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चुदने से कोई नहीं मरता नेहा.....

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 हाँ जी दोस्तों, क्या हाल है? मैं आपकी उमा शर्मा आपके लिए फिर से हाज़िर हु चुदाई की एक नई दास्तान लेकर. अपने मेरी पुरानी कहानियो को बहुत प्यार दिया और मुझे बहुत सरहा, उसके लिए बहुत सारा थैंक्स. तो आते है उस नई दास्ताँ पर.आशा करती हूँ, आप लोगों को यह कहानी पसंद आएगी।

मेरा नाम नेहा पाण्डेय है। 
मैं 23 साल की हूँ, सहारनपुर की रहने वाली हूँ और दिल्ली में जॉब करती हूँ एक प्राइवेट संस्थान में!
मेरे घर में कुल 5 लोग हैं, मैं, मेरा भाई मेरी बहन मेरी मम्मी और पापा।
मेरे पापा एक बड़ी कंपनी में मैनेजर हैं और मेरी मम्मी एक प्राइवेट बैंक में क्लर्क हैं। मेरा भाई अभी 9 में है। इसके अलावा मेरी एक बड़ी बहन है जिसकी शादी 4 साल पहले हो गयी थी पर जीजा जी के देहान्त के बाद उसके ससुराल वालों ने उसे अलग कर दिया इसलिए वो अब हमारे साथ रहती है।


मैं शादी नहीं करना चाहती थी तो दिल्ली में जॉब ढूँढ ली और पिछले तीन सालों से दिल्ली में रहने लगी और धीरे धीरे यहीं की लाइफ जीने लगी जैसे दोस्त बनाना, पार्टी करना!
पर मैं कभी भी रात में ज्यादा देर पार्टी नहीं करती थी।


मेरे बहुत सारे दोस्त हैं जो लड़के हैं और सब मुझे पाना चाहते हैं क्योंकि मेरा फिगर 30-28-34 है जिसे हर कोई लूटना चाहता है। मैं जब भी किसी भी दोस्त के साथ कहीं पार्टी में जाती हूँ तो वो जरुर मेरी कमर में हाथ रख कर ही पार्टी में एंटर करता था ये मुझे भी अच्छा लगता था इसलिये मैंने कभी किसी को मना नहीं किया।

अब मैं अपनी कहानी पर आती हूँ। यह बात आज से करीब 6 महीने पहले की है।
मेरा एक दोस्त है जिसका नाम अनुराग है वो बहुत अच्छा है और बहुत फिट है। उसने मुझे एक पार्टी में आमंत्रित किया जो उसके पापा के रिटायरमेंट की थी। मैं वहाँ जाना नहीं चाहती थी क्योंकि बड़े लोग थे वहाँ पर!
लेकिन अनु ने जिद की तो मैं एक सिंपल सी ड्रेस पहन कर अनु के साथ चली गयी।


वहां अनु के दोस्तो में सिर्फ मैं थी और मैं किसी और को नहीं जानती थी तो मैं ज्यादा समय अनु के साथ रहती थी। अनु ने मुझे अपने मम्मी पापा से मिलाया, सबने मेरी खूबसूरती की तारीफ की।
अनु की मम्मी ने मुझे एक हार गिफ्ट किया जो मुझे बहुत अच्छा लगा और मैं बहुत खुश हुई।


फिर पार्टी के बाद अनु मुझे मेरे फ्लैट पर छोड़ने आया और कहा- आज मैं तुम्हारे साथ बैठ कर ड्रिंक करना चाहता हूँ।
मैं कभी कभी दोस्तों के साथ बियर पी लेती थी तो मुझे यह बात सामान्य लगी तो मैंने भी हां कर दी।
अनु मुझे मेरे फ्लैट पर छोड़ कर ड्रिंक लेने चला गया। मैंने अपने कपड़े बदल कर एक गाऊन पहन लिया और गर्मी लगने की वजह से अन्दर कुछ नहीं पहना था क्योंकि मैं हमेशा रात को नंगी ही सोती थी, मैंने सोचा कि अनु ड्रिंक करके चला जायेगा तो फिर मैं सो जाऊंगी नंगी होकर।


अनु आ गया और जब मैंने गेट खोला तो मुझे देख कर बहुत खुश हुआ और गले से लगा लिया। मुझे उसकी यह हरकत थोड़ी अजीब तो लगी पर मैंने अनदेखा कर दिया।

फिर हम दोनों बैठ कर ड्रिंक करने लगे, मैं बियर पी रही थी और अनु अपने लिये दारु की एक फुल बोतल लाया था। हमने मोबाइल में गाने चला दिये और इधर उधर की बात करते हुए ड्रिंक इंजॉय करने लगे।
जब मैंने एक बोतल बियर की पी ली तो अनु ने पूछा- कुछ असर हुआ?
तो मैं बोली- नहीं, मुझे एक बोतल से कुछ नहीं होता।


अनु को नहीं पता था कि मैं पहले भी पी चुकी हूँ क्योंकि मैं अनु के सामने बहुत सिंपल रहती थी।
तो अनु में मुझे भी दारु ऑफर की, जिसे मैं मना नहीं कर पायी और फिर हम दोनों ने काफी देर तक बात करते हुए दारु पी रात के 2 बजे तक।


अब मुझे बहुत ज्यादा नशा हो गया था क्योंकि बियर और दारु से कोकटेल बन गया और अनु भी मुझे नशे में लगा।
फिर मैं और अनु डांस करने लगे, वो मेरी कमर में हाथ डाल कर मेरे साथ डांस कर रहा था और मुझे पता भी नहीं चला कब अनु का हाथ मेरे गाऊन के अन्दर मेरी कमर पर आ गया। मुझे भी अच्छा लग रहा था इसलिये मैंने उसे मना नहीं किया।


अब अनु ने गाना चेंज करके मर्डर मूवी का गाना ‘भीगे होंठ तेरे…’ चला दिया, हम दोनों इस गाने पर डांस करने लगे। धीरे धीरे मुझे नशा ज्यादा होने लगा और अनु अपने बांय हाथ की उंगलियों से मेरे होंठों को सहलाने लगा और दाएँ हाथ को मेरी नंगी कमर पर रगड़ रहा था।
मैंने आंखे बंद कर ली और अनु की इस हरकत का मजा लेने लगी।


फिर अनु ने अपने हाथ को और ऊपर किया और मेरी पीठ को सहलाने लगा, साथ में साइड से मेरी एक चुची को अंगूठे से दबा रहा था।
धीरे धीरे उसकी और मेरी सांसें आपस में टकराने लगी और अनु ने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिये। यह मेरा पहला चुम्बन था तो मैं सिहर गयी और कस कर अनु को पकड़ लिया। अनु ने अपने दोनों हाथ मेरी गाऊन क अन्दर डाल दिये और मेरी नंगी कमर को सहलाते हुए मेरे होंठों को चूसने लगा।


मुझे इतना मजा आ रहा था की मैं बता नहीं सकती, मैंने भी अनु को किस करना शुरु किया और अपनी जीभ को अनु के मुँह में डाल कर उसकी जीभ को चाटने लगी। मुझे पता नहीं चल रहा था मैं क्या कर रही हूँ बस अच्छा लग रहा था।
मैंने अनु की शर्ट के अन्दर अपनी बाँहें डाल दी और उसकी गर्दन को चाटने लगी।


मेरी इस हरकत से अनु को और ज्यादा नशा हुआ और उसने मेरी गाऊन को मेरे एक कंधे से नीचे कर दिया और मेरे कन्धे को चूसने लगा।
फिर धीरे धीरे उसने मेरे गाऊन की रिबन को खोल दिया जिससे मैं सामने से नंगी हो गयी। अब अनु ने मेरे एक चुची को अपने हाथ में पकड़ लिया और दूसरी को मुँह में लेकर चूसने लगा। उसका मेरे निप्पल को हल्का हल्का जीभ से चाटना और काटना मुझे पागल बना रहा था, मैंने अपना आपा खो दिया और उसकी बांहों में ही ढेर हो गयी।


मुझे ऐसा लगा कि जैसे मेरी जांघों के बीच से पानी चू रहा है और मुझे मेरी चूत बहुत गर्म लग रही है।
फिर अनु ने मुझे बांहों में उठा लिया और मुझे बैड पर लिटा कर मेरे ऊपर लेट गया। मेरे होंठों को चूसते हुए मेरी चुची को दबा रहा था। मैं आंखें बंद करके लेटी रही और उसको किस करती रही।
मेरे लेटने की वजह से मेरी गाऊन दोनों साइड हो गयी और अनु मेरे नंगे जिस्म पर लेट गया। मेरी जाँघें, मेरा पेट, मेरी नंगी चुची, बिल्कुल साफ और चिकनी चूत अनु को दिख रही थी।
अनु धीरे धीरे नीचे की ओर किस करते हुए जाने लगा और मेरी नाभि में जीभ लगा कर चूसने लगा, फिर और नीचे गया और मेरी चूत के पास किस करने लगा।


उसकी इस हरकत से मैं और पागल होने लगी और अपनी कमर उछाल कर उसके मुँह में अपनी चूत डालने लगी पर अनु ने चूत पर किस नहीं किया, बस मेरी चूत को सूंघ रहा था।
फिर वो बैड से नीचे उतर गया और चड्डी छोड़ कर अपने सारे कपड़े उतार दिये।


मैंने हल्के से आंखें खोल कर अनु के लंड को देखा जो उसकी चड्डी को ऊपर उठा हुआ था।

अब अनु मेरे पैरों के तलवे चाटने लगा जिससे मैं और पागल हो गयी और अपने हाथों से तकिये को दबाने लगी। फिर अनु धीरे धीरे ऊपर की तरफ आने लगा और मेरी जाँघ को चाटने लगा, फिर मेरी चूत के पास किस करने लगा। मुझसे यह बरदाश्त नहीं हो रहा था इसलिये मैंने अनु का चेहरा पकड़ कर अपनी चूत पर रख लिया। और जैसे ही अनु ने मेरी चूत पर मुंह लगाया, मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया जिसे अनु चाटने लगा।

उसके चूत चाटने से मैं दुबारा उत्तेजित हो गयी और उसके चेहरे को अपनी चूत में दबाने लगी। अब अनु ने अपनी पोज़ीशन बदल ली और 69 में मेरे ऊपर आ गया। मैं पहली बार लंड के इतने करीब थी।
अनु ने मेरी चूत में मुँह लगा लिया जिससे मैंने खुद पर कण्ट्रोल खो दिया और अनु की कमर को बांहों में भर लिया जिससे अनु का लंड मेरे होंठों पर लगा। अनु के लंड की खुशबू इतनी अच्छी लगी कि मैंने उसकी चड्डी को हटा कर उसके लंड को पकड़ लिया।
उसका लंड 7 इंच लम्बा था और मेरी कलाई जितना मोटा जिसे देख कर मैं सहम गयी।


फिर अनु ने अपनी जीभ को मेरी चूत में घुसा कर चाटना शुरु कर दिया जिससे मेरा मुख खुल गया और अनु का लंड मेरे होंठों में फंस गया। अब मैं भी अनु के लंड को चाटने लगी। धीरे-धीरे उसका आधा लंड मेरे मुख में समा गया जिसे मुख के अन्दर ही मैंने जीभ से चाटना सही समझा।

और जब उसका लंड मेरे मुँह में घुस गया तो अनु मेरे मुँह को चोदने लगा। मैं अनु का लंड किसी आइसक्रीम की तरह चूस रही थी। मुझे अपने मुँह की चुदायी अच्छी लग रही थी। अब अनु मेरी चूत को चाटने के साथ साथ एक उंगली से रगड़ने लगा जो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।

फिर अनु उठ गया और मेरे ऊपर लेट गया, मुझे किस करने लगा, मेरे निप्पल को चूसने लगा, मैं बस उसके सर को दबाते हुए निप्पल चुसवा रही थी। मैं बोल रही थी- काटो… जोर से चूसो!
और अनु अपनी जीभ से रगड़ रहा था।


तब उसने अपने लंड को मेरी चूत पर रगड़ना चालू कर दिया जिससे मैं उत्तेजित हो गयी और अपनी दोनों टांगें फैला कर उसे अपनी चूत में लेने को तैयार हो गयी।
फिर अनु ने मेरे निप्प्ल को छोड़ कर कहा- तुम्हारा पहली बार है?
मैंने बोला- हाँ!
अनु- कोई क्रीम है?
मैंने उसे वैसलीन की डिबिया दे दी।


उसने मुझे अपने लंड पर वैसलीