साफ कर दिया। अब वो चाट रही थी तो सुरेश का मुसलमानी लंड तन रहा था। फिर सुरेश ने कहा कि साली मुसलमानी लंड मुँह से निकाल वरना तेरी गांड की खैर नहीं है। फिर मेरी वाईफ ने कहा कि “अब में इस मुसलमानी लंड की दीवानी हो गई हूँ।” फिर एजाज़ का मुसलमानी लंड डबल तन गया और उसने मेरी वाईफ को उल्टा करके उसके गांड के होल पर अपना मुसलमानी लंड रख दिया और मेरी वाईफ से कहा कि इतनी मस्त गांड को तेरा पति मारता नहीं, पागल है, फुटबॉल जैसी गांड तो चुदने के लिए ही होती है। ये सुनकर मेरी वाईफ बोली कि “साले तेरा मुसलमानी लंड तो पीछे जायेगा और आगे से निकल जायेगा। तेरा इतना बड़ा है, इतना तो मेरा पति एक महीने में नहीं चोदता जितनी तूने आज मेरी चुदाई की है, वो देखता तो उसे पता चलता कि उसकी वाईफ की चूत का क्या हाल किया है?” फिर एजाज़ ने मुसलमानी लंड गांड में डालने की कोशिश की, लेकिन उसका मुसलमानी लंड गांड में नहीं गया तो मेरी वाईफ सीधी हो गई और कहा कि रूको। फिर उसने सुरेश को सीधा लेटा दिया और खुद अपनी गांड को एजाज़ के मुसलमानी लंड पर रखकर बैठ गई और उस पर उछलने लगी। फिर काफी देर तक चुदाई के बाद वो झड़ गई और अब वो संतुष्ट लग रही थी।

my sexy ** younger sister

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My cute sister, not so sexy as a model but she is normal for me she is cute and I find out she is horny too for DICK.
I like her and what about you do you love to see her too?

DESI PAKI WOMEN

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I love paki women and girls they look so horny and I love to see them...
What about you guys?

माँ (part-3)

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हेलो दोस्तों, आज जो माँ और बेटे की चुदाई कहानी बताने जा रही हु वो मेरी बेटे से चुदाई की कहानी हैं आज मैं बताउंगी कैसे बेटे से चुदवाई, कैसे बेटे से चूत चटवाई, कैसे बेटे से गांड मरवाई, कैसे बेटे ने मुझे नंगा करके चोदा, कैसे बेटे ने मेरी चूत और गांड दोनों को मारा, कैसे बेटे ने मेरी चूत को चाटा, बेटे ने मेरी चूचियों को चूसा और कैसे बेटे ने मेरी चूत फाड़ दी । मैं किरण ४० साल की हु, ये बेटे ने माँ का बलातकार किया कहानी मेरे और मेरे बेटे के बारे में है. मेरे पति देव का देहांत आज से आठ साल पहले हो गया था, मैंने अपने बेटे के साथ मैं दिल्ली के द्वारका में रहती थी, मैं अपनी ज़िंदगी से काफी डरी हुई थी, क्यों की मुझे पहले ही बहुत सारे दुखो का सामना करना पड़ा था, माँ की चुदाई बीवी समझकर बेटे ने अपनी माँ को चोदा।
अब मैं नहीं चाहती थी की कोई दुःख हो, मैंने स्कूल में टीचर हु, मेरे पति जब से गए तब से मेरा बेटा मेरे साथ ही सोता था, क्यों की उससे डर लगता था, मैंने भी उससे अपने साथ सुलाती थी, मेरे मन में कभी कोई ख्याल आया भी नहीं था की बेटा जवान हो रहा है, ज़िंदगी अच्छी चल रही थी, पर रात को कई बार मैंने उसको देखा की वो मेरे प्राइवेट पार्ट को छू रहा होता था, मैंने समझती थी की वो गलती से छु गया होगा, आज से चार महीने पहले उसकी शादी कर दी, लड़की बहुत सुन्दर है, पर वो मुझमे ज्यादा दिलचस्पी लेता है.एक दिन की बात है बहु अपने मायके गई थी, रात को वो वापस आया पब से और मुझे आके कहा माँ आज मैं आपसे एक बात करना चाहता हु, मुझे गौरी (उसकी पत्नी ) में ज्यादा इंटरेस्ट नहीं है, मैं अगर उसके साथ ज़िंदगी काटूंगा तो उसमे आपकी भी भागीदारी होनी जरूरी है, तो मैंने कहा बेटा मैं तो तुम्हारी माँ हु, मेरी भागीदारी तो जब तो मेरे पेट में था तब से ही है, और जब तक मैं ज़िंदा रहूंगी तब तक मैं मेरा फ़र्ज़ बनता है मैं साथ दूंगी, बेटा माँ कभी भी अपने बच्चों का साथ नहीं छोड़ती है। मैं तो तुमसे ऐसे भी बहुत प्यार करती हु मैं तुमसे अलग होने का सोच भी नहीं सकती.तभी मेरा बेटा बोला माँ आप भी ना फ़िल्मी डाइलोग सुनाने लग जाती हो, मैं आपको एक माँ के रूप में नहीं मैं आपसे तभी वो चुप हो गया मैंने पूछा हां हां बताओ क्या बात है क्या चाहिए तुम्हे? तो वो बोला मुझे सेक्स करना है आपसे, मैं अवाक् रह गई मैं सन्न हो गई, मैंने कहा ये क्या कह रहे हो?
तो बोला आप इतने बैचेन क्यों हो रहे हो, ये कोई नहीं बात नहीं है, मैंने कई बार आपसे सेक्स सम्बन्ध बनाये है, मैं चौक गई मैंने कहा मैं तो नहीं, कब कैसे, तो उसने बताया कई बार जब मुझे आप रात में पानी लाने या तो कभी प्यार से मैं खुद आपसे लिए चाय बनता था मैंने उस्समे नींद का टेबलेट डाल देता था, फिर मैं आपके साथ सम्बन्ध बनाता था. मैंने उसको एक थपड खीच के मार, और कहा हराम ज्यादा तुम्हे शर्म नहीं आई एक विधवा माँ के साथ ये हरकत करते हुए, एक पाक रिश्ता होता है माँ बेटे के साथ पर तुमने इस रिश्ते को तार तार कर दिया, मैंने तुम्हारी शादी कर दी, जितना मुह मारना है गौरी पे मारो वो जवान है खूबसूरत है, लड़की है, जितना तेरे में दम है उतना सेक्स करो कौन मना करता है, तो बेटा बोला अगर आपको ये अच्छा नहीं लगता है तो मैं घर से चला जाऊंगा, गौरी मेरे प्राइवेट पार्ट को अपने अंदर डलवाने से डरती है उसका छेद काफी छोटा है, मैं सेक्स के बिना रहा नहीं जा रहा है, अगर आप मुझे मना कर दोगे तो समझो की मैं गया.मैंने डर गई मुझे बेटा खोने का डर था, आप ये कहानी आप निऊ हिंदी सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है। मैं चुपचाप बैठ गई, उसी से पानी मांगे और पि, फिर मैं सोची इसके सिवा तो मेरा कोई और नहीं है अगर ये भी मुझसे रूठ के चला गया तो मेरा क्या होगा और गौरी का क्या होगा जिसके शादी के अभी सिर्फ दस दिन ही हुए है, इस लिए मैंने कहा ठीक है, पर ये बात कभी भी गौरी को मत बताना, उसने कहा ठीक है |
उसी रात से मेरे बेटे के साथ मेरा सेक्स सम्बन्ध कायम हो गया, वो मुझे कहा की आप थोड़ा अब आप थोड़ा बन ठन के रहो ऐसे भी आप बहुत खूबसूरत हो, कोई नहीं कहेगा की आप चालीस साल की हो, आप तो गौरी को भी फेल कर देती हो, आपको चूचियों मुझे काफी पसंद है, जब से मैं आपके साथ सोया तब तक मैं रात भर आपके चूचियों पे हाथ रख कर सोया था और आज मुझे आप अलग कर रही थी, मैंने कहा ठीक है हाथ मुह धो लो खाना निकलती हु, दोनों खाना खाए और मैं अंदर नाईट सूट पहन ली, उस दिन मैंने पिंक कलर का नाईट सूट पहनी, अंदर मैंने ब्रा नहीं पहनी थी, बाल खुले छोड़ दिए थे पिंक कलर की लिपस्टिक लगाईं हुई थी, जब मैं उसके सामने आई वो बोला बाउ बस मैं यही चाहता था,और वो फिर मेरे ऊपर टूट पड़ा मुझे बेड पे पटक दिया और मेरे चूचियों को दबाते हुए पिने लगा, मेरे कपडे उतार दिए, मैंने भी मूड में आ गई मैं भी उसका लैंड अपने हाथ में लेके हिलाने लगी, मेरा बेटा कह रहा था लव यू डार्लिंग, मैंने भी लव यू कह रही रही थी, बेटे ने मेरे शरीर को ऊपर से निचे अपनी जीभ से चाट रहा था, फिर वो अपना लंड निकाल कर मेरे मुह में डाल दिया मैं काफी देर तक चूसी फिर वो मेरे मुह में झड़ गया मैं उसके सीमन को पि गई, काफी दिन बाद मैंने सीमन पि थी, आज मेरे गले को थोड़ा ठंडक मिला था। अब मैं भी चुदना चाहती थी मैंने उसको कहा अब मुझे मत तड़पा, फिर वो मेरे जांघो को अलग अलग कर दिया और अपना लंड मेरे चूत के ऊपर लगा के अंदर डाल दिया,
वो धक्के पे धक्के देने लगा पूरा कमरा फच फच की आवाज से गूँज रही थी, मैंने भी अपना चूतड़ उछाल उछाल के चुदवा रही थी, उस रात को मुझे बहुत चोदा, अब मैं क्या बताऊँ गौरी भी आ गई है, गौरी जब स्कूल जाती है, वो एक स्कूल में टीचर है, तब वो मुझे चोदता है, आज कल मैं भी खुश हो क्यों की सेक्स तो सब को चाहिए आज कल मेरे गालों पे लाली फिर से आने लगी है, जैसे की पतझड़ के बाद बहार आता है वैसे ही मेरे सुनें ज़िंदगी के बाद एक बार बहार आ गया है, चाहे वो बहार लाने बाला मेरा बेटा ही क्यों ना 


2.हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम स्नेहल है और में बी कॉम के आखरी साल में पढ़ता हूँ। दोस्तों यह कहानी उस वक़्त की है जब मेरे पापा उनके किसी काम से कहीं बाहर गए हुए थे। उस वक़्त घर पर में और मेरी सेक्सी मम्मी दोनों ही अकेले थे। दोस्तों में अपनी इस घटना को सुनाने से पहले आप सभी को अपनी मम्मी का परिचय दे देता हूँ। मेरी मम्मी का फिगर 36-24-36 है और वो इतनी सेक्सी लगती है कि कोई भी उनको देखकर उनकी चुदाई करने की इच्छा रखता है। अब में आप लोगों को घुमाना नहीं चाहता और इसलिए में सीधे अपने जीवन के सच्चे अनुभव बेटे ने मम्मी की चूत फाड़ी की तरफ ले चलता हूँ। एक दिन मेरे पापा अपने काम की वजह से वो गोवा गये हुए थे और में घर पर अपनी मम्मी के साथ था। फिर उस समय मेरी मम्मी सब्जी लेने बाजार में गयी हुई थी और जब वो सब्जी लेकर वापस आई तो वो अपने कपड़े बदलने के लिए कमरे में चली गयी और तब उन्होंने अपना दरवाजा खुला छोड़ दिया। 
में तुरंत वहां पर चला गया और तब मैंने देखा कि वो उस समय अपना दरवाजा बंद करना भूल गई है और मैंने वहां छुपे छुपे थोड़ा सा दरवाजा खोला और में अंदर देखने लगा। मम्मी ने अपनी साड़ी उतारी और उसके बाद में उन्होंने अपना ब्लाउज भी उतार दिया, जिसकी वजह से अब मम्मी सिर्फ़ अपनी ब्रा और पेंटी में खड़ी हुई थी। अब यह नजारा देखते ही मेरा लंड तुरंत तनकर खड़ा हो गया और में कुछ देर मज़े लेकर अपने कमरे में चला गया और में अपना लंड हाथ में लेकर मसलने लगा। अपने लंड को सहलाने लगा और में कुछ देर बाद में अपने दोस्त के साथ बाहर चला गया
फिर जब में लौटकर वापस आया तो मेरी मम्मी ने खाना टेबल पर रख दिया था और में खाना खाकर बाहर के रूम में जाकर सो गया। फिर रात को अचानक मेरी जब नींद खुल गयी तो मैंने देखा कि मेरी सेक्सी मम्मी भी उस समय आगे के रूम में मेरे पास वाले बेड पर सोई हुई है। करीब 15 मिनट तक में उनको देखता ही रहा और उन्होंने उस समय बहुत ही सेक्सी गाउन पहना हुआ था, लेकिन अब मुझसे रहा नहीं गया और में धीरे से उनके पास जाकर बैठ गया और मैंने मम्मी को धीरे से हिलाया और चेक किया कि वो सो गयी है या अभी जाग रही, लेकिन वो तो उस समय पूरी तरह से सोई हुई थी, इसलिए मैंने थोड़ी हिम्मत करके धीरे से अपना एक हाथ उनके गोरे, बड़े और सेक्सी बूब्स पर रख दिया और मम्मी की तरफ से कोई भी हलचल ना देखकर थोड़ी और हिम्मत करके मैंने थोड़ी देर के बाद अपने दूसरे हाथ से उनके गाउन की चैन को धीरे धीरे खोलना शुरू कर दिया और उसके बाद मैंने अपना एक हाथ उनके बूब्स पर रख दिया और अब में धीरे धीरे उनके बूब्स को दबाने लगा। तब मैंने महसूस किया कि उनके वाह क्या मस्त मुलायम बूब्स थे, वो बहुत ही बड़े आकार के और सेक्सी थे आर मैंने करीब बीस मिनट तक उनके बूब्स को दबाया और उनको सहलाया।
फिर उसके बाद में धीरे से उठकर उनके दोनों पैरों के बीच में जाकर बैठ गया और अब में अपना हाथ धीरे धीरे उनकी चूत के करीब ले गया और फिर में अपने हाथ को उनकी चूत के ऊपर फेरने लगा। में उनकी चूत को छूकर महसूस करने लगा और सहलाने लगा। मुझे यह सभी काम करने में बहुत मज़ा आ रहा था। तभी थोड़ी देर के बाद अचानक से मेरी मम्मी जाग गयी और तब उन्होंने देखा कि मेरा हाथ उनकी चूत पर है तो वो यह सब देखकर एकदम घबरा गई, तो उसी समय मैंने उनसे बोला कि मम्मी अगर आपको ऐतराज ना हो तो क्या में आपको चोद सकता हूँ। दोस्तों मम्मी मेरे मुहं से यह बात सुनकर पहले से ज्यादा घबरा गई। वो मेरी उस बात को सुनकर बड़ी चकित थी और इसलिए वो मुझसे बोली कि तुझे पता भी कि तू मुझसे यह सब क्या कह रहा है और अगर तेरे पापा को यह बात पता लगी तो क्या होगा, तुम्हे मालूम है? मैंने कहा कि किसी को कुछ भी पता नहीं पड़ेगा और में किसी से कुछ नहीं कहूँगा और आप भी मत बताना। उसके बाद मैंने अपनी माँ को बहुत देर तक समझाया तब जाकर वो तैयार हुई और उनकी तरफ से हाँ सुनकर अब मुझे कौन रोक सकता था? इसलिए में तुरंत कूदकर अपनी मम्मी पर चड़ गया और में उनको होंठो पर किस करने लगा।
फिर कुछ देर बाद मम्मी भी मुझे अपने होठों से अपना जवाब देती हुई मेरा साथ देने लगी थी, उनका जोश देखकर मैंने सही मौका समझकर मम्मी का वो गाउन पूरा उतार दिया और अब मैंने उनको अपने सामने पूरा नंगा कर दिया। अब मम्मी ने भी मेरे सारे कपड़े उतार दिए और वो मेरे लंड को अपने मुहं में लेकर लोलीपोप की तरह चूसने लगी, जिसकी वजह से हम को बहुत मज़ा आने लगा और थोड़ी देर के बाद मैंने मम्मी को बेड पर लेटा दिया और अब में दोबारा उनके ऊपर चड़ गया और मैंने अपना तनकर खड़ा लंड उनकी चूत के छेद पर रखकर एक ज़ोर का झटका लगा दिया। फिर उसकी वजह से मम्मी के मुहं से सस्स्स्स्सस्स आह्ह्ह्हह्ह आईईईई ज़ोर से आवाज़ निकल गयी और में उनकी चीख को सुनकर एकदम से घबरा गया कि कहीं मेरे जोरदार धक्के के वजह से मम्मी की चूत फट तो नहीं गई और अगर ऐसा हुआ तो हमारे सामने समस्या खड़ी हो जाएगी और यह बात सोचकर में बहुत ज्यादा डर गया।


उस दर्द की चीख की वजह मैंने मम्मी से भी पूछा, तो मम्मी ने मुझसे बोला नहीं बेटे अभी मेरी चूत नहीं फटी है, लेकिन अब तुम मेरी चूत को फाड़ दो और मेरी इस प्यास को बुझा दो, तुम मुझे आज अच्छी तरह जमकर चोदो और मुझे चुदाई का पूरा मज़ा दे दो। वैसे भी मुझे यह सब करे हुए बहुत समय हो गया है, क्योंकि तुम्हारे पापा को समय ही नहीं मिलता या वो बहुत थके होते है। अब मैंने उनके मुहं से यह बात सुनकर बहुत खुश होकर में अब ज़ोर ज़ोर से धक्के देने लगा और मम्मी भी नीचे से ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाती हुई मेरे धक्को का जवाब देती रही। इस तरह हम दोनों ने करीब आधे घंटे तक धक्के देकर चुदाई के बहुत मज़े लिए उसके बाद मैंने मम्मी से कहा कि अब आप उल्टा लेट जाओ और अब में आपकी गांड मारूँगा।

फिर यह बात सुनकर मम्मी ने मुझसे कहा कि नहीं बेटे तेरे पापा ने आज तक मेरी गांड नहीं मारी, हाँ उन्होंने कभी कभी मेरी गांड में अपनी ऊँगली जरुर डाली, लेकिन कभी लंड नहीं डाला। तुम रहने दो मुझे बहुत दर्द होगा और अब तू मेरी गांड मारेगा तो शायद वो आज फट जाएगी और उसका छेद भी बहुत छोटा और टाईट है इसमे तुम्हारा मोटा लंबा लंड नहीं जाएगा और तू तो अपना यह लंड मेरी चूत में डालकर ही इसके साथ मज़े कर ले। फिर मैंने मम्मी से कहा कि पहली बार आपको थोड़ा सा दर्द जरुर होगा, लेकिन उसके बाद में आपको बहुत अच्छा लगेगा और आपको मेरे साथ अपनी गांड में लंड लेने में बड़ा मज़ा आएगा और मेरे समझाने पर मम्मी तैयार हो गई और में उनके ऊपर आ गया। 

फिर मैंने अपना लंड मम्मी की गांड के छेद पर रख दिया और एक ज़ोर का झटका दिया जिसकी वजह से मेरा आधा लंड मम्मी की गांड में घुस गया, लेकिन दर्द की वजह से मम्मी अब बहुत ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी और वो मुझसे कहने लगी कि बाहर निकाल तेरा लंड ऊऊईईईईईईईइ माँ में मर गई निकाल इसको बाहर वरना यह मेरी गांड को फाड़ देगा ऊउफ़्फ़्फ़ मुझे बहुत दर्द हो रहा है आह्ह्हह्ह में मर जाउंगी प्लीज अब बाहर निकाल इसको, लेकिन में तो उनकी बात को सुने बिना अब और भी ज़ोर ज़ोर से धक्के लगा रहा था। फिर कुछ देर बाद मैंने महसूस किया कि अब मम्मी को भी मुझसे अपनी गांड मरवाने में बड़ा मज़ा आने लगा था और इसलिए वो भी अब अपनी तरफ से ज़ोर ज़ोर से धक्के देने लगी और थोड़ी देर के बाद मैंने वापस मम्मी को सीधा लेटा दिया और मैंने दोबारा उनकी चूत में अपना लंड डाल दिया।
में उनको जोरदार धक्के देकर चोदने लगा और जब मेरा वीर्य निकलने वाला था तो मम्मी से पूछा कि में इसको कहाँ निकालूं? तब उन्होंने मुझसे बोला कि तुम अपना लंड मेरी चूत से बाहर मत निकालना और तुम अपना वीर्य मेरी चूत में ही डाल देना और अब मैंने ठीक वैसा ही किया मैंने जोरदार धक्को के साथ अपना पूरा वीर्य उनकी चूत की गहराइयों में ही डाल दिया। उसके थोड़ी देर के बाद मैंने हम दोनों उठकर साथ में बाथरूम में नहाने चले गए। हम साथ में नहाने लगे और नहाकर वहां से बाहर निकलने के बाद हमने एक बार फिर से सेक्स किया और मस्त चुदाई के मज़े लिए और उसके बाद में खाना खाकर सो गया। दोस्तों सच कहूँ तो उस चुदाई से हम दोनों ही बहुत खुश थे, जिसमे उन्होंने भी मेरा पूरा पूरा साथ दिया और हमने चुदाई के मस्त मज़े लिए ।।

माँ (part-4)

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 यह मेरी पहली कहानी है और प्लीज मुझे मेरी कोई भी गलती के लिए आप माफ़ भी जरुर करे। दोस्तों इस कहानी में मेरे पापा, मम्मी के बीच जो सब कुछ हुआ, में वो बताने जा रहा हूँ और में उम्मीद करता हूँ कि मेरे बीच घटी इस घटना को आप जरुर पसंद करेंगे और अब आगे पढ़कर देखे उस रात को क्या क्या हुआ? दोस्तों यह बात तब की है, जब में उस दिन बहुत गहरी नींद में सो रहा था। कुछ देर सोने के बाद जैसे ही में दूसरी तरफ करवट लेकर लेट गया। उसके बाद मैंने जो सब देखा, उसको देखकर में बिल्कुल चकित रह गया, क्योंकि मैंने देखा कि पापा उठकर माँ के पैरों के बीच में बैठ गये और वो उनके पैरों को पकड़कर उनके टखनो को चूमने और चूसने लगे। अब माँ अपने पैरों को पीछे खीचना चाह रही थी, लेकिन पापा ने उनको बहुत ज़ोर से पकड़ रखा था, इसलिए वो ऐसा ना कर सकी और पापा ने माँ के दोनों टखनो को बारी बारी से चूमा और चूसा इस वजह से माँ भी चुपचाप लेटी रही।
फिर मैंने अब उन लोगों की तरफ करवट ले ली और पापा उठकर माँ की कमर के पास जाकर बैठ गए। उसके बाद पापा ने माँ के पैरों को दबाना शुरू किया और पैर दबाते दबाते पापा अपना हाथ भी ऊपर की तरफ बढ़ा रहे थे, जिसकी वजह से पापा के हाथों के साथ साथ अब माँ का पेटिकोट भी उठ रहा था और पापा ने अपने हाथों से माँ के पेटिकोट को उनके घुटनों के ऊपर तक उठा दिया और तब उनके दोनों पैर नंगे हो चुके थे। अब माँ बहुत डर रही थी और वो चुपचाप लेटी हुई थी और पापा धीरे धीरे अपना हाथ माँ की जांघों पर फेरने लगे और फिर धीरे से अपने हाथ को ऊपर की तरफ ले जाने लगे थे और अब उनका हाथ माँ की कमर तक पहुंच गया और फिर वहीं पर रुक गया, वो माँ की गोरी गदराई कमर पर बहुत प्यार से हाथ फेरने लगे थे, साथ में उनकी कमर को चूमने भी लगे थे, उनकी नाभि को भी किस करने लगे थे और वो अपना हाथ भी इधर उधर घुमाकर माँ के पेटिकोट के नाड़े तक पहुँच गये। फिर पापा ने अपने एक हाथ से माँ की चूत के ऊपर रखकर उनके पेटिकोट का नाड़ा भी खींच दिया और नाड़ा खींचते ही माँ का पेटिकोट ढीला होकर कमर पर खुल गया।

फिर पेटिकोट खोलने के बाद पापा अपना हाथ माँ के बूब्स पर ले गये और वो उनके बूब्स को पकड़कर धीरे धीरे दबाने लगे। तभी माँ मेरे पापा के हाथ को हटाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन पापा ने अपना हाथ नहीं हटाया और में उनके पास में लेटा हुए था और उस डर की वजह से माँ कुछ भी नहीं बोल पा रही थी और पापा भी चुपचाप माँ के पास में बैठकर उनके बूब्स से जी भरकर खेलते रहे और फिर बाद में उनकी ब्रा के हुक को भी खोल दिया और उनकी ब्रा को उतार दिया। अब माँ उनको रोकती रही, लेकिन पापा उनके बूब्स को अपने मुहं में भरकर चूसने लगे। पापा कुछ देर तक माँ की निप्पल और फिर बूब्स को सहलाते भी रहे और उसके बाद उन्होंने माँ को उल्टा लेटने के लिए कहा। अब माँ उल्टी लेट गयी और पापा उनकी नंगी पीठ को सहलाते रहे और कुछ देर बाद उनकी ब्रा को उनके बदन से खींचकर निकाल दिया। अब पापा पीछे से अपना हाथ बढ़ाकर उनके बूब्स को फिर से पकड़कर मसलने लगे और अपना मुहं नीचे की तरफ ले जाकर उनकी कमर और कूल्हों पर चुम्मा देने लगे, माँ उनको रोक नहीं पा रही थी। फिर पापा ने माँ के पैरों से उनके पेटिकोट को खींचकर उतार दिया, जिसकी वजह से अब माँ पूरी तरह से नंगी हो गयी और पापा के पास में लेटी रही। अब पापा ने भी अपनी शॉर्ट और अंडरवियर को उतार फेंका और उनके पैरों को फैला दिया।
अब पापा माँ की चूत को अपने हाथों में लेकर मसलने लगे थे और उसके अंदर उंगली डालकर अंदर बाहर करने लगे थे। पापा चूत में तब तक अपनी उंगली को डालते निकालते रहे, जब तक चूत से बहुत लार नहीं निकल जाए और वो कुछ देर बाद समझ गये कि अब माँ अपनी चूत को चुदवाने के लिए तैयार है। फिर पापा अपने आप को माँ की खुली हुए जांघों के बीच में पोज़िशन बनाकर उन्होंने अपना लंड उनकी चूत पर रख दिया और पापा ने अपनी कमर को हिलाकर अपने लंड को माँ की चूत के अंदर डाल दिया, जिसकी वजह से उनका लंड आसानी से माँ की चूत के अंदर समा गया और माँ भी अपनी कमर को उचकाकर लंड को अपनी चूत की और भी गहराई में लेने की कोशिश करने लगी। फिर पापा ने भी झटके मार मारकर माँ को चोदना शुरू कर दिया और में पास में लेटे हुए था, इसलिए वो ज्यादा आवाज नहीं कर सकते थे और ना ही ज्यादा उछल कूद कर सकते थे और इसलिए वो अपनी चुदाई बहुत धीरे धीरे धक्के देकर कर रहे थे धीरे धीरे चुदाई करने से उनको बहुत आनंद मिल रहा था और फायदा यह था कि पापा, माँ को ज्यादा देर तक चोद सकते थे, लेकिन माँ अब तक बहुत गरम हो चुकी थी और माँ ने अपना पैर उठाकर उनकी कमर पर रख दिया।
अब पापा उनके दोनों पैरों को अपने हाथों से पकड़कर उनको धीरे धीरे, लेकिन गहरे और जोरदार झटको के साथ चोदने लगे। फिर पापा ने देखा कि माँ अपने कूल्हों को अब ज़ोर ज़ोर से और जल्दी जल्दी उछाल रही है और वो अपने होंठो को चबा भी रही है। अब में समझ रहा था कि अगर में पास में ना सोता होता तो माँ ज़रूर जोश में आकर अपनी कमर को उछाल उछालकर उनका लंड अपनी चूत में लेती और बहुत मज़े करती। अब उन्होंने अपने दोनों पैरों को एक बार फिर से पापा की कमर पर रखकर कसकर उनको पकड़ लिया था, लेकिन तभी पापा ने मुझे जागते हुए देख लिया। फिर वो मुझसे कहने लगे कि बेटे तुम सोए नहीं? तब मैंने कहा कि मुझे नींद ही नहीं आ रही है, तो उन्होंने पूछा क्यों? तब मैंने कहा कि आप मम्मी के साथ पता नहीं क्या कर रहे हो? तो वो हंसते हुए पूछने लगे क्या तुमको भी करना है? तो मैंने उनको हाँ कर दिया और फिर वो मुझसे पूछने लगे कि अमित तुमने क्या अपनी माँ से सुंदर औरत कभी देखी है? में उनकी वो बात सुनकर एकदम चुप रहे। अब पापा फिर से कहने लगे कि में बहुत किस्मत वाला हूँ कि मुझे इतनी सुंदर और जवान औरत मिली। अब तक पापा ठीक तरीके से बोल रहे थे, लेकिन इसके बाद वो जो बोले उसके लिए में तैयार नहीं था।

अब पापा कहने लगे कि तुम्हारी माँ टॉप क्लास माल है, इसकी चूत और बूब्स को देखने के लिए और खाने के लिए गाँव के सभी लोग हमेशा तरसते रहते है और इसके उठे उठे और मस्त बूब्स और मोटी मोटी चिकनी जांघों को देखकर कोई भी पागल हो जाएगा। अब पापा फिर माँ से बोले कि जानेमन टावल को थोड़ा और ऊपर करो, आज थोड़ा हम बाप बेटे को तुम अपनी जवानी तो दिखाओ, अरे बेटा अभी छोटा है, उससे क्या शरमाना, अब आज इतना मत शरमाओ बहुत दिनों से तुम पूरी तरह से नंगा नहीं देखा है, प्लीज़ तुम इसको अपनी जवानी दिखा दो, माँ भी अब बेशरम होना चाह रही थी, लेकिन इस समय पापा मेरी माँ को अपने 18 साल के जवान बेटे के सामने नंगी करना चाह रहे थे। अब पापा ने फिर से माँ से बोला कि तेरे बेटे ने अभी तक कोई नंगी लड़की या औरत नहीं देखी है, तुम उसको दिखा दो कि औरत के दोनों पैरों के बीच में क्या होता है? और मस्त बूब्स कैसे होते है? तुम आज अपने बेटे को औरतों के खजानों को भी दिखा दो और मुझको भी दिखा दो तुम्हारा नंगा रूप। अब माँ उस समय बहुत चकित होकर पापा की तरफ देखने लगी कि आज वो ऐसे कैसे बातें बोल रहे है? माँ ने कोई भी जवाब नहीं दिया, वो एकदम चुप रही और अपने मुहं को बंद कर लिया, लेकिन पापा उनसे बोलते रहे थे, साली अपनी चूत और बूब्स को तू हमें दिखाएगी तो घट नहीं जाएगा, खोल दो टावल को और हम बाप बेटे को एक साथ अपनी जवानी देखने दो। 
अब माँ धीरे से पापा को देख रही थी और पापा उनके शरीर को घूर रहे थे, जब माँ मुझे देखने लगी, तब में माँ से इशारे से बोला, जिसके बाद वो नंगी हो गई। तब माँ ने धीरे से अपनी जांघों को खोला और फिर टावल को धीरे धीरे उठाकर अपनी जांघों से ऊपर उठा दिया और तब हम लोगों को माँ की चूत दिखाई देने लगी, लेकिन पापा तब भी खुश नहीं थे और उन्होंने माँ से बोला कि मीना अब बिल्कुल नंगी हो जाओ। तभी माँ ने टावल की गाँठ को खोल दिया और अपने ऊपर से टावल को हटाकर वो बिल्कुल नंगी हो गयी। मुझको अपने पापा के ऊपर बहुत हैरानी हो रही थी कि आज वो माँ कैसे यह सब करने के लिए बोल रहे है? दोस्तों मेरे पापा को अभी भी यह नहीं पता था कि में अपनी माँ की चूत को देखना तो क्या चोद भी चुका हूँ। तभी पापा मुझसे बोले कि देख बेटे तेरी माँ क्या मस्त माल है? तुम इतने मोटे और गोल गोल बूब्स कभी नहीं देखोगे, तुमने तो बस बचपन में इसको बहुत दबाया और इसका दूध पिया है, लेकिन इसको ऐसे दबाने और मसलने में ज्यादा मज़ा आता है, लेकिन तुम इसको कैसे दबाओगे, तुम तो बेटे हो? और बेटे को माँ के बूब्स नहीं दबाने चाहिए।

दोस्तों में अपनी माँ को पापा के सामने नंगी देखकर बहुत गरम हो गया था और मेरा लंड भी खड़ा हो गया था और मेरी पेंट से बाहर आने की कोशिश कर रहा था, में अपना पैर मोड़कर अपने खड़े लंड को दबा रहा था, लेकिन पापा की कहानी अभी तक खत्म नहीं हुई थी तो उन्होंने फिर माँ से कहा, रानी अब ज़रा अपनी चूत भी दिखा दो, इस पूरी दुनिया में तुम्हारी चूत से सुंदर कोई चीज़ नहीं है, तुम अपने पैरों को फैलाओ। फिर माँ ने पापा की उस बात को मानते हुए अपने पैरों को धीरे धीरे फैला दिया और माँ ने अपने पैरों को पूरा का पूरा खोलकर फैला दिया और तब तक वो फैलाती रही, जब तब ना उनके दोनों पैर खुल ना जाए और इस तरह से माँ की चूत पूरी तरह से खुलकर मेरे सामने आ गयी और मुझको इस समय माँ की चूत के अंदर गुलाबी गुलाबी माँस भी दिख रहा था, मुझको तो माँ की चूत का दाना भी दिख रहा था।
अब माँ भी अजीब हरकते करने लगी थी, माँ ने अपने सर को झुकाकर हम जिस कुर्सी पर बैठे थे, वो अपने आप को धकेलने लगी थी और माँ अपने आपको तब तक धकेलती रही, जब तक कि उनके पैरों ने मेरी कुर्सी को ना छू लिया। फिर माँ ने अपने दोनों पैरों को हवा में उठा लिया और वो अपने कूल्हों को मेरी कुर्सी की तरफ करने लगी, माँ के पैर अब मेरी कुर्सी तक पहुँच गए थे। मैंने माँ के दोनों पैरों को कसकर पकड़ लिया और माँ को अपनी तरफ खीँच लिया। अब मेरी माँ की चूत मेरे बिल्कुल नज़दीक हो चुकी थी और मैंने उनको अपनी तरफ और खींचा और फिर माँ ने ही अपने कूल्हों और भी ऊपर उठा दिया और तब उनकी चूत, मेरी कुर्सी साथ हो गई। अब पापा मेरी माँ के कारनामे देख रहे थे। तभी पापा मुझसे बोले अपनी माँ के पैरों को और भी फैलाओ, तब तेरी माँ की चूत पूरी तरह से खुल जाएगी और मैंने पापा की बात को मानते हुए माँ के पैरों को और भी फैला दिया, लेकिन पापा इससे संतुष्ट नहीं थे और वो खुद मेरे पास आकर बैठ गये और माँ के एक पैर को पकड़कर उन्होंने और भी फैला दिया। फिर मैंने भी पापा के साथ मिलकर माँ के एक पैर को खींच लिया। अब माँ के पैर करीब पूरे खुल गए थे और उनकी चूत भी पूरी तरफ से खुल गई थी और हम लोगों को उनकी चूत के अंदर भी साफ साफ दिख रहा था।
अब में माँ की चूत को पूरा खुला हुआ देखकर बहुत गरम हो गया और मैंने पापा से पूछा कि पापा क्या में माँ की चूत में अपना हाथ डाल दूँ? तभी पापा कहने लगे कि यह तेरी माँ है और तुझे तेरी माँ की चूत को नहीं छूना चाहिए, लेकिन तू अभी छोटा है, इसलिए ठीक है तू बस सिर्फ़ एक बार इस मस्तानी और रसीली चूत को छू सकता है। फिर मैंने पापा की बात को सुनते ही मैंने अपना एक हाथ अपनी माँ की चूत पर रख दिया। मैंने उनकी चूत को सिर्फ़ छुआ ही नहीं में उनकी चूत के दाने को अपने हाथ से रगड़ा और उनकी चूत के होंठो को भी अपनी उंगली से खींचा, जिसकी वजह से माँ उस समय बहुत कांप रही थी और छटपटा भी रही थी, लेकिन मेरे पापा की पकड़ बहुत मजबूत थी, इसलिए माँ अपनी जांघों को बंद नहीं कर सकती थी। फिर मैंने अपनी एक उंगली को अंदर डाल दिया, लेकिन सिर्फ़ एक उंगली से माँ की चूत को कुछ नहीं हुआ था, इसलिए मैंने फिर दो और फिर तीन उँगलियों को उनकी चूत में डाल दिया और में अपनी उँगलियों को माँ की चूत के अंदर बाहर करने लगा। दोस्तों में करीब दस मिनट तक अपनी माँ की चूत को अपनी उँगलियों से चोदता रहा, हम दोनों को बहुत मज़ा मिल रहा था और इसलिए बिना पापा से पूछे मैंने अपनी माँ की खुली और रसीली चूत पर अपना मुहं रख दिया, जिसकी वजह से माँ बहुत छटपटाई, लेकिन में उनकी चूत के बाहर और अंदर अपनी जीभ को डालकर उनकी चूत के हर हिस्से को चाट और चूस रह था और में अपने मुहं में उनकी चूत को लेकर करीब 15 मिनट तक चूसता रहा और अपनी उँगलियों से चोदता रहा, जिसकी वजह से माँ बहुत छटपटाती रही और वो बड़बड़ाती रही और फिर करीब दस मिनट के बाद माँ की चूत ने पानी छोड़ दिया, चूत के झड़ते ही माँ ने अपनी जांघों को बंद कर लिया और थोड़ी देर के बाद वो उठकर खड़ी हो गयी और पापा ने माँ से कपड़े पहन लेने के लिए कहा। फिर में और पापा कमरे में बैठकर टी.वी. देखने लगे। उस समय पापा सोफे पर बैठे हुए थे और में कुर्सी पर बैठा हुआ था।

थोड़ी देर के बाद माँ नंगी ही कमरे में चली आई। अब माँ का वो नंगा रूप और वो भी पापा के सामने देखकर में तो अपने आपे से बाहर हो गया और में पापा से बोला कि पापा मैंने माँ की चूत का तो मज़ा ले लिया है, लेकिन अभी तक उनकी मस्ताने बूब्स नहीं दबाए क्या में इनको थोड़ा सा दबाकर और चूसकर इनका मज़ा ले लूँ? और पापा के कुछ कहने के पहले ही मैंने अपनी नंगी घूम रही माँ को अपनी गोद में खींचकर बैठा लिया, माँ मेरी गोद में मेरी तरफ मुहं करके और अपने दोनों पैरों को मेरे दोनों तरफ करके बैठ गयी। अब पापा मेरी तरफ देखते हुए मुझसे बोले, बेटे आज तुम्हारे पास सही मौका है, तुम माँ का पूरा मज़ा ले लो, लेकिन देखो चोदना मत और चाहे जो कुछ भी कर लो, क्योंकि तू बेटा और यह तेरी माँ है और इसलिए तू अपनी माँ को चोद नहीं सकता, नहीं तो तू मादरचोद कहलाएगा, हाँ ऊपर ऊपर जो कुछ भी करना है कर ले, क्योंकि शाम को फिर मंजू घर पर आ जाएगी और तब तुझे ऐसा अच्छा मौका नहीं मिलेगा।
दोस्तों मुझसे इतना कहकर पापा एक बार फिर से अपना पेपर पढ़ने में व्यस्त हो गए और हम लोग एक दूसरे को चूमने लगे और एक दूसरे के शरीर पर हाथ फेरने लगे। अब मैंने कुछ देर बाद माँ की गांड को पकड़कर उनको थोड़ा सा ऊपर उठाया और मैंने अपनी पेंट को उतार दिया और पेंट के उतारते ही मेरा तनकर खड़ा मस्त लंड बाहर आ गया और उसको देखते ही माँ ने मेरे लंड को पकड़कर अपनी चूत से सटा दिया, मेरा लंड जैसे ही चूत के मुहं पर गया तो मैंने अपनी कमर को हिलाकर उसको माँ की चूत के अंदर कर दिया और लंड चूत के अंदर जाते ही माँ ने एक चैन की लंबी सांस ली और अपने कूल्हों को उठा उठाकर वो धीरे मेरे लंड को अपनी चूत के अंदर बाहर करने लगी। अब हम माँ और बेटा बहुत ही चिपककर बैठे थे और हम लोगों का निचला हिस्सा सोफे से छुपा हुए था और पापा हमारे पास ही बैठे थे, लेकिन हम लोग पापा के रहते ही चुदाई कर रहे थे और जब भी पापा पेपर से आँख उठाकर हम लोगों को देखते थे तो उनको में माँ के बूब्स को या तो दबाते या चूसते हुए दिख रहा था। 
अब हम लोग अपनी चुदाई को धीरे धीरे चला रहे थे और इसलिए पापा को कुछ समझ नहीं आया और उनके सामने ही में माँ को चोदता रहा और माँ मुझसे चुदवाती रही। फिर थोड़ी देर के बाद चुदाई करते करते माँ और में भी झड़ गया और माँ तुरंत उठकर बाहर चली गयी। अब में भी अपनी पेंट को पहनकर पापा के पास में बैठ गया और पापा को इस बात का धन्यवाद दिया, क्योंकि उन्होंने अपनी बीवी को मेरे सामने नंगी करके उनका नंगा मस्त रूप मुझको दिखा दिया। फिर पापा ने मेरी पीठ थपथपाई और बोले, बेटा यह बात बाहर किसी को ना कहना, लेकिन में अभी भी खुश नहीं था। अब में पापा को मेरे खड़े लंड को उनकी बीवी और मेरी माँ की चूत में डालते हुए बाहर आते हुए चोदते हुए दिखाना चाहता था। फिर मैंने पापा से कहा कि पापा मैंने माँ को पूरा नंगी देखा भी और उसकी चूत का मज़ा भी थोड़ा बहुत लिया है, लेकिन उसने मेरा लंड नहीं देखा है, इसलिए में एक बार अपने लंड को आपके सामने उसकी चूत मे रगड़ना चाहता हूँ। दोस्तों पापा पहले तो नहीं माने और मेरे बहुत बार कहने के बाद वो मान गये और वो मुझसे बोले कि ठीक है, तू अपना लंड खड़ा करके अपनी माँ की चूत के ऊपर ऊपर रगड़ लेना, लेकिन में फिर से कहता हूँ कि चोदना मत वो तेरी माँ है और में तुझको मादारचोद नहीं होने दूँगा। फिर मैंने झट से उठकर अपनी पेंट को खोल दिया। अब मेरा लंड अभी खड़ा नहीं था, क्योंकि मैंने अभी आधे घंटे पहले ही माँ को अपनी गोद में बैठाकर उनको चोदा था। तभी माँ थोड़ी देर के बाद कमरे में आ गई और में अभी भी नंगी ही थी। अब मैंने माँ से पूछा कि माँ चुदाई क्या होती है? माँ मेरे पास आकर खड़ी हो गयी और अपने हाथों से मेरे लंड को पकड़कर वो सहलाने लगी। फिर थोड़ी देर के बाद मेरा लंड माँ की चूत की खुशबू और उनके हाथों का स्पर्श पाकर खड़ा हो गया। तभी माँ ने अपने एक पैर को ऊपर उठाकर कुर्सी पर रख दिया और अपने हाथों से मेरे लंड को पकड़कर अपनी चूत पर रगड़ते हुए बोली, जब भी लंड चूत के अंदर जाता है तो उसको चुदाई कहते है।

दोस्तों माँ मुझसे बात कर रही थी और अपने हाथों से मेरे लंड को पकड़कर वो अपनी चूत के ऊपर रगड़ भी रही थी। मैंने जब माँ की चूत की तरफ देखा तो पाया कि मेरा लंड करीब एक इंच तक माँ की चूत में घुसा हुआ है, वो मेरे लंड को सिर्फ़ रगड़ती रही, लेकिन अपनी चूत में घुसने का नाम नहीं ले रही थी। फिर मैंने जब हल्के से धक्का मारा तो माँ मेरे लंड को छोड़कर मेरे सामने बैठ गयी और मेरे लंड को फिर से पकड़कर पापा को दिखाते हुए अपने मुहं में भर लिया और अब वो लंड को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी। दोस्तों मैंने देखा कि वो मेरे लंड को आँख बंद करके चूसती रही और में अपनी माँ से अपने पापा के सामने लंड चुसवाता रहा। फिर थोड़ी देर के बाद मुझे एहसास हुआ कि में अब झड़ने वाला हूँ और मैंने माँ के मुहं से अपना लंड बाहर खींचना चाहा, लेकिन उन्होंने मुझको और भी कसकर पकड़ लिया और में माँ के मुहं के अंदर ही झड़ गया, मेरे झड़ने के बाद माँ ने अपना मुहं खोला तो मैंने देखा कि माँ के मुहं के अंदर मेरे लंड से निकला गाढ़ा गाढ़ा सफेद पानी जमा हुआ था। अब माँ मुझे और पापा को दिखाते हुए वो सारा का सारा का पानी पी गयी और कुछ बूँद उनके मुहं से टपककर माँ के बूब्स पर गिर गई थी।
फिर माँ ने उनको अपने बूब्स पर मल लिया। अब पापा अपनी आँखे फाड़ फाड़कर माँ को देख रहे थे और वो मुस्कुरा भी रहे थे। तभी में अपनी पेंट को पहनते हुए पापा से बोला धन्यवाद पापा आज मुझे बहुत मज़ा आया और जब लंड को चूत पर रगड़ने में इतना मज़ा आता है तो पूरा लंड चूत में डालने में कितना मज़ा आएगा पापा? कभी मुझे भी माँ की मस्त और रसीली चूत के अंदर मेरा लंड डालकर चोदने दो, में आपसे वादा करता हूँ कि बस में माँ को सिर्फ़ एक बार ही चोदूंगा। फिर पापा बिल्कुल चुप बैठे रहे और मैंने माँ को फिर से अपनी गोद में खींच लिया और गोद में माँ को बैठाकर में कपड़ो के अंदर हाथ डालकर माँ की चूत और उनकी झांटो से खेलता रहा और पापा माँ के बूब्स से खेलते रहे। अब मैंने पापा से बिना पूछे माँ के पेटिकोट और ब्लाउज को उतारकर उनको नंगी कर दिया और उनके गोल गोल मस्त बूब्स को चार पाँच बार कस कसकर दबा दिया। में उनके बूब्स को दबाते हुए पापा से बोला पापा आज आपने माँ के बूब्स और चूत का बहुत मज़ा लेने दिया और अब हम लोग जब भी अकेले रहेंगे माँ को नंगा ही रखेंगे। फिर मेरी बात को सुनकर पापा मुझसे बोले कि बेटे क्या तुमको अपनी माँ के बूब्स और चूत बहुत पसंद आई? मैंने पापा से कहा कि किसको इतने मस्त बूब्स और चूत पसंद नहीं आयेंगे? फिर माँ को छोड़कर पापा के पैर दबाने लगा और थोड़ी देर के बाद पापा बोले कि बस बहुत हो गया, अब जाओ और सो जाओ। फिर मैंने पापा के पैरों को छोड़ते हुए बोला अब में माँ के पैर भी दबाना चाहता हूँ। 
में फिर माँ की तरफ मुड़कर माँ की हर अंग को मैंने बहुत अच्छी तरह से दबाया और कुछ देर बाद उनको उल्टा लेटा दिया और उनके गोल गोल और भारी भारी कूल्हों को दबाया और चूमा, जिसकी वजह से अब में बहुत गरम हो गया था और में माँ को चोदना चाहता था, इसलिए मैंने अपने पापा से कहा कि पापा मेरा लंड माँ पहले ही चूस चुकी है और अपनी चूत से रगड़ भी चुकी है, अब आप मुझे उसकी चुदाई भी करने दो, में किसी को नहीं बोलूँगा कि मैंने अपनी माँ को चोदा है। फिर पापा ने मेरी बातों पर कुछ नहीं कहा। मैंने फिर से उनसे कहा तो उन्होंने ना कर दिया और मैंने फिर से अपने पापा से कहा क्या पापा आप अपने बेटे को मज़ा नहीं करने दोगे? प्लीज अपनी बीबी को मुझे चोदने दो, में नहीं करूंगा तो मेरा लंड फूल फूलकर फट जाएगा और अब तक मेरा लंड जो कि खड़ा होकर झूल रहा था और मेरे लंड को देखते ही पापा मेरी बात मान गये और बोले कि हाँ ठीक है, तू अपनी माँ को एक बार जरुर चोद सकता है, मुझसे तेरे लंड की तकलीफ़ नहीं देखी जाती, जा अपनी माँ पर चड़ जा और तू अपना खड़ा लंड अपनी माँ की चूत में डाल दे।

अब पापा की वो बात सुनते ही में माँ पर चड़ गया, कमरे में लाईट जल रही थी और उस लाईट में माँ का नंगा शरीर चमक रहा था। मैंने सबसे पहले माँ की चूत को बहुत जमकर चूसा। फिर उनकी चूत और गांड में अपनी उंगली को डालकर चोदा और मेरी उंगली से माँ बहुत गरमा गयी और उन्होंने अपने हाथों से मेरा लंड पकड़कर अपनी चूत से सटा दिया और चूत से लंड छूते ही मैंने उनकी रसीली चूत में अपना लंड कमर के एक झटके के साथ अंदर डाल दिया और मेरा लंड माँ की चूत के अंदर जाते ही माँ मुझसे लिपट गयी और बड़बड़ाने लगी और मेरे हर धक्के का जवाब माँ अपनी कमर को उछाल उछालकर दे रही थी और अपनी चूत में मेरा लंड पापा को दिखाते हुए वो खूब मज़े से ले रही थी। फिर उन्होंने अपने पैर ऊपर उठाकर घुटनों से मोड़ लिया और उसने अपने घुटनों को दोनों हाथों से पकड़ लिया, ऐसा करने से उनकी चूत पूरी खुल गयी और मुझको धक्का मारने के लिए बहुत जगह मिल गई और माँ मुझसे लिपटे हुए बोली ओहह्ह्ह बहुत अच्छे साले मादारचोद, चोद साले चोद माँ की खुली चूत को धक्के मारकर चोद, वाह तेरा लंड बहुत मस्त है मार धक्का और ज़ोर से ऊऊऊह्ह्ह्हह हाँ ऐसे ही मारते रहो, आआआहह बस में अब झड़ने वाली हूँ, तू धक्का मार और ज़ोर ज़ोर से मार। फिर थोड़ी देर के बाद माँ झड़कर चुपचाप लेट गयी, लेकिन मेरे लंड ने अभी तक पानी नहीं छोड़ा था और में चूत के अंदर अपना लंड डालता रहा।
में माँ के दोनों बूब्स को पकड़कर उनकी चूत के अंदर अपना लंड धनाधन डालता रहा। फिर माँ मुझसे बोल रही थी, उफफ्फ्फ्फ़ आह्ह्हह्ह्ह्ह अब बस कर मुझे बहुत जलन हो रही है, अब इसको बाहर निकल ले, लेकिन मैंने धक्के देना बंद नहीं किया और थोड़ी देर के बाद अब में भी झड़ गया था। फिर मैंने देखा कि माँ उस समय मेरे साथ अपनी चुदाई करवाकर बहुत खुश थी और पापा उनके पास में लेटकर हम लोगों की चुदाई को ध्यान से देख रहे थे। फिर जब हमारा काम खत्म हुआ तो पापा मुझसे बोले, अमित क्या तुम्हें चुदाई का मज़ा आया? में पापा से बोला कि हाँ पापा माँ की चूत में अपना लंड डालकर उनकी चुदाई करने में मुझे बड़ा मज़ा आया। अब तो में हर रोज माँ की चूत मारूँगा, क्योंकि माँ की चूत में और उनके शरीर में बहुत मस्ती है और में माँ साथ ही शादी करूँगा। अब मैंने माँ से पूछा क्यों माँ मुझसे चूत मरवाकर मज़ा आया कि नहीं? आप सच सच बोलना माँ, क्या मैंने ठीक तरीके से तुम्हारी चूत को चोदा है कि नहीं?
तभी वो मेरे मुरझाए हुए लंड को अपने हाथों से सहलाते हुए बोली कि बेटे तुमसे चूत मरवाकर मुझे बहुत मज़ा आया, आज सालो बाद मेरी चूत को इतना मज़ा आया है और आज मेरी चूत ने बहुत दिनों के बाद भरपेट लंड का धक्का खाया है, तेरा लंड बहुत मस्त और तगड़ा वाला है और इसने मेरी चूत को पानी पानी कर दिया और यह चूत आज से अब तुम्हारी है, तुम्हें जब भी मन करे चोद लेना, ना में कुछ कहूँगी और ना ही तेरे पापा कुछ कहेंगे, हाँ एक बात और है, जब जब मेरी चूत को तेरे लंड की ज़रूरत होगी, में भी तेरे लंड को अपनी चूत को खिलाऊँगी, तब मना मत करना। फिर थोड़ी देर के बाद में उठ बैठा और माँ से बोला कि माँ अभी तो में सोने जा रहा हूँ, रात को अगर मेरी नींद खुली तो में तुम्हें फिर से चोदने के लिए कमरे में आ जाऊंगा, इसलिए तुम अभी नंगी ही सो जाओ। फिर उसके बाद में बहुत गहरी नींद में सो गया और जब मेरी आँख खुली तो सवेरे के 5.00 बज रहे थे।

फिर मैंने उठकर अपना अंडरवियर पहन लिया और अपनी मम्मी पापा के कमरे की तरफ चल दिया। फिर मैंने देखा कि माँ अभी भी नंगी ही सो रही थी और में चुपचाप जाकर माँ के पास में लेट गया और उनको बिना जगाए ही मैंने अपना लंड उनकी चूत में डाल दिया, मेरा लंड उनकी चूत में घुसते ही वो जाग गयी और वो मुझसे बोली बेटे खाली लंड अंदर डाले रहो, धक्का मत मारना। फिर मैंने उनकी बात को मानते हुए अपना लंड माँ की चूत के अंदर डालकर लेट गया और थोड़ी थोड़ी देर के बाद एक हल्का सा धक्का भी मारने लगा और उस समय सुबह सुबह माँ की चूत बिल्कुल सुखी और टाईट महसूस हो रही थी और मुझे उनकी चूत एक कुंवारी लड़की की चूत की तरह लग रही थी और माँ मुझको चूमते हुए और अपने एक बूब्स को मेरे मुहं में डालते हुए बोली, बेटे आज तो तुमने अपने बाप के सामने अपनी माँ को चोदा है और अब एक दो दिन के बाद में अपनी बेटी के सामने भी तुझसे अपनी चुदाई करवाउंगी, तब देखना तेरी दीदी कैसे मस्त हो जाती है और मौका पाते ही वो भी तुझसे अपनी चूत मरवाएगी। दोस्तों उस समय में उनको बहुत धीमी ताल में धक्के देकर चोद रहा था और इसलिए में करीब एक घंटे के बाद झड़ गया, जब में माँ की चूत के अंदर झड़ा और माँ ने अपनी चूत को साफ किया, तब बहुत दिन निकल आया था और वो उठकर बाथरूम में चली गयी। फिर उसके बाद पापा माँ से बोले, रानी सुबह सुबह एक बार अपने बेटे का लंड चूसकर दिखा दो, माँ तो इसके लिए हमेशा तैयार रहती है, इसलिए माँ तुंरत मेरे सामने ज़मीन पर बैठ गयी और वो मेरा मुरझाया हुआ लंड अपने मुहं में भरकर चूसने लगी। उनके मुहं की गर्मी और उनके धीरे धीरे अंदर बाहर करके चूसने से मेरा लंड थोड़ी ही देर में ही खड़ा हो गया और जैसे ही मेरा लंड खड़ा हो गया। 
फिर पापा मुझसे बोले कि देख बेटे माँ के मुहं की गर्मी से तेरा लंड खड़ा हो गया है, अब तू अपने इस खड़े लंड को माँ की चूत में डाल दे। फिर मैंने अपने पापा की बात को मानते हुए झुकाकर माँ को उनके चार हाथ पैर पर झुका दिया और उनके पीछे जाकर मैंने अपना लंड उनकी चूत में डाल दिया और लंड को डालने के बाद में माँ के दोनों कूल्हों को पकड़कर ज़ोर ज़ोर धक्के मारकर उनको चोदने लगा। फिर वो भी इस समय बहुत गरम हो गयी थी और वो भी अपनी कमर को हिला हिलाकर मेरा लंड अपनी चूत के अंदर बाहर कर रही थी और माँ मुझसे बोल रही थी उफफ्फ्फ्फ़ हाँ मार बेटे और मार अपनी माँ की चूत मार, तू अपने पापा की बात मान और अपने पापा के सामने अपनी माँ को चोद, मेरी चूत को फाड़ डाल ओह्ह्हह्ह्ह्ह आहहह्ह्ह्ह में अब झड़ने वाली हूँ बेटे, अब रुकना नहीं और तेज़ी से धक्के देकर चोद मेरी चूत को। फिर में भी अब खुश होकर तेज़ी से माँ की चूत में अपना लंड अंदर बाहर करते हुए उनको चोद रहा था। तभी थोड़ी देर के बाद माँ पहले झड़ी और फिर में भी झड़ गया और पापा अपनी बीवी की चुदाई देखकर बहुत खुश थे और माँ के एक बूब्स मलते हुए वो बोले कि तेरा बेटा तेरी चूत की खूब अच्छी चुदाई करता है, अब जब मन करे तब तू अपने बेटे के लंड से अपनी चूत की चुदाई करवा लेना ।।

बहन (part-3)

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दोस्तों यह बात तब की है जब मेरी दीदी और जीजाजी गुजरात के सूरत शहर में रहते थे। मेरे जीजाजी एक सरकारी ऑफिस में नौकरी करते थे उन्ही दिनों मेरे जीजाजी को ड्रग्स लेने के एक गंदी आदत लग गयी और वो धीरे धीरे उसी में डूबते चले गये। उनका वो शौक पहले से ज्यादा बढ़ने लगा जिसकी वजह से अब हर रोज उनके नये नये दोस्तों को वो अपने साथ में घर तक भी लाने लगे थे, जिसकी वजह से दीदी ने उनको उस काम को बंद कर देने के लिए बहुत बार कहा और वो उनसे नाराज भी बहुत होती थी, लेकिन जीजाजी को उनको बातों से कोई भी फर्क नहीं पड़ा और वो अपने काम में लगे रहे।
दोस्तों शुरू में तो यह सब उन्ही तक सीमित था, लेकिन एक दिन उनके कुछ अय्याश दोस्तों ने ड्रग्स दिलाकर मेरी दीदी की चुदाई करने का प्लान बनाया और उन दिनों घर की हालत कुछ ठीक नहीं थी और जीजाजी को ड्रग्स लेने के पैसे भी कम पड़ रहे थे, इसलिए वो अपने अय्याश दोस्तों के कहने में आकर उनके चंगुल में फँस गये। फिर उस रात को बारिश भी बहुत ज़ोर से हो रही थी और मेरे जीजाजी अपने साथ में उनके चार दोस्तों को भी साथ में लेकर आ गए थे। उनके बीच पहले कुछ देर तक ड्रग्स का दौर चला और फिर उसके बाद में शराब का नंबर आ गया और जब वो सभी लोग पूरे नशे में आ गये तो उन्होंने मेरी दीदी को अपने पास बुलाया। फिर दीदी के पास आते ही उन्हे चुपके से जीजाजी के उन दोस्तों ने ड्रग्स का इंजेक्शन दे दिया, जिसके नशे की वजह से थोड़ी देर के बाद दीदी भी अब उनके बीच में अपने दोनों पैरों को पूरा फैलाकर खुद ब खुद बैठ गयी। अब दो दोस्त उनके पैरों के पास बैठकर उनकी जाँघो को सहला रहे थे और दो उनके बड़े बड़े आकार के बूब्स को बुरी तरह से जोश में आकर दबाकर मज़े ले रहे थे और मेरी दीदी भी उस नशे में होने की वजह से उनकी उस गंदी हरकत का पूरा पूरा मज़ा ले रही थी। उनको भी मज़े के साथ साथ अब बड़ा जोश आ रहा और कुछ देर में वो एकदम रंडी की तरह बन गयी। वो वैसी ही हरकते करने लगी और अब उन्होंने अपनी साड़ी को पूरा ऊपर उठाकर अपनी चूत के फाँक को वो अपने एक हाथ से फैलाकर सामने वाले आदमी को दिखाने लगी और अब वो उससे कहने लगी कि बहनचोद ऐसे क्या घूर घूरकर देखता है चल आगे आकर इसमे उंगली डाल दे। फिर उस आदमी ने दीदी की उस बात को सुनकर उसी समय बिना रुके उनकी चूत में अपनी तीन उँगलियों को डाल दिया।
उस समय दीदी की चूत से गाढ़ा सा चूत रस बह रहा था और वो बड़े मज़े से अपनी चूत को उंगली से चुदवा रही थी और अब वो आह्ह्ह्हह ऊऊह्ह्ह्ह मेरे राजा ज़ोर से घुसाओ ना हाँ मज़ा आ गया, पूरा दम लगाओ। अब वो ऐसे दूसरे दोस्तों को उसका रही थी और उसके उकसाने से वो चारों दोस्त अब एकदम जानवर बन गये और वो मेरी दीदी के कपड़े फाड़ने लगे। उसके बाद वो दीदी के बड़े बड़े बूब्स को बुरी तरह से दबाने उनका रस निचोड़ने लगे और निप्पल को अपने मुहं में लेकर काटने लगे और अब तक उस आदमी ने तो अपना पूरा हाथ ही दीदी की चूत में डाल दिया और वो अपने हाथ को आगे पीछे करने लगा जिसकी वजह से दीदी की हालत इतनी ज्यादा खराब हो गई कि वो अब उन सभी को गालियाँ बकने लगी आह्ह्ह्हह्ह उफफ्फ्फ्फ़ बहनचोद
तुम लोगों को तो में अपनी चूत में पूरा अंदर तक घुसा लूँगी और एक को तो उसने अपने सामने किया और उसके लंड को छूने लगी। फिर दूसरे को उसने अपने सामने खड़ा करके वो उसके भी लंड को एक साथ चूसने लगी और उनकी मुठ भी मारने लगी। उस समय वो एकदम रंडी बन गयी और वो सिसकियाँ ले रही थी। अब एक आदमी ने पीछे से जाकर दीदी की गांड में अपना लोहे जैसा दस इंच का लंड उसकी गांड में डालकर धक्के देकर वो चुदाई करने लगा और दीदी रंडी की तरह सिसकियाँ भरकर अपनी गांड मरवाने लगी।

दोस्तों दीदी को अब अपनी गांड मरवाने में बड़ा मज़ा आ रहा था। वो कहने लगी आह्ह्ह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ हाँ जाने पूरा अंदर हाँ और ज़ोर से धक्के मारो। अब वो भी दीदी को बुरी तरह से उसकी गांड में अपना लंड ठोक रहा था और कह रहा था ले मेरी रंडी, अपनी गांड में मेरा लंड ले मेरी साली कुतिया रंडी, आज में तेरी इस भोसड़ी को फाड़कर रख दूँगा और तुझे में आज दस लोगों से चुदवाऊंगा और तेरी चूत में घोड़े का लंड भी डलवाऊंगा, तुझे में आज असली रंडी बना दूंगा। फिर दीदी बोली कि हाँ मेरे राजा मेरा पति तो बिना काम का है उसका लंड तो खड़ा भी नहीं होता इसलिए तुम आज मुझे दस लोगों से ज़रूर चुदवाना मेरी चूत की खुजली को मिटा देना और तुम मेरी गांड को भी फाड़ दो और उसके बाद वो कुछ देर तक धक्के देने के बाद दीदी की गांड में ही झड़ गया। फिर उसके बाद अब दीदी को फिर एक उनके आगे आकर आगे से उनकी चूत में और एक पीछे से गांड में अपना लंड डालकर वो दोनों धक्के देने लगे और दीदी उनके साथ अपनी चुदाई के दोनों तरफ से मज़े लेने लगी थी और वो बहुत जोश में आकर जमकर चुदवाने लगी थी, लेकिन तब भी उसकी प्यास नहीं बुझ रही थी और उन दोनों के झड़ जाने के बाद मेरी दीदी अब मेरे जीजाजी का लंड बाहर निकालकर वो ज़ोर से लंड को हिलाने लगी और करीब दो मिनट में ही उनके लंड का पानी बाहर निकल गया और वो उनको एक लात मारते हुए वापस उस पहले आदमी के पास चली गयी और अब वो उसके लंड को अपने मुहं में लेकर चूसने लगी।


दोस्तों उसका लंड 12 इंच का था और इतने समय तक बाकी के लोग भी सो गये। फिर दीदी उसके काले लंबे लंड को बहुत प्यार से करीब दस मिनट तक चूसती रही और बीच बीच में वो मुठ भी मार रही थी। फिर उस आदमी ने अब दीदी के दोनों पैरों को पूरा फैलाकर चूत पर अपने लंड को सेट कर दिया और एक जोरदार धक्के के साथ अपने आधे लंड को चूत के अंदर ठोक दिया जो सीधा बच्चेदानी से जा टकराया। दोस्तों उस एक धक्के की वजह से मेरी दीदी का सारा नशा उसी समय पूरा गायब हो गया और वो दर्द की वजह से एकदम छटपटाने लगी, उसके मुहं से आईईईईइ स्स्सीईईईईइ में मर गई यह कैसा दर्द दे दिया तुमने मुझे ऊउईईईइ माँ अब में क्या करूं मेरी चूत में जलन हो रही है। फिर उसने एक बार फिर से बिना रुके अपनी तरफ से एक और जोरदार धक्का मार दिया, जिसकी वजह से अब पूरा का पूरा लंड दीदी की चूत को चीरते हुए बच्चेदानी को धक्के मारने लगा और वो अपने एक हाथ से दीदी का मुहं बंद करके अपने दूसरे हाथ में उसके एक बूब्स को पकड़कर ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा और वो गंदी गंदी गालियाँ बकते हुए मेरी रंडी दीदी को लगातार धक्के देकर उनकी चुदाई करने लगा।
अब मेरी दीदी कामवासना में जोश में आकर बोलने लगी उफफ्फ्फ्फ़ हाँ चोद मुझे कुत्ते आईईई हाँ बहनचोद आज तू ऐसे ही इससे भी जोरदार धक्के देकर मेरी इस प्यासी चूत को फाड़ दे और तू मेरे ऊपर ज़रा भी रहम मत कर, तू मुझे एक रंडी की तरह चोद, तू अपनी एक उंगली को मेरी गांड में डालकर मेरी गांड को भी चोद दे आह्ह्हह्ह हाँ आज मुझे तू चुदाई के पूरे पूरे मज़े दे, जिनके लिए में बहुत सालों से तरस रही हूँ और आज तू मेरी इस प्यासी चूत की प्यास को बुझा दे। अब उसको दीदी की यह बातें सुनकर पहले से ज्यादा जोश आ गया और उसने अब ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर दीदी की चुदाई करना शुरू कर दिया और उसने कुछ देर बाद ही मेरी रंडी दीदी की चूत को फाड़ दिया, जिसकी वजह से उसकी चूत से अब पानी के साथ साथ खून के भी निशान दिखने लगे थे और इस बीच मेरी दीदी चार बार झड़ चुकी थी और इतनी जबरदस्त चुदाई के बाद अब उसका भी झड़ने का समय आ गया था और इसलिए उसने ज़ोर से कसकर मेरी दीदी के सर के बालों को पकड़कर उसके मुहं में अपने लंड को जबरदस्ती डाल दिया। फिर दीदी उससे अपने मुहं की चुदाई करवाने लगी और उसके अंडो को भी वो अपने एक हाथ से धीरे धीरे सहलाने लगी और अपने दूसरे हाथ से वो उसकी मुठ भी मारने लगी और लंड को सहलाने लगी थी।
दोस्तों उस आदमी ने कुछ देर बाद अपना एक हाथ दीदी की चूत में डाल दिया और आगे पीछे करने लगा। उसके साथ साथ वो दीदी के मुहं को भी ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर उनकी चुदाई करने लगा और अंत में मेरी रंडी दीदी के मुहं में वो झड़ गया। मेरी दीदी उसके लंड का रस गटक गई। दोस्तों आज पहली बार मेरी दीदी की बहुत जमकर चुदाई हुई थी, इसलिए वो दर्द और थकान की वजह से वहीं पर उन सभी के बीच में सो गयी और उसको कुछ दर में ही बहुत गहरी नींद आ गई। दोस्तों यह थी मेरी छिनाल बहन की रंडी बनकर अपनी चुदाई के मज़े लेने की पूरी कहानी, जिसमे उसने पहली बार गेर मर्दों से अपनी चुदाई के बहुत मज़े लिए और वो यह सब काम करके खुश भी थी ।।

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अपनी एक ऐसी सच्ची कहानी Behan ki seal todi सुनाने जा रहा हूँ, जिसको पढ़कर आप लोगों को पता चल जाएगा कि एक भोलीभाली सूरत के पीछे वास्तव में कैसा चेहरा भी छुपा हो सकता है? दोस्तों में भी आप सभी की तरह अब तक बहुत सारी सेक्सी कहानियों के मज़े ले चुका हूँ, लेकिन में आज पहली बार अपनी कहानी को लिखकर यहाँ लाया हूँ, इसमें मुझसे कोई गलती हो गई हो तो आप मुझे माफ़ भी जरुर करना। दोस्तों आज में आप सभी को अपनी छोटी बहन की उसके प्रेमी के साथ किए गये सेक्स की कहानी सुनाने जा रहा हूँ, जिसको देखकर में कुछ देर अपनी आखों पर विश्वास करना भूल गया और में एकदम चकित हुआ और मुझे पता नहीं था कि वो मेरी पीठ पीछे ऐसा भी कुछ कर सकती है। दोस्तों इससे पहले कि में अपनी उस कहानी को शुरू करूं, उससे पहले में उन दोनों का परिचय आप सभी से करा देता हूँ। दोस्तों मेरी बहन जिसका नाम निधि है और वो एकदम गोरी सुंदर और मासूम चेहरे वाली लड़की है, जिसकी उम्र बीस साल है, उसकी लम्बाई पाँच फिट पाँच इंच है, वो मुंबई में मेरे ही साथ में रहती है और निधि अभी एक कॉलेज में मेडिकल के लिए तैयारी कर रही है, जहाँ पर उसको एक लड़के से प्यार हो गया, जिसका नाम विक्रांत है।
दोस्तों वो एक हल्का सांवला, लेकिन वो ज्यादा सुंदर नहीं है। उसकी लम्बाई पाँच फिट सात इंच है। अब में आपको उस दिन की कहानी की तरफ ले चलता हूँ। दोस्तों उस दिन मुझे अपने किसी काम से पास के शहर में पूरे दिन के लिए अपने एक दोस्त के साथ जाना था। फिर मैंने इसके बारे में रात को ही अपनी बहन को बता दिया था और फिर में सुबह तैयार होकर में अपने काम से जाने लगा तो निधि ने मुझसे पूछा कि में कब तक आ जाऊंगा? तो मैंने उसको सब बता दिया कि में रात के आठ बजे से पहले नहीं आऊंगा और हो सकता है कि में लेट भी हो जाऊं। फिर निधि मुझसे कहने लगी कि आज उसको भी कोचिंग में थोड़ी सी देरी हो जाएगी और इसलिए निधि भी कमरे पर लेट आएगी और अब में भी अपने काम से निकल गया, लेकिन जिस लड़के के साथ मुझे जाना था, में जब उसके रूम पर गया तो मैंने देखा कि वो अपने रूम पर नहीं था, इसके चलते मुझे वापस अपने रूम पर आना पड़ा। फिर जब में अपने रूम पर पहुंचा तो मैंने देखा कि मेरे रूम का दरवाजा बाहर से बंद था, तो में समझ गया कि मेरी बहन उसके कॉलेज या कोचिंग गई होगी और फिर में जैसे ही यह बात सोचकर सीड़ियाँ उतारकर वापस जाने लगा। तभी मुझे दरवाजे के अंदर से कुछ आवाज़ सुनाई देने लगी और मुझे कुछ शक हुआ।

तब मैंने सोचा कि शायद अंदर कोई है। फिर में धीरे धीरे अपने रूम की सीड़ियों पर दोबारा चढ़ गया और अब में रोशनदान के पास पहुंच गया, जहाँ से में बड़े आराम से सब कुछ देख सकता था। फिर मैंने जब उस छोटी सी खिड़की से अंदर झांककर देखा तो मैंने पाया कि मेरी बहन निधि उस समय रूम में ही थी और वो बेड पर बैठी हुई थी। उसके एक मिनट के बाद विक्रांत भी दूसरे रूम से निकलकर उसी कमरे में आ गया। दोस्तों जब मैंने उसको देखा तो मुझे ऐसा लगा कि जैसे वो अभी कुछ देर पहले ही आया था और उसने बेड पर बैठकर अपने जूतों को उतारा। इसके बाद टावल लेकर अपनी पेंट को भी उतारकर टावल को लपेटते हुए वो दोबारा बैठ गया। अब वो दोनों कुछ देर तक हंस हंसकर बातें करते रहे और इसके बाद मैंने देखा कि विक्रांत ने निधि के बूब्स पर अपना एक हाथ रखा और मुस्कुराते हुए उसको दबाया तो निधि ने उसके हाथ को एक झटका देकर हटा दिया। अब विक्रांत ने दोबारा उसके बूब्स पर हाथ रख दिया, तो निधि ने उसको कुछ भी जबाब नहीं दिया। फिर कुछ देर तक विक्रांत निधि के बूब्स को ऐसे ही दबाता रहा और अब उसने निधि को बेड पर लेटा दिया। निधि उसकी तरफ अपनी पीठ को करके लेट गयी।

अब विक्रांत ने निधि के लाछा जो लूँगी की तरह पहना जाता है, उसको उठा दिया और उसको उसने निधि के कमर के ऊपर कर दिया। फिर निधि के पीछे लेटकर विक्रांत ने अपने लंड को भी बाहर निकालकर निधि की गोरी गांड पर सटाकर उसको अंदर डालने के लिए दो तीन बार झटका मार दिया, लेकिन अपने लंड को निधि की गांड में ना जाते हुए देखकर उसने निधि से तेल के बारे में पूछा और तब निधि ने उसको बेड के पास की अलमारी की तरफ इशारा करके बताया। फिर विक्रांत उठकर जब तेल के डब्बे को लेने के लिए गया। तब मैंने निधि की गांड को ध्यान से देखा। दोस्तों उसकी गांड विक्रांत के लंड को अपने अंदर लेने के लिए जैसे पूरी तरह से तैयार नजर आ रही थी। अब विक्रांत तेल लेकर वापस बेड पर आ गया। तब मैंने उसके लंड को देखा और उसका लंड करीब सात इंच का था।

दोस्तों मेरी बहन की गांड उसके लंड के लिए अभी छोटी थी और अब विक्रांत ने निधि की गांड पर तेल लगा दिया। उसके बाद अपने लंड पर भी तेल लगाया। अब वो निधि के पीछे लेट गया और अपने लंड को जैसे ही निधि की गांड में सटाया, तो मैंने देखा कि निधि ने अपनी गांड को फैलाते हुए उसको अपने अंदर करने के लिए बोला। अब विक्रांत ने अपने लंड को निधि की गांड में एक ज़ोर के झटके के साथ अंदर कर दिया और निधि ने ज़ोर से आह भरी। अब में तुरंत समझ गया कि अब उसकी गांड में विक्रांत का लंड चला गया है, इसलिए वो दर्द से चीखने लगी थी और अब विक्रांत ने उसकी गांड में अपने लंड को अंदर करने के लिए अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दिया था। अब निधि उसके हर एक झटके का जवाब अपने धक्को के साथ देने लगी, जिसकी वजह से विक्रांत का हौसला और भी ज्यादा बढ़ रहा था और कुछ देर के बाद मैंने देखा कि निधि अपनी कमर को आगे की तरफ खींचने लगी। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

फिर विक्रांत ने उसकी कमर को पकड़ लिया और वो ज़ोर ज़ोर से अपनी कमर को हिलाने लगा। फिर निधि बोली आहहहह्ह्ह्ह आईईईईईइ प्लीज बाहर निकाल दो ऊआाहहहहा अब बस करो। तभी विक्रांत निधि को पटककर निधि के ऊपर चढ़ गया और ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर लंड को डालने लगा, जिसकी वजह से अब मेरी बहन ज़ोर ज़ोर से ओहहहहह न्न्नीईईई ऊउईईईईइ के साथ सिसकियाँ लेने लगी और इस तरह से दोनों का यह चुदाई का दौर करीब पंद्रह मिनट तक चला और तब जाकर दोनों शांत हो गये। शायद वो दोनों अब तक झड़ चुके थे, इसलिए वो इतना शांत पड़े थे। फिर कुछ देर तक विक्रांत वैसे ही निधि के ऊपर लेटा रहा। अब उसने उठकर अपने लंड को निधि की गांड से बाहर निकालकर वो उसके ऊपर से हट गया और फिर वो सीधा बाथरूम में चला गया, लेकिन निधि अब भी चुपचाप वैसे ही बेड पर पड़ी रही। फिर जब विक्रांत बाथरूम से वापस कमरे में आया तो निधि उठकर अपने कपड़ो को ठीक करते हुए बैठ गई और अब निधि भी उठकर बाथरूम में चली गयी और जब तक कि निधि बाथरूम से वापस बाहर नहीं आई, तब तक विक्रांत अपने लंड को धीरे धीरे सहलाता रहा और जब निधि बाथरूम से वापस कमरे में आई तो विक्रांत ने निधि से अपने लंड को उसके हाथ में पकड़ते हुए उसको चूसने के लिए बोला।
अब निधि ने उसकी उस बात का बिल्कुल भी विरोध नहीं किया और में उसकी इस हरकत को देखकर बहुत चकित हुआ, क्योंकि उसने तो अब मुस्कुराते हुए अपने मुहं में विक्रांत के लंड को ले लिया और वो किसी अनुभवी रंडी की तरह लंड को अंदर बाहर करके उसके टोपे पर अपनी जीभ को घुमाकर चूसने लगी थी। अब विक्रांत ने निधि के टॉप के भी हुक को एक एक करके खोल दिया और तब उसकी ब्रा के हुक को भी खोलकर उन दोनों को उतार दिया और निधि ने उसके लंड को मुहं में लेकर चूसते हुए अपने कपड़ो को उतारने में उसकी मदद करने लगी थी। फिर जब विक्रांत ने उसके पूरे कपड़े उतार दिए, तब तक वो भी पूरी तरह से गरम हो गया। अब उसने निधि को बेड पर लेटने के लिए बोला और निधि तुरंत बेड पर लेट गई, विक्रांत ने उसके लाछे को उतारकर अलग रख दिया। फिर मैंने जब उसकी चूत को देखा तो सोचा कि आज चुदाई का असली मज़ा आने वाला है, क्योंकि निधि की चूत तो उसके लंड के लिए तो बिल्कुल ही छोटी थी। अब विक्रांत निधि की जाँघ पर बैठ गया और अपने दोनों हाथों से उसकी चूत को फैलाते हुए कुछ देर तक देखता रहा। फिर मेरी बहन ने चकित होकर उससे पूछा क्या उसका इतना मोटा और लंबा लंड उसकी चूत में चला जाएगा? तो विक्रांत ने बोला कि हाँ बहुत आराम से चला जाएगा और अब विक्रांत ने निधि से उसके दोनों पैरों को घुमाकर उल्टा करते हुए उससे उसकी दोनों जाँघो को फैलाते हुए वो अपने मुहं को निधि की चूत के पास ले गया और अब वो निधि की चूत को चाटने लगा।

अब निधि ने अपनी आखों को बंद कर लिया और वो धीमी धीमी सांसे खींचते हुए आहें भरने लगी। फिर कुछ देर के बाद विक्रांत उठकर बैठ गया और वो निधि की चूत पर अपने लंड को सटाते हुए निधि को अपनी चूत को फैलाने के लिए कहने लगा और निधि ने अपनी चूत को फैला दिया। फिर विक्रांत ने अपने लंड के टोपे को उसकी चूत के अंदर डाल दिया और एक ज़ोर के झटके के साथ अपने लंड को अंदर डालने के लिए उसने अपनी कमर को एक झटका मार दिया। अब निधि ने ज़ोर से चीख मारी और वो अपने दोनों पैरों को कसते हुए नहीं, आईईईईईईई की आवाज़ के साथ पूरी तरह से कांप उठी। अब विक्रांत ने अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दिया और निधि के दोनों बूब्स को उसने अपनी हथेलियों में लेकर धीरे धीरे दबाना शुरू कर दिया और इसके साथ ही उसने अपनी कमर को हिलाना भी जारी रखा और इधर निधि आहह्ह्ह्हह्ह ऊआहोहााआअ की आवाज़ निकालने लगी।
फिर कुछ देर के बाद जब विक्रांत ने अपनी कमर की स्पीड को कम किया और तब में समझ गया कि अब उसका लंड मेरी बहन निधि के कुंवारेपन के दरवाजे पर दस्तक दे चुका था। अब विक्रांत ने अपने दोनों हाथों को निधि के बूब्स के ऊपर से हटाकर उसकी कमर को पकड़कर ज़ोर से झटके के साथ लंड को दोबारा अंदर दे मारा, जिसकी वजह से निधि का तो जैसे पूरा इंजन ही हिल गया। अब वो दर्द की वजह से बड़ी ही ज़ोर से चिल्ला उठी, आईईईईईईईईई आहह्ह्ह्ह अब बस करो, में मर जाउंगी प्लीज ऊऊईईईई। फिर मैंने देखा कि उसकी चूत के पास खून की कुछ बूंदे दिखाई दे रही थी, जिनको देखकर अब में तुरंत समझ गया था कि मेरी बहन अब एक लड़की से एक औरत बन चुकी है। अब निधि दर्द की वजह से आहहह्ह्ह आहहोह्ह्ह की आवाज़ के साथ मोन कर रही थी और इधर जब विक्रांत ने देखा कि उसकी सिसकियाँ अब कम नहीं हो रही है तो वो उसके ऊपर लेट गया और उसके होंठो को धीरे धीरे चूसने लगा और वो उसके दोनों बूब्स को मसलने लगा, जिसकी वजह से अब निधि कुछ देर के बाद शांत होने लगी थी और कुछ देर के बाद निधि ने विक्रांत से पूछा कि कितना बाहर है? तो उसने बताया कि और थोड़ा सा ही बाहर है और फिर अपने बचे हुए लंड को अंदर करने के लिए उसने ज़ोर से एक झटके के साथ अपनी कमर को हिला दिया। अब निधि ओह्ह्ह्हह आहहऊआाहहो की आवाजे निकालने लगी और इस तरह से विक्रांत ने निधि की चुदाई करीब आधे घंटे तक बहुत मज़े लेकर बहुत अच्छे तरीके से की और अब निधि भी अपने दर्द को भुलाकर अब उसका साथ खुलकर देने लगी थी और अब वो दोनों खुलकर एक दूसरे को धक्के देकर मज़े देने और लेने लगे और उस समय वो दोनों पूरे जोश में नजर आ रहे थे।
अब निधि भी विक्रांत के साथ साथ लगातार अपनी कमर को हिला रही थी और विक्रांत धक्के देने के साथ साथ निधि के होंठो को बुरी तरह से चूस रहा था और अब निधि भी उसका पूरा साथ दे रही थी। फिर कुछ देर के बाद वो दोनों शांत हो गये, तो मुझे यह पता चल गया कि अब मेरी बहन की चूत में विक्रांत का वीर्य जा चुका था और अब वो दोनों बिल्कुल निढाल एकदम शांत पड़े रहे। फिर कुछ देर बाद विक्रांत उठकर बैठते हुए अपने लंड को वो निधि की चूत से बाहर निकालते हुए उसके ऊपर से हट गया। फिर जब मैंने निधि की चूत को ध्यान से देख तो उसकी चूत इतनी जबर्दस्त लगातार चुदाई की वजह से पहले से बहुत ज्यादा सूज गई थी और अब विक्रांत उठकर बाथरूम में चला गया और बाथरूम से आने के बाद वो तैयार हुआ। अब में उनका खेल खत्म होता हुआ देखकर अपनी जगह से हट गया और में उतरकर इधर उधर घूमने चला गया और कुछ देर के बाद मैंने विक्रांत को उसके रूम से जाते हुए देखा और में आधे घंटे के बाद अपने रूम पर आया। फिर मैंने देखा कि निधि अब अपने पूरे कपड़ो को पहनकर चुपचाप सो रही थी, में उसको देखकर समझ चुका था कि वो उस चुदाई की वजह से ज्यादा थककर आराम कर रही है और मैंने उसको यह बात बताने की बिल्कुल भी जरुरत नहीं समझी कि मैंने उसका वो सब चुदाई का खेल खेलते हुए देख लिया है और मैंने उसको आराम करने दिया ।।

बहन (part-4)

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मैं एक कॉलबॉय हु और २६ साल का एक लड़का हु. मेरी हाइट १७५ सीम है और मेरा वेट ७२ केजी है. मैं बहुत कोशिश करके आप लोगो के लिए मेरी और मेरी बहन रियल स्टोरी लिख रहा हु. मैं आप लोगो को बता दू, कि मैं एक नंबर का चूत को चूसने का प्यासा हु. मुझे माफ़ कीजियेगा, मैं नाम यहाँ नहीं लिख सकता. लेकिन आपको विश्वास दिलाता हु, आपको मज़ा आएगा.

वो ३० साल की एक शादीशुदा औरत है. वो एकदम सेक्स बम जैसी हॉट xxx है और मैं हमेशा से ही अपनी बहन को चोदना चाहता था. उसके मोटे चुतड और बड़े बूब्स है. कितने ही लडको को मैने खुद ही उसकी गांड से जानबूझ कर उससे टकराते हुए देखा था. दोस्तों, अब तो आप समझ ही गए होगे, कि मेरी बहन एक मस्त माल है. मेरी बहन कपड़ो पर इतना ध्यान नहीं देती थी. बहुत बार ऐसे ही बैठी रहती थी, कि उसकी ब्रा की स्ट्रिप, बूब्स या पेंटी दिख जाया करती थी.
मैं इन्हें देखकर ही गरम हो जाया करता था. कभी-कभार बाथरूम में जाकर मुठ भी मार लेता था. बात उनदिनों की है, जब मेरे पैरेंट को नानी के घर जाना पड़ा इर मेरे एग्जाम के कारण मैं नहीं जा पाया था. मैने माँ को बोला – आप दीदी को बुलवा लो. वो मेरी देखभाल कर लेगी. मैंने उनको बुलवाया तो अपनी देखभाल के लिए था; ताकि मेरी पढाई थी से हो सके. लेकिन, मेरे मन में कुछ और ही खिचड़ी पक रही थी और मैं मन ही मन सोच रहा था, शायद उनको चोदने की मेरी मुराद पूरी हो जाए. माँ ने दीदी को बुला लिया. वो अगले दिन जीजा जी के साथ घर आ गयी और दो दिन बाद, जीजा जी लौट गये और मेरे माँ डैड भी उसी दिन मामा जी के यहाँ चले गये. अब हम दोनों ही घर में थे. अक्सर मैं खेल-खेल में अपनी बहन के बट्स छु लेता या उसके दूध पकड़ कर दबा देता. उसे मेरे इंटेंशन के बारे में मालूम नहीं था.
एक दिन रात को मैने एक बहुत हॉट xxx मूवी देखी. मैं बहुत गरम था. मैने देखा, कि मेरी बहन नाईटइ पहन कर सो रही थी. मुझसे रहा नहीं गया, क्युकि उनकी थाई साफ़-साफ़ दिख रही थी. मैं धीरे से उसके बेड के पास जाकर बैठ गया. उसकी बॉडी को देखने लगा. धीरे से उसके बूब्स ड्रेस के ऊपर से सहलाने लगा. फिर मैने उसकी मखमली गोरी जांघो की ओर देखा. मैने उसकी ड्रेस उपर सरका दी. वाओ .. व्हाट अ व्यू! क्या नज़ारा था! ..बहन की गोरी-गोरी लेग्स. थोड़ी देर उसकी लेग्स को सहलाता रहा. फिर एक्स्सित्मेंट में थोडा और ऊपर गया और उसकी थाई को सहलाने लगा और फाइनली उसकी वाइट व् शेप वाइट पेंटी दिखी. मुझसे रहा नहीं गया और मैने उसकी चूत को चूमा और सहलाने लगा. इससे मेरी बहन जाग गयी.
वो हैरान रह गयी और बोली – ये क्या कर रहे हो? शर्म नहीं आती, अपनी बहन के साथ ये सब. मैने उसको सॉरी बोला और चुपचाप कमरे में लौट आया. सोने से पहले मैने बाथरूम में जाकर मुठ मारकर अपने को शांत किया. लेकिन मुझे साड़ी रात नीद नहीं आया. नेक्स्ट डे, सब कुछ नार्मल था. लेकिन हम एकदूसरे से बात नहीं कर रहे थे. मुझे मूवी देखने का बड़ा कर रहा था. मैं मार्किट गया और वहां से एक अच्छी सी मूवी और कुछ XXX मूवी ले आया. मेरे रूम में अलग टीवी लगा है. मैने एक XXX मूवी देखी और दुसरे को आधे में छोड़कर नहाने चला गया. जब मैं नहा रहा था तो रूम में आ गयी और टीवी पर लगी XXX मूवी देखने लगी. वो गरम हो गयी. उसे अपने पति के साथ रोज़ सेक्स करने की आदत थी और ४ दिन से सेक्स ना करने के कारण, वो बहुत प्यासी थी. मैं बाहर आया, तो उसे अपने रूम में देखकर ठिठक गया.

मैं कुछ नहीं कहा. चुपचाप हमने मूवी देखी और अपना लंच किया. लंच करते समय उसने मुझसे कहा – तुम्हे ऐसा नहीं करना चाहिए था. तुम मेरे भाई है और भाई को ऐसा करना पाप है. मैं कुछ डर गया था और मैने उससे कहा – मुझसे माफ़ कर दो. अब मैं ऐसा नहीं करूँगा. प्लीज किसी से कुछ मत कहना. मैं समझ गया, कि अब मेरा काम हो जाएगा, इसलिए मैं शांत रहा. रात को मैं खाना खाके अपने बेडरूम में चला आया. जब रात को १२:३० बजे मैं पेशाब करने गया, तो देखा वो हॉल में बैठी हुई टीवी देख रही थी और अपने बूब्स को सहला रही थी. मैं चुपचाप देखता रहा और फिर थोड़ी देर बाद वो टीवी ऑफ करके सोने जाने लगी और मैं अपने कमरे में वापस आकर अपने बेड पर आँखे मूंद कर लेट गया. थोड़ी देर बाद, वो मेरे कमरे में आई और मेरे बेड पर बैठ गयी और मेरे लंड को बड़े ध्यान से देखने लगी.
फिर थोड़ी देर बाद, वो मुझे आवाज़ देने लगी, मगर मैं कुछ नहीं बोला. तो वो मेरे लंड को सहलाने लगी. मैं जाग गया और पूछा दीदी आप? तो वो बोली, कि हाँ तू थक गया होगा, तेल लगाने आ गयी थी. मैने बोला – ठीक है, लगा दो. तेल लगाते-लगाते, वो जानबूझकर अपना हाथ मेरे पेनिस से टच कर रही थी, तो मेरा पेनिस खड़ा हो गया. मैं समझ गया, कि वो अब चुदना चाहती है बट मैं चाहता था, कि वो स्टार्ट करे …. ऐसा ही हुआ. वो बोली – भाई एक बात बोलू – मैं उस दिन डाट दिया था. “आई ऍम सॉरी”. मैने बोला – कोई बात नहीं दीदी. मैने गलती ही की थी. फिर वो बोली – माफ़ तो कर दूंगी, लेकिन एक शर्त है. तू मुझे वो मूवी दिखायेगा XXX वाला. मैं खुश हो गया और उससे चूम लिया. वो बोली – ये सब नहीं. मैने मूवी लगा दी. हम दोनों बेड पर साइड बाई साइड पेट के बल लेट कर मूवी देखने लगे. मूवी देखकर दीदी गरम होने लगी.
देखते –देखते, मैने अपना हाथ उसके बट्स पर रख दिया और उसको सहलाने लगा. वो बोली – नहीं भैया ये सब नहीं. आई सेड – मैं तो सिर्फ कपड़ो के ऊपर से मज़ा ले रहा हु. प्लीज थोड़ी देर करने दो ना. कपड़ो के ऊपर से ही करूँगा ना. प्लीज प्लीज … शी सेड – ओके, लेकिन सिर्फ ऊपर से ही. मैंने कहा – हाँ और उसके पिछवाड़े को कपड़ो के ऊपर से सहलाने लगा और दबाने लगा. फिर धीरे से उसकी थाई को सहलाने लगा और फाइनली उसकी ड्रेस के अन्दर हाथ डालकर उसकी पेंटी के ऊपर. वो बोली – तुमने बोला था, कि ऊपर से ही सहलाओगे.. मैने कहा – हाँ तो पेंटी के कपडे के ऊपर ही तो है. उसे भी मज़ा आने लगा था, तो वो चुप हो गयी और फिल्म देखने लगी. अब मैं उसके बट्स को पेंटी के ऊपर से सहला रहा था. कभी-कभी थाई भी. फिर मैने उसके अंदर की तड़प बढ़ाने के लिए उसकी चूत को सहलाने और दबाने लगा. उसके मुह से कभी-कभी दबी सी मोअन निकलती – ओहोहोहोहो. मैने उसकी ड्रेस को पीछे से उठाया और उसके गोरे-गोरे पिछवाड़े को देखने लगा. फिर पेंटी के ऊपर से किस करने लगा.अब तक उसने आँखे बंद कर ली थी. मैने उसे सीधा लिटाया और उसके पेंटी के ऊपर उसकी चूत को तेजी से किस करने लगा. वो “म्मम्मम ओहोहोहोहो भैया …आआअ” करने लगी. मैंने जब देखा, कि वो गरम हो गयी है तो मैने उसकी पेंटी के साइड से अंदर हाथ डाल दिया और उसकी चूत को पेंटी के अन्दर सहलाने लगा. वो अहहहः नहीईईइ भैया बोल रही थी. मैने उसकी पेंटी उतार दी. अचानक से वो होश में आई और बोली – नहीं, ये सब नहीं भैया. ये सब ठीक नहीं है. मम्मी पापा को पता चलेगा, तो क्या सोचेंगे? मैने कहा – कुछ गलत नहीं है और उन्हें कैसे पता चलेगा? बस एक दीदी प्लीज. वैसे भी आपकी शादी के दो साल हो गये है और कोई बच्चा भी नहीं हुआ है. शायद मेरे करने से हो जाए. सब खुश हो जायेंगे. फिर वो कुछ नहीं बोली. मैं उसकी चूत को चूमने लगा और उसे पागल कर दिया. उसकी चूत लिक करते करते दोनों हाथ उसकी ड्रेस के अन्दर ले जाकर उसकी ब्रा के अन्दर उसकी चुचिया यानि दूध और बूब्स दबाने लगा. उसे बहुत मज़ा आ रहा था. मैने उसे पूछा – कैसा लग रहा है?
उसने कहा – म्मम्मम बहुत अच्छा, भैया. फिर मैने उसके पुरे कपडे उतारे और उसको एकदम नंगा कर दिया. अब मैं उसकी पूरी बॉडी को चूम रहा थाम सहला रहा था. मैने उसकी एक चूची अपने मुह में ले ली और उसको चूसने लगा और दूसरी को अपने हाथ से दबाने लगा. वो मेरा सिर के बालो को सहला रही थी. १५ मिनट के बाद, मैने उसकी चूत में अपना लंड लगाया और प्रेशर दिया. वो चिल्ला दी.. नहीं भैया, बहुत दर्द हो रहा है. फिर मैने उसकी चूत पर थोडा वेसलिन लगा दिया और फिर से घुसाया अपने लंड को. मेरा लंड उसके पति के लंड से बड़ा था. आफ्टर ३-४ ट्राई, मेरा पूरा लंड उसकी चूत के अन्दर चला गया. थोडा सा खून भी निकला. फिर थोड़ी देर बाद, उसे मज़ा आने लगा था. वो बोली – आहाहहः अहहाह भैया बहुत मज़ा आ रहा है. जोर से मरूऊऊऊ. हम दोनों पसीने-पसीने हो रहे थे. आफ्टर सम टाइम, मुझे लगा कि वो झड़ गयी है. बट मैं कंटिन्यू करता रहा और कुछ देर बाद मुझे लगा, कि मेरा निकलने वाला है, तो मैने सारा माल उसकी चूत में निकल दिया.
सदिन तो जल्दी-जल्दी कर लिया. लेकिन मैं बहुत अच्छे से दीदी को चोदना चाह रहा था और उसे गिफ्ट में अपना बच्चा देना चाहता था. सो मैने उस दिन से उसका दूसरा पति बन गया और फिर हमने अगले दिन सुबह ही नाश्ता करने के बाद काम शुरू कर दिया और एक साथ नहाये भी …. वो भी नहा कर एक दम नंगी दुल्हन की तरह लग रही थी. मैने कहा – आज तो तुझे माँ बना ही दूंगा. ये कहकर मै अब उससे चिपक और मेरा लंड टाइट हो गया था. मेरा लंड उसकी चूत से चिपका हुआ था. मैने सबसे पहले उसके फॉरहेड पर किस की और उन्होंने कहा – क्या हुआ? मैने कहा – कुछ नहीं. और अपने हाथ से उनकी गांड को सहलाने लगा. उन्होंने अब साथ देते हुए, मुझे चूमना शुरू कर दिया. मैने उनकी गांड को सहलाने के साथ-साथ उनकी थाई को भी सहला रहा था. वो पूरी तरह से सिडयूड होने लगी थी और मेरा लंड भी फूलने लगा था. मेरे सब्र का बांध टूट रहा था और मैने अपनी ऊँगली उनकी चूत पर रख दी और उसको सहलाने लगा और दबाने लगा. मैने अपनी एक ऊँगली उनकी चूत में डालने के लिए बढाई, तो उन्होंने मेरा हाथ रोक लिया और बोली – अब क्या करना चाहते हो? अब और नहीं करो ये सब. वो मुझे मना जरुर कर रही थी, लेकिन उनकी आवाज़ में एक xxx मदहोशी थी.
मैं नहीं रुका और मैने अपनी स्पीड बड़ा दी. हम दोनों एक दुसरे के सामने नंगे खड़े हुए थे. मैने उनके बूब्स को अपने हाथो में ले लिया उनको दबाना स्टार्ट कर दिया. और उनको बेरहमी से चूस भी रहा था. हम xxx सेक्स के उस मोड़ पर थे, जिससे एक्चुअल हार्डकोर चालू होता है. अब हम दोनों नंगे ही बेडरूम में चले गये. मैने उनको बेड पर बैठ्या और उनके बूब्स को सहलाने लगा और दबाने लगा. फिर मैने अपने लंड को उनके पेट पर रख दिया और उससे उसको सहलाने लगा और फिर उसको बूब्स पर ले गया. मेरे लंड से प्रीकम निकल रहा था, जो उसके बदन पर गिर रहा था. वो मज़े ले रही थी और उसका बदन मस्ती में मचल रहा था. फिर मैने अपने लंड को उसकी चूत में डाल दिया और झटके मारने लगा. वो मज़े से हिल रही थी और उसकी हवस बुझ रही थी. मैने २० मिनट तक उसकी चूत में लंड को डाले रखा. और फिर अपना पानी उनके अंदर ही छोड़ दिया. साथ-साथ में उनके बूब्स चूस रहा था. मुझपर उनकी जवानी का भुत सवार था और मैने अपना लंड निकाला और उनके मुह पर रख दिया. वो मेरे लंड को चूस रही थी. मेरा सेक्स का शैतान कुछ शांत हुआ और हम नंगे लेटे रहे. मुझे अब अहसास हुआ, कि मैने पानी अन्दर छोड़ दिया है. १० दिन तक ऐसे ही धकाधक चुदाई चलती रही.
फिर एक दिन उन्होंने बोला – कि वो बनने वाली है. मैं खुश हो गया और उसे पकड़ लिया. और फिर रात भर की चुदाई में उसकी चूत को चोद – चोदकर भोसड़ा बना दिया. रात भर की चुदाई के बाद, हम सो गये और सुबह उठे तो वो नहाने जा रही थी. तभी उसका हस्बैंड उसे लेने आ गया. मैने उसे बैठाया और बात करने के बाद रेस्ट करने के लिए कमरे में छोड़ आया. फिर मै चुपके से बाथरूम में घुस गया और उसको स्मुच करने लगा. वो बोली – कोई आ जायेगा. मैने सुबह-सुबह उनका रस चूस लिया और फिर बाहर आ गया. फिर शाम की ट्रेन से वो लोग चले गये. 

2. दोस्तों मेरी उम्र अभी 22 साल है और में अभी पढ़ाई कर रहा हूँ। मेरी हाईट 5 फुट 9 इंच है, मेरे लंड का साईज करीब 7 इंच है और मोटाई 2 इंच है। आज में आप लोगों को मेरी पहली स्टोरी मोटी बहन की चुदाई सुनाता हूँ, जो मैंने अपनी कज़िन के साथ किया था, उसकी यह रियल स्टोरी है।

वैसे ये बात आज से 2 या 3 महीने पहले की है, उसका नाम रीता है, उसकी हाईट 5 फुट 7 इंच है, वो ज़्यादा गोरी तो नहीं, लेकिन थोड़ी साँवली है, लेकिन उसके बूब्स का साईज 34 है और वो शरीर से थोड़ी मोटी लगती है, उसकी गांड भी बहुत मस्त है। मेरा तो दिल करता है कि में उसे सहलाता ही रहूँ और हमेशा उसकी गांड में अपना लंड डाले रखूं। वो और में साथ-साथ एक ही स्कूल में पढ़ते थे, उसी वक़्त मुझे उससे प्यार हो गया था और उसे भी मुझसे प्यार हो गया था। वो रिश्ते में मेरी बहन लगती है, लेकिन एक ही उम्र होने के कारण वो हमेशा मुझे नाम से बुलाती थी।

यह एक दिन की बात है, मेरी कज़िन बहन की शादी थी, तो में और रीता, अपनी बुआ, कज़िन बहन और जीजाजी के साथ अपनी बुआ के गाँव जा रहे थे। हम गाँव ट्रेन से गये थे, लेकिन गाँव स्टेशन से 3 किलोमीटर दूर था तो बुआ ने गाँव से बैलगाड़ी का इंतजाम किया था। अब जब हम सब लोग बैलगाड़ी पर जा रहे थे, तो वो जीजाजी के साथ मिलकर मुझे छेड़ने लगी। अब में बुआ और कज़िन बहन के होने के कारण चुप था। फिर कुछ दूर जाने के बाद वो मुझे चिकोटी काटने लगी तो कभी वो मेरे हाथों में चिकोटी काटती, तो कभी मेरी कमर में चिकोटी काटती। अब में क्या करता? मैंने बहुत बार बुआ और कजिन बहन को बोला, तो बुआ ने उसे डांट दिया, तो उसने बंद कर दिया, लेकिन कुछ देर के बाद वो फिर से मुझे चिकोटी काटने लगी। अब में भी उसको कभी-कभी उसकी बाहों में जाकर चिकोटी काट लेता था। फिर ऐसे करते-करते हम गाँव पहुँच गये। फिर हम सब बैलगाड़ी से उतरे और घर में गये। फिर में सीधा ऊपर पहले फ्लोर पर चला गया। फिर कुछ देर के बाद वो भी कोई काम से ऊपर आ गयी और वो फिर से मुझे चिकोटी काटने लगी। अब मुझसे भी नहीं रहा गया तो फिर मैंने पहली बार उसकी बाँहों में चिकोटी काटी, तो वो कुछ नहीं बोली। फिर मैंने उसके गाल पर चिकोटी काटी तो वो फिर भी कुछ नहीं बोली।

फिर मैंने हिम्मत करके उसकी कमीज के ऊपर से ही उसके बूब्स पर चिकोटी काटी तो वो कुछ नहीं बोली, तो में समझ गया कि यह लड़की देने वाली है। फिर में उसकी शमीज के ऊपर से ही उसके बूब्स दबाते हुए रूम में ले गया और बेड पर पटक दिया। फिर मैंने उसकी लिप्स की किस ली और कम से कम 5 मिनट तक में उसके लिप्स का किस लेता रहा और उसके बूब्स को सक करने लगा। अब वो कुछ नहीं बोल रही थी और सिर्फ़ मुझे अपनी बाँहों में कसे हुई थी। फिर में उसकी कमीज को थोड़ा ऊपर से खोलकर उसके बूब्स को चूसता रहा और उसके दोनों बूब्स को बारी-बारी से सक करता रहा, फिर कभी में उसके लिप्स पर किस लेता, तो कभी उसके बूब्स को सक करता और एक हाथ से उसके दूसरे बूब्स को दबा रहा था, तो दूसरे हाथ से उसकी चूत में उंगली कर रहा था। अब उसकी चूत गीली हो चुकी थी, उसने पेंटी नहीं पहन रखी थी तो मेरी उंगली आसानी से उसकी सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत में जा रही थी। वो बहुत ज़ोर से मौन कर रही थी उन्न्ञनननणणनह, आआआअहह, उूउऊहह, आआआआ, आआआआआआ और सक करो, आआआआआअहह, आआआआआआ और जोर से, अब वो ज़ोर-ज़ोर से चिल्ला रही थी।

मोटी बहन की चुदाई

फिर मैंने उसके बूब्स को चूसना छोड़कर उसका लिप्स किस लेना शुरू कर दिया, क्योंकि वो बहुत ज़ोर से मौन कर रही थी। अब मुझे डर लग रहा था कि कहीं नीचे बुआ और कजिन बहन नहीं बुला ले। फिर मैंने दरवाजा लॉक किया और फिर से उसके बूब्स प्रेस करना शुरू किया और सक करना शुरू किया। फिर कुछ देर के बाद वो फिर से गर्म हो गयी। फिर मैंने अपनी पेंट खोली और अपना लंड उसके हाथ में थमा दिया, अब मेरा लंड तनकर पूरा 90 डिग्री का हो गया था। फिर मैंने अपना लंड उसके हाथों में पकड़ा दिया, तो वो पहले तो शरमाई, लेकिन फिर कुछ देर के बाद जब मैंने फिर से पकड़ाया, तो उसने पकड़ लिया।

फिर में उससे बोला कि इसे सहलाओ और आगे पीछे करो, तो वो वैसा ही करने लगी। फिर मैंने उसकी चूत में अपनी एक उंगली डाल दी, तो वो ज़ोर-जोर से मौन करने लगी। फिर जब मैंने उसकी चूत में उंगली की, तो वो मेरे लंड को ज़ोर से आगे पीछे करने लगी और ज़ोर-जोर से मौन करने लगी। फिर मैंने कुछ देर के बाद उसकी सलवार भी उतार दी, वाऊ क्या चूत थी? उसकी चूत पूरी भीगी हुई थी और उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था, ऐसा लगता था कि उसने आजकल में ही शेव किया हो, उसकी चूत पूरी पाव रोटी की तरह फूली हुई थी। फिर मैंने उसे अपना लंड चूसने के लिए बोला, तो उसने मना कर दिया। फिर मैंने उससे बोला कि कुछ नहीं होता, तो वो बोली कि नहीं मुझे घिन आती है। फिर मैंने उसकी चूत को चूसना शुरू कर दिया, तो वो चिल्लाने लगी आआआआआआहह। अब में अपनी जीभ से उसे चोद रहा था। अब वो ज़ोर-जोर से मौन कर रही थी, जय तूने यह क्या कर दिया? मेरी चूत में आग लग रही है, कुछ करो।

अब में लगातार उसको सक कर रहा था और वो ज़ोर-जोर से चिल्ला रही थी और ज़ोर-जोर से मौन कर रही थी और अपने एक हाथ से मेरे सर को अपनी चूत के ऊपर धकेल रही थी और अपने पैरों को कभी ऊपर तो कभी दोनों जांघों को ज़ोर से दबा रही थी, जिससे कभी-कभी तो मेरी साँसे फूल जाती थी। फिर कुछ देर के बाद उसने अपनी चूत से पानी छोड़ दिया, तो में उसका सारा का सारा पानी पी गया। अब वो मुझे देख रही थी और ज़ोर-जोर से हाँफ रही थी, जैसे कोई कई मीलो से दौड़कर आई हो। फिर मैंने उसे सीधा लेटाया और उसकी गांड के नीचे एक तकिया लगाया और उसके दोनों पैरों को फैलाया और फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया। अब जब मेरे लंड का सूपाड़ा ही उसकी चूत में गया था, तो वो ज़ोर-जोर से चिल्लाने लगी, नहीं मुझे छोड़ दो, नहीं में मर जाउंगी, अपना लंड बाहर निकाल लो, लेकिन मैंने उसकी बात अनसुनी करते हुए एक ज़ोर का धक्का लगाया, तो वो और ज़ोर से चिल्लाई।

फिर मैंने उसके लिप्स पर किस करते हुए उसके मुँह को बंद किया और जोर-जोर से धक्के लगाता गया। अब वो झटपटा रही थी और अपने बदन को इधर से उधर करने लगी थी, लेकिन में नहीं माना। अब में धक्के पे धक्के लगाए जा रहा था, अब उसकी आँखों से आसूं निकल रहे थे। फिर कुछ देर के बाद मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चला गया। फिर में कुछ देर के लिए उसके ऊपर ही पड़ा रहा। फिर कुछ देर के बाद वो शांत हुई और मुझे गालियाँ देने लगी, साले तुने यह क्या कर दिया? अपना लंड बाहर निकालो, मुझे नहीं चुदवाना। अब में उसके बूब्स को सक करने लगा था और अपने एक हाथ से उसके बालों और कानों के पास सहलाने लगा था। फिर कुछ देर के बाद मैंने उसके कानों को भी चूमना शुरू कर दिया। दोस्तों आप लोगों को पता ही होगा कि अगर किसी लड़की या औरत को जल्दी जोश में लाना हो तो उसके कान को धीरे-धीरे चूसो और सक करो, फिर देखो वो कितनी जल्दी गर्म हो जाती है? हाँ तो फिर कुछ देर के बाद वो फिर से गर्म हो गयी।

फिर मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू किए, तो पहले तो वो चिल्लाई, लेकिन फिर कुछ देर के बाद मैंने पूछा कि मज़ा आ रहा है। फिर वो बोली कि हाँ जय बहुत मज़ा आ रहा है और वो मौन करने लगी। फिर कुछ देर के बाद मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। अब वो पूरी मस्ती में थी और मस्ती में मौन कर रही थी, हाआआआआआ जय ऐसे ही करो बहुत मजा आ रहा है। अब वो इतनी मस्ती में थी कि पूरा का पूरा शब्द भी नहीं बोल पा रही थी। अब में अपनी स्पीड धीरे-धीरे बढ़ाता जा रहा था, हाँ राजा ऐसे ही करो और जोर से चोदो, फाड़ दो मेरी चूत को आज, आज कुछ भी हो जाए, लेकिन मेरी चूत फाड़े बगैर मत झड़ना आआआआ और ज़ोर से, उूउउईईईईई माँ, आहह, अब वो ऐसे ही मौन कर रही थी। फिर कुछ देर के बाद मैंने पाया कि मेरा लंड पानी से भीग रहा है। अब वो पानी छोड़ने वाली थी और अब वो नीचे से अपनी कमर उठा-उठाकर चिल्ला रही थी और बडबड़ा रही थी हाँ और चोदो, मेरी चूत को आज मत छोड़ना, इसका भोसड़ा बना देना और फिर कुछ देर के बाद वो बोली कि हाए दीपक में झड़ने वाली हूँ। अब में भी झड़ने के करीब पहुँच गया था, क्योंकि हम लोग लगातार 15-20 मिनट से चुदाई कर रहे थे। फिर में बोला कि हाँ डार्लिंग में भी झड़ने वाला हूँ और फिर मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी, तो वो कुछ देर के बाद झड़ गयी। अब में भी झड़ने के करीब आ गया था और फिर कुछ देर के बाद में भी झड़ गया। अब उसने मुझे कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया था, तो में भी उसके बूब्स के ऊपर ही पड़ा रहा। फिर कुछ देर के बाद उसने मेरा लंड और मैंने उसकी चूत को साफ किया। फिर हम दोनों ने अपने-अपने कपड़े पहने और फिर कुछ देर तक एक दूसरे की बाहों में पड़े रहे। फिर हम लोग वहाँ 3 दिन रुके। फिर हम लोगों को जब भी टाईम मिलता था तो हम लोग सेक्स कर लिया करते थे। फिर उसके कुछ दिन के बाद उसकी शादी हो गयी और वो अपने ससुराल चली गयी। फिर में भी अपनी पढाई के सिलसिले में दिल्ली चला आया, लेकिन बड़ोदरा आने के 1 साल के बाद वो फिर मुझे बड़ोदरा में ही मिल गयी। फिर मैंने उसके साथ सेक्स किया ।।

बेटी की जगह माँ

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हैल्लो दोस्तों.. में एक बार फिर हाज़िर हूँ अपनी लाईफ में घटी एक अनोखी घटना को लेकर.. लेकिन में उससे पहले उन सभी का बहुत बहुत धन्यवाद करना चाहता हूँ जिन्होंने मेरी पिछली सभी कहानियों को इतना प्यार दिया और मुझे आगे बड़ने का मौका दिया और में आज फिर से अपनी एक सच्ची घटना लेकर आप सभी के सामने आया हूँ। वैसे आप सभी मुझे पहले से ही जानते है.. मेरा नाम रोकी है और मेरी उम्र 23 साल है और में इस साईट का दिवाना हूँ। दोस्तों मेरी आज की कहानी में बेटी की जगह माँ चुद गयी, अब में सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ और थोड़ा विस्तार से बताता हूँ। मेरे घर के पड़ोस में एक घर में एक परिवार रहता है और उस परिवार में पांच लोग है.. जिसमें तीन बेटियाँ और पति पत्नी रहते है। उस घर में जो पति है वो 50 साल का है और उनका नाम हरिप्रसाद है.. उनकी पत्नी 47-48 साल की है और उनका नाम राधा है और में इन दोनों को दादा, दादी बुलाता हूँ और इनकी तीनों बेटियों को बुआजी बुलाता हूँ। उनमे सबसे छोटी बेटी का नाम मंजू है उसकी उम्र 26-27 साल है.. मंजू बुआ थोड़ी मोटी है क्योंकि वो रोज़ गर्भनिरोधक गोलियां खाती है और उसका रंग सावंला है। 
आज से एक साल पहले मैंने उनको और उनकी एक सहेली छाया को चोदना शुरू किया था.. तब इन दोनों को मैंने लेस्बियन सेक्स करते पकड़ा था.. यह दोनों पूरी नंगी होकर एक दूसरे की चूत चाट रही थी और चूत में उंगली डालकर चोद रही थी। में जैसे ही कमरे में घुसा तो यह सब देखकर बहुत डर गया.. लेकिन यह दोनों सेक्स के नशे में चूर थे और इस कारण दोनों ने मिलकर मुझे ज़बरदस्ती नंगा किया और मेरे लंड को चूसकर खड़ा करके बारी बारी से मुझसे चुदवाया और उस दिन के बाद से में आज तक इन दोनों को चोदता आ रहा हूँ.. लेकिन 8 महीने बाद छाया बुआ की शादी हो गई और वो अपनी ससुराल चली गयी.. लेकिन वो जब भी अपने घर आती है तो में उन दोनों को एक साथ मिलकर चोदता हूँ।

फिर छाया बुआ की शादी के बाद में सिर्फ़ मंजू बुआ को चोदता हूँ और हर रोज़ रात को उनके घर में जाकर उनकी चुदाई करता हूँ और कभी कभी दिन में भी उन्हें घर पर अकेले देखकर चोदता हूँ और ऐसा पिछले एक साल से हो रहा है। इस बारे में उनकी माँ (राधा) को भी पता है.. लेकिन वो किसी से कुछ नहीं कहती.. क्योंकि में जब एक दिन रात को मंजू बुआ को चोदकर जा रहा था तो मैंने राधा दादी को उनकी मझली बेटी और दामाद को कमरे में चुदाई करते देखते हुए पकड़ा था.. वो उनके कमरे की खिड़की से अंदर झाँक रही थी। दादी ने जैसे ही मुझे देखा वो एकदम से डर गयी। फिर मैंने उनसे कहा कि में इस बारे में किसी को नहीं बताऊंगा.. लेकिन फिर भी वो मुझसे बहुत डरती है कि कहीं में यह बात किसी को ना बता दूँ। उनके पति हर वक़्त खेत पर होते है वहां पर एक छोटा सा मकान है और वो दादी को छोड़कर बाकी सब औरतों की चुदाई करते है। उनके खेत में जितनी भी मज़दूर औरतें काम करती है वो उन सभी को चोदते है और इस कारण हरी दादाजी ने पिछले 12-15 सालों से अपनी पत्नी को चोदना तो दूर ठीक से देखा भी नहीं है।
तो इस तरह में रोज़ मंजू बुआ को चोदता था। उनके कमरे में टीवी और डीवीडी है जिसमे हम लोग ब्लूफिल्म देख देखकर चुदाई करते है। हम एक अनोखी स्टाईल में चुदाई करते है.. पहले बुआजी मेरे लंड को चूस चूसकर लोहे के सरीए की तरह कर देती है और फिर उसके बाद एक बड़े से बर्तन में ढेर सारा तेल लाती है और उसमे वो मेरे लंड को डुबो देती है और फिर दोनों हाथों से मेरे लंड को उस तेल के अंदर मालिश करती है। जिससे मेरा लंड और भी चोदने के लिए मस्त हो जाता है। ऐसा 10 से 15 मिनट तक करती है और फिर में उनको बेड पर सुला देता और उनकी चूत का मुहं खोलकर उसमे तेल डाल देता हूँ और उसके बाद में फिर से अपने लंड को उस तेल में डुबाकर चूत में घुसाता। चूत तो पहले से ही तेल से लपालप भरी होती है और मेरा लंड तेल में डूबने के कारण वो भी तेल से पूरा भीग जाता है। फिर जब में तेल से भरी चूत में लंड डालता हूँ तो लंड के घुसते ही चूत में से फच की आवाज़ निकलती और मेरा लंड एक बार में ही पूरा जड़ तक चूत में घुस जाता है और उसके बाद में चोदने लगता और तेल के कारण चुदाई के टाईम चूत में से ऐसी ऐसी आवाज़ें निकलती है कि हम दोनों उसे सुनकर मदहोश हो जाते है। 
फिर उसी तरह जब में गांड में लंड घुसाता तो उससे पहले गांड के छेद में उंगली डालकर तेल से लपालप भर लेटा और फिर लंड डालकर चोदता.. गांड मारते टाईम भी ऐसी ही आवाजें गांड से भी निकलती है और में बीच बीच में अपना लंड निकालकर तेल में डुबाकर फिर से अंदर डाल देता। में आप लोगों को बता नहीं सकता कि ऐसे चोदने में कितना मज़ा आता। उस वक्त मुझे चुदाई का इतना अनुभव नहीं था तो उस टाईम में ऐसे चोदने का मतलब समझ नहीं पाता था.. लेकिन ऐसे चोदने में बहुत मज़ा आता था। यह आईडिया मेरा नहीं था.. वो बुआजी का था.. लेकिन पता नहीं उनको ऐसी चुदाई के बारे में किसने बताया था.. लेकिन आज में उस बात को समझ गया हूँ कि ऐसे चोदने में मज़ा दुगना हो जाता है और में आप सबसे भी यही कहता हूँ कि ऐसे ही चुदकर या चुदवाकर देखिए कितना मज़ा आता है।

फिर एक दिन की बात है जब में बुआजी को रात में चोदने के बाद घर जाने लगा तो मंजू बुआ ने कहा कि कल दोपहर को घर में कोई भी नहीं होगा.. तो तुम छुपकर चले आना हम दोनों बहुत मस्ती करेंगे। तो मैंने उनकी बात मान ली और दिन के दो बजे उनके घर पहुँच गया और घर पर सच में कोई भी नहीं था.. इस कारण हम दोनों ने आराम से टीवी पर ब्लूफिल्म देखी और उसी स्टाईल में बहुत देर तक चुदाई का मज़ा लिया। फिर मंजू बुआ ने मुझे रात को भी आने को कहा और फिर में वहां से चला गया। तो मेरे जाने के बाद उनके मामाजी आए और मंजू बुआ को लेकर अपने साथ चले गये और यह सब इतना जल्दी हुआ कि वो मुझे बता भी नहीं सकी.. इसीलिए मुझे पता नहीं था कि वो घर पर है या नहीं और में रात को रोज़ की तरह उनके कमरे में चुपचाप घुस गया।
मंजू बुआ दिन में हमेशा सलवार कमीज़ पहनती है और रात को मेक्सी पहन कर सोती है और फिर उस दिन शाम को अचानक से बहुत तेज बारिश होने लगी जिसकी वजह से लाईट भी चली गयी थी और इस कारण उनके कमरे में बहुत ही अंधेरा था। फिर मैंने अंदर जाते ही दरवाजा अंदर से बंद कर दिया और मंजू बुआ की साईड में जाकर लेट गया और उनको ज़ोर से अपनी बाहों में जकड़ लिया.. लेकिन बाहों में लेते ही मुझे लगा कि वो थोड़ी ज़्यादा मोटी लग रही है। तो मैंने पूछा कि क्या हुआ बुआजी अचानक इतनी मोटी कैसे हो गई? तो उन्होंने कुछ नहीं कहा और मैंने भी उस बात पर ज्यादा ध्यान ही नहीं दिया और फिर में उनकी मेक्सी के ऊपर से ही बूब्स को दबाने लगा। तो आज बूब्स भी मुझे थोड़े ढीले लगे और छोटे लगे.. क्योंकि मंजू बुआ के बूब्स बहुत बड़े बड़े और टाईट है.. लेकिन मेरा ध्यान उस टाईम सिर्फ़ चोदने पर था तो इन सब बातों को मैंने अनदेखा कर दिया और फिर मुझे थोड़ा अजीब लगा कि आज में ही सब कुछ कर रहा हूँ.. बुआजी तो चुपचाप पड़ी हुई है। फिर मैंने उनकी मेक्सी को उतार दिया और उनको सीधा लेटा दिया.. उसके बाद में उनके ऊपर चढ़ गया और बूब्स को चूसने लगा।

तो उन्होंने मुझे कसकर पकड़ लिया और आज बुआ ने ब्रा नहीं पहनी थी और ना ही पेंटी। तो मैंने पूछा कि क्या हुआ बुआजी आज आप पहले से ही चुदवाने के लिए तैयार है और क्या इसलिए ब्रा और पेंटी खोल दी? फिर बूब्स चूसते चूसते मैंने हाथ चूत की तरफ बढ़ाया और जैसे ही मैंने चूत पर हाथ रखा तो मुझे बालों का एहसास हुआ और मैंने एक बार फिर से हाथ लगाया तो देखा कि चूत पर बहुत सारे बाल है और में बहुत चकित हो गया.. क्योंकि आज दोपहर जब मैंने उनको चोदा था तब तो चूत बिल्कुल साफ थी.. फिर अचानक इतने सारे बाल चूत पर कहाँ से आ गये? में बहुत डर गया कि यह कौन है? और इस कारण मेरा लंड भी सिकुड़ गया। तो में तुरंत उनके ऊपर से उतर गया और पूछा कि कौन हो आप? लेकिन कोई जबाब नहीं मिला तो मैंने जाकर झरोका खोल दिया। बाहर बहुत बारिश के साथ साथ तेज़ बिजली भी चमक रही थी उस बिजली की चमक से मैंने उनका मुहं देखा तो में देखता ही रह गया।
मैंने देखा कि अब तक मैंने मंजू बुआ समझकर जिसे नंगा कर दिया.. वो मंजू बुआ नहीं उनकी माँ राधा दादी है। में बहुत डर गया और वहां से जाने लगा। तो दादी ने मुझे आवाज़ दी और कहा कि रुक जाओ.. में रुक गया तो उन्होंने मेरा हाथ पकड़कर मुझे बेड पर बैठाया.. लेकिन मुझे इतना पता था कि वो इस बारे में किसी को नहीं कहेंगी.. लेकिन मैंने कभी उन्हे चोदने का सोचा भी नहीं था। दादी ने कहा कि ऐसे काम अधूरा छोड़कर कहाँ जा रहे हो? तो मैंने कहा कि में आपको कैसे चोद सकता हूँ? आप तो मुझसे बहुत बड़ी है। इस पर उन्होंने कहा कि बड़ी हुई तो क्या हुआ? में भी तो एक औरत हूँ मेरी भी एक चूत है जिसमे तुम आराम से अपना लंड घुसाकर चोद सकते हो। तो यह बात सुनकर मेरे तो होश ही उड़ गये क्योंकि इससे पहले मैंने कभी 47-48 साल की औरत को चोदने के बारे में सोचा भी नहीं था.. चोदना तो बहुत दूर की बात है.. लेकिन वो कोई और होती तो में कभी पीछे नहीं हटता.. क्योंकि मुझे लड़कियों से ज़्यादा औरतों को चोदने में मज़ा आता है.. लेकिन वो साल 30 की हुई तो अच्छा है और 40 साल की हुई तो बहुत अच्छा है और यह सब मेरे उन दोस्तों को पता होगा जिन्होंने ऐसा सेक्स किया होगा। 
अब कहानी पर आता हूँ.. दादी की बात सुनकर मैंने कहा कि यह आप क्या कह रही हो? यह सब ठीक नहीं है आप तो शादीशुदा हो.. जाकर अपने पति से चुदवाईए ना और इतना कहकर में वहाँ से जाने लगा तो वो मेरे पैरों पर गिर गयी और गिड़गिड़ाने लगी कि बिना मुझे चोदे ऐसे मत जाओ और उन्होंने मुझे अपनी सारी दुख भरी कहानी सुनाई। राधा दादी ने कहा कि जब उनकी शादी हरी दादा के साथ हुई थी तो हरी दादा उन्हे बहुत चोदते थे। दिन भर में 5-6 बार और रात को 3-4 बार रोज़ चोदते थे और कभी दो बार तो 24 घंटे में 14-15 बार भी चोदते थे। किचन में आकर साड़ी को ऊपर उठाकर घोड़ी बनाकर पीछे से चूत में लंड डालकर चोद लेते थे और जब भी लंड खड़ा होता तो वो दादी के पास जाकर उनको चोदते थे। रात को सोते टाईम अगर लंड खड़ा हो गया तो उसी वक़्त साड़ी को ऊपर करके लंड चूत में घुसा देते थे और सुबह जब उठते थे तब उठने से पहले रोज़ चोदते थे।
वो हमारी शादी के 15 दिन में ही मुझे 150-200 बार चोद चुके थे.. जिस कारण मेरी हालत बहुत खराब हो गई थी और में 15 दिनों में ही प्रेग्नेंट हो गयी थी और उसके बाद भी 4 महीने तक तेरे दादाजी मुझे ऐसे ही चोदते रहे। जब भी वो खेत पर जाते थे तो मुझे अपने साथ लेकर जाते थे और वहाँ एक चारपाई थी.. उसके ऊपर लेटाकर चोदते थे.. जिस कारण वो चार पाई चार दिनों में ही टूट गयी थी। फिर एक बार हम दोनों मेरी बहन की शादी में गये थे और फिर वहाँ भी यह मुझे एक कमरे में ले जाकर चोदने लगे और उस वक़्त बाहर शादी चल रही थी.. लेकिन हम लोग अंदर कमरे में चुदाई कर रहे थे। इस बीच मेरे पिताजी हमे बुलाने आ गए तो अंदर से ही मैंने जबाब दिया के आप जाइए हम अभी थोड़ी में आते है.. क्योंकि तेरे दादाजी ज़्यादा देर तक नहीं चोद सकते थे.. बस 12-15 मिनट चोदने के बाद ही उनका लंड पानी छोड़ देता था। 
फिर जब बड़ी बेटी पैदा हुई उसके 10 दिन के बाद ही वो मुझे चोदने लगे थे.. में नीचे लेटकर बच्ची को दूध पिलाती थी और यह पीछे से आकर मेरी साड़ी को ऊपर करके मेरी चूत में लंड डालकर चोदते थे। उनका हाल तो ऐसा था कि रात को जब भी इनका लंड खड़ा होता था.. उसी वक़्त चोदने लगते थे और जब में गहरी नींद में होती थी तो चुपचाप मेरे दोनों पैर उठाकर चोदने लगते थे और जब मेरी नींद खुलती थी तो मेरी चूत में लंड होता था। इस तरह बहुत जल्द ही में फिर से प्रेग्नेंट हो गई थी और मेरी बड़ी बेटी 8 महीने में ही पैदा हो गयी थी। तो जब हमारी शादी को एक साल पूरा हुआ तो में दूसरी बार प्रेग्नेंट थी। तो इस बार जब मैंने दूसरी बेटी को जन्म दिया तो डॉक्टर ने कहा कि इसके बाद कम से कम दो साल तक कोई बच्चा नहीं होना चाहिए.. नहीं तो मेरी जान को ख़तरा हो सकता है और यह बात सुनते ही तेरे दादाजी बहुत दुखी हो गये।
फिर उसके बाद उन्होंने मुझे चोदना कम कर दिया था.. इस कारण वो बाहर की औरतों को चोदने लगे और कभी कभी अगर मन किया तो मुझे चोद देते थे और इस तरह मंजू पैदा हुई और उसके बाद तो वो महीने में एक बार मुझे चोद ले तो वो भी बहुत था.. लेकिन पिछले 15 सालों से उन्होंने मुझे छुआ तक नहीं और इस कारण में रोज़ चुदवाने के लिए तरस गयी हूँ। फिर जब दोनों बड़ी बेटियों की शादी हुई तो जब भी वो अपने पति के साथ आती थी तो रात को चुदाई करते हुए में उनको देखकर अपने आपको शांत कर लेती हूँ.. लेकिन अब तो वो भी देखने को नहीं मिलता। इसलिए में तुम्हे मंजू को चोदते हुए कभी कभी देखती थी और आज जब मंजू ने मुझे कहा कि में तुझे उसके जाने के बारे में बता दूँ तो मेरे मन में ख़याल आया कि क्यों ना इस बात का फायदा उठाकर में तुम से चुदवा लूँ और 15 सालों से प्यासी अपनी चूत की आग को बुझा लूँ? इसलिए में तुम्हारे पैर पड़ती हूँ मुझे आज चोदकर मेरी प्यास बुझा दो तुम जो कहोगे में वो सब करूँगी और इसके लिए में तुम्हे रोज़ 100 रुपये दूँगी.. लेकिन मुझे ऐसे तड़पती हुई छोड़कर मत जाओ..
तो दोस्तों फिर उनकी यह बात सुनकर मेरी आँखों में पानी आ गया और मैंने उनसे कहा कि ऐसा मत बोलिए मुझे कोई पैसे वैसे नहीं चाहिए और अब में मंजू बुआ के साथ साथ आपको भी चोदूंगा.. लेकिन बुआजी गयी कहाँ है? तो दादी ने बताया कि उनको देखने कोई लड़का आने वाला है उनके भाई के घर पर इसलिए वो अपने मामाजी के घर गयी है और दो दिन के बाद आ जाएँगी। तो यह सुनकर में थोड़ा उदास हो गया.. क्योंकि अगर बुआजी की शादी हो गयी तो में किसे चोदूंगा.. लेकिन फिर मुझे याद आया कि अरे उस के लिए दादी है ना.. मुझे जब तक कोई और नहीं मिलती में इनको चोद लिया करूँगा।

फिर मैंने दादीजी को बेड पर लेटा दिया और उनके बूब्स को चूसने लगा और अंधेरे में कुछ दिखाई नहीं दे रहा था.. लेकिन मैंने चूत पर हाथ लगाया तो मैंने महसूस किया कि दादीजी की चूत बालों से बिल्कुल ढकी हुआ है। तो मैंने बालों को हटाते हुए चूत के अंदर उंगली डाल दी तो दादी के मुहं से अह्ह्ह अहह की आवाज़ें निकलने लगी और उन्होंने कहा कि यह क्या कर रहे हो? तो मैंने कहा कि आप देखती जाईए में क्या क्या करता हूँ। फिर में उनकी चूत के दाने को ज़ोर ज़ोर से रगड़ने लगा तो दादी के मुहं से तेज़ तेज़ आवाज़ निकलने लगी अहह ओह माँ और दस मिनट ऐसे करने के बाद वो ज़ोर से चिल्लाने लगी और मेरे हाथ को चूत से दूर कर दिया और बेड पर तड़पने लगी। तो में बहुत डर गया और पूछा कि क्या हुआ? इस पर दादी के मुहं से सिसकियाँ निकालते निकलते जबाब दिया कि मेरी चूत बहुत जल रही है और उसमे से कुछ निकल रहा है आईईईई अहह पता नहीं तुमने क्या किया है ओह्ह। फिर मैंने चूत को हाथ से छुआ तो पता चला कि दादी झड़ गयी है तो इस कारण चूत का मुहं अपने आप खुल और बंद हो रहा था और चूत से ढेर सारा गाढ़ा पानी निकल रहा है।

तो मैंने दादी से कहा कि कुछ नहीं हुआ तुम झड़ गयी हो इसलिए तुम्हारी चूत में से यह पानी निकल रहा है और उसके बाद दादी ने कहा कि लेकिन ऐसा तो पहले कभी नहीं हुआ था फिर आज क्यों? तो मैंने कहा कि लगता है आज से पहले कभी आप झड़ी नहीं है और शायद दादाजी जब आपको चोदते थे तो कभी आपकी चूत को ऐसे नहीं मसलते थे। फिर दादी ने कहा कि तू चूत मसलने की बात कर रहा है आज तक तेरे दादाजी ने मुझे कभी पूरा नंगा करके नहीं चोदा और यहाँ तक कि उन्होंने कभी मेरे बूब्स को छुआ तक नहीं और मैंने आज तक कभी उनका लंड देखा भी नहीं और उन्होंने भी मेरी चूत कभी देखी ही नहीं है। तो यह बात सुनकर आप लोगों को शायद अजीब लग रहा होगा.. लेकिन यह बात आज से 15-16 साल पहले की है उस वक़्त गावं में सभी मर्द धोती पहनते थे और जब भी वो किसी को चोदना चाहे तो धोती को ऊपर उठाकर ऐसे ही चोद देते थे। तो इस कारण दादी ने भी कभी चुदाई का असली मज़ा लिया ही नहीं था।

फिर जब दादी की चूत से सारा पानी निकल गया तो वो थोड़ी शांत हो गयी.. फिर मैंने कहा कि अब आप बैठ जाओ और मेरे लंड को मुहं में डालकर चूसो.. पहले तो उन्होंने लंड को चूसने से मना किया। फिर जब मैंने कहा कि एक बार चूसकर तो देखो अगर अच्छा नहीं लगा तो फिर कभी नहीं कहूँगा। तो उसके बाद डरकर दादी ने मेरे लंड को हाथ में लिया और उसे अपने मुहं में डालने लगी और पहली बार लंड को मुहं में लिया तो उल्टी करने लगी। फिर बार बार ऐसा करते करते उन्होंने मेरे लंड को चूसना शुरू किया। उनको पता ही नहीं था कि लंड कैसे चूसते है? तो मैंने कहा कि आप एक काम करो लंड को मुहं में रखो और आइस्क्रीम की तरह चूसो। फिर दादी ने वैसा ही किया उन्होंने सिर्फ़ लंड के गुलाबी हिस्से को मुहं में लिया और चूसने लगी और जब वो लंड को चूस रही थी तो मुहं से आवाज़ निकालती थी और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। जब मेरा लंड चोदने के लिए पूरी तरह से तैयार हो गया तो मैंने उनको बेड पर लेटा दिया और पैरों के बीच जाकर बैठ गया। फिर मैंने अंधेरे में चूत के छेद को हाथ से ढूंढकर लंड को उसके मुहं पर रख दिया और उसके बाद में दादी के ऊपर सो गया और धीरे से लंड को चूत में डालने लगा। दादाजी ने जितने दिन भी दादी को चोदा था उतने में ही चूत की धज्जियां उड़ा दी थी और उस कारण दादी की चूत फेल गयी थी.. लेकिन पिछले 15-16 सालों से नहीं चुदवाने के कारण चूत का छेद थोड़ा सा सिकुड गया था और मैंने ज़ोर ज़ोर से धक्के मारकर लंड को चूत में पूरा डाल दिया और जब मेरा लंड चूत में जड़ तक पहुंच गया तो में तेज़ झटके मारने लगा। तो दादी बोली कि अहह बहुत अच्छा लग रहा है इतने दिनों के बाद लंड को चूत में लेकर ओहहह मज़ा ही आ गया.. अरे वाह बेटा तू तो बड़े अच्छे से चोदता है बिल्कुल मर्दों की तरह। 
दादी की चूत बहुत गरम थी इसलिए में 25-30 मिनट में ही झड़ गया और मैंने सारा वीर्य उनकी चूत में ही निकाल दिया और उसके बाद दादी ने मुझे अपनी बाहों में लेकर मेरे माथे को चूमा और कहा कि तू नहीं जानता कि तूने आज मेरी कितने सालों की तमन्ना पूरी की है? क्यों अब तू मुझे रोज़ चोदेगा ना? तो मैंने कहा कि मुझे भी आपको चोदकर बहुत अच्छा लगा अब.. लेकिन मंजू बुआ की शादी हो गई तो भी कोई टेंशन नहीं में आपको रोज़ चोदूंगा और इतना कहकर में उनकी छाती पर लग गया। फिर दादी ने मुझसे कहा कि कल दोपहर को तू आ जाना में चुदवाने के लिए तैयार रहूंगी। तो मैंने कहा कि ठीक है में कल आ जाऊंगा।


फिर में अगले दिन दोपहर को उनके घर गया तो दादी पहले से ही बुआ के कमरे में तैयार थी और अंदर जाते ही में उनके गले लग गया.. उस दिन उन्होंने साड़ी पहनी थी और वो अंदर कुछ नहीं पहनती थी। तो मैंने उनकी साड़ी को पूरा निकाल दिया और जैसे ही मैंने उनको नंगा देखा तो में देखता ही रह गया उनके शरीर का रंग काला था और उनकी चूत में इतने बाल थे कि काले शरीर के काले बालों ने बिल्कुल चूत को ढक दिया था और बाल नाभि के नीचे से ही निकले हुए थे और ऐसे बाल चूत में देखकर मुझे बहुत अजीब लगा। तो मैंने कहा कि दादी क्या आप अपनी चूत के बालों को साफ नहीं करती? तो उन्होंने कहा कि मुझे क्या पता कैसे करते है? मैंने कहा कि चलो आज में आपकी चूत के बालों के साफ करता हूँ एक बार मैंने देखा था.. मंजू बुआ और छाया बुआ कैसे एक दूसरे की चूत को साफ करती थी?

फिर मैंने मंजू बुआ का शेविंग सेट लिया और साथ में थोड़ा पानी भी.. पहले मैंने केंची से बालों को काटा.. फिर मैंने चूत में अच्छे से साबुन लगाया और ब्लेड से साफ करने लगा और शेविंग करते वक़्त दादी हँसने लगी.. क्योंकि उनको बहुत गुदगुदी हो रही थी। तो मैंने धीरे धीरे उनकी चूत को पूरा साफ कर दिया और पानी से अच्छे से धो दिया और उसके बाद हम दोनों बेड पर गये और मैंने दादी की चूत का मुहं खोला तो अंदर लाल लाल दिख रहा था.. पिछली रात को अंधेरे के कारण मैंने उनकी चूत को ठीक तरह से देखा नहीं देखा था। तो मैंने कहा कि आपकी चूत तो मंजू बुआ से भी बहुत अच्छी दिखती है। तो दादी शरमा गयी और मुझे अपनी बाहों में भर लिया और में उनके बूब्स को चूसने और दबाने लगा तो वो शह्ह सीईईईई करने लगी। फिर मैंने उनकी चूत का मुहं खोला और उंगली डालकर चोदने लगा.. तभी कुछ देर बाद वो चीख चीखकर झड़ने लगी और उनकी चूत से सफेद गाढ़ा पानी निकल रहा था और उसके बाद मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए दादी को लंड चूसने के लिए कहा। 
तो उन्होंने कहा कि तेरा लंड तो बहुत बड़ा है और यह कहकर वो मेरे लंड को मुहं में डालकर चूसने लगी.. में उनकी गांड के छेद को सहलाने लगा और मेरा लंड जब तैयार हो गया तो मैंने उनको बेड के साईड पर लेटा दिया और मैंने उनके पैरों को अपने कंधे पर रखा और लंड को चूत के मुहं पर टिका दिया और मैंने दोनों बूब्स को पकड़कर एक ज़ोर का धक्का मारा तो पूरा लंड चूत में घुस गया और दादी चीख पड़ी अहह अह्ह्ह बहुत दर्द हो रहा है ईईईई थोड़ा धीरे ऊई माँ आआआअ में और ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा और कुछ देर बाद मैंने कहा कि अब आप उल्टी हो जाओ में आपकी गांड में लंड डालकर चोदूंगा। इस पर दादी ने कहा कि नहीं गांड में भी क्या कोई चोदता है? इतना बड़ा मूसल अगर मेरी गांड में घुसेगा तो मेरी गांड फट जाएगी। तो मैंने कहा कि आप चिंता मत कीजिए में आराम से चोदूंगा और मैंने उनको घोड़ी बनाया और पीछे गांड के छेद में लंड घुसाने लगा तो वो फिसल जाता.. क्योंकि उन्होंने कभी गांड नहीं मरवाई थी तो वो बहुत टाईट था।


तो मैंने थोड़ा तेल लिया और गांड में अच्छे से उसे लगाया और थोड़ा सा मेरे लंड पर भी लगाया और उसके बाद मैंने उनको गांड को खोलने के लिए कहा और लंड को छेद के मुहं पर रख दिया फिर ज़ोर से धक्का मारा तो तेल के कारण आधे से ज़्यादा लंड गांड के अंदर घुस गया। दादी चिल्लाने लगी ओहहह निकालो ऊऊऊऊ बहुत दर्द हो रहा आआआआआ है ईईईई और में उनकी बात सुने बिना एक और धक्का मारकर पूरा लंड गांड में डाल दिया और चोदने लगा। वो चिल्लाती रही ऊई माँ में ईईई मर गई मेरी तो गांड फट गई अहह। तो में उनकी बात को अनसुना करके चोदने लगा और बड़ा मज़ा आ रहा था कसी हुई गांड मारने में.. मैंने अपनी रफ़्तार बड़ा दी तो वो और तेज़ चिल्लाने लगी। फिर मैंने उनको सीधा किया और चूत में लंड डालकर चोदने लगा और इस बीच दादी झड़ गयी थी और अब में भी झड़ने वाला था तो में और ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा.. में उनके ऊपर लेटकर चोद रहा था और साथ ही साथ बूब्स को चूस रहा था और दबा रहा था और कुछ देर बाद में भी झड़ गया और मैंने उनको कसकर पकड़ लिया और तेज़ झटके मार मारकर झड़ने लगा और मैंने सारा लंड का पानी चूत में निकाल दिया। 
फिर उसके बाद दादी ने कहा कि कल तो मंजू आ जाएगी और तू उसे चोदने लगेगा और फिर मेरा क्या होगा? तो मैंने कहा कि आप चिंता मत कीजिए.. में सब कुछ सम्भाल लूँगा। फिर अगले दिन जब मंजू बुआ आई तो में उनको चोदने के लिए रात को गया और मैंने उनको जमकर चोदा। फिर उन्हे बताया कि कैसे मैंने उनकी गैरहाज़री में दादी को चोदा.. लेकिन पहले तो वो विश्वास नहीं कर रही थी। फिर जब मैंने दादी को कमरे में बुलाकर उनके सामने कहा तो वो मान गयी और हम दोनों ने उनको सब कुछ बताया तो वो मान गयी और उस दिन के बाद में माँ बेटी दोनों को मिलकर चोदने लगा और हम तीनों टीवी पर ब्लूफिल्म देखकर चुदाई करते थे। फिर में जब एक को चोदता था तो वो दूसरी की चूत को सहलाती थी और ऐसे ही हम तीनो रोज़ चुदाई करने लगे। फिर तीन महीने बाद मंजू बुआ की शादी हो गयी और में सिर्फ़ उनकी माँ को चोदने लगा.. लेकिन जब भी मंजू बुआ अपने घर आती थी तो में उन दोनों को चोदता था और यह सिलसिला करीब दो सालों तक चला।


फिर में कॉलेज की पढ़ाई के लिए शहर आ गया। शहर आने के बाद मैंने फिर कभी उन दोनों में से किसी को नहीं चोदा.. लेकिन यह मेरी लाईफ का एक ऐसा अनुभव है कि जिसे में कभी भी भुला नहीं सकता। आज मंजू बुआ के दो बच्चे हो गये है और में जब भी गाँव जाता हूँ तो अगर वो अपने घर आई होती है फिर में उनसे मिलने जाता हूँ। अब उनकी माँ बूढ़ी हो गयी है और उनके पिताजी की म्रत्यु हो गई है.. लेकिन फिर भी हम तीनों बैठकर सारी पुरानी यादें ताज़ा करते है ।।
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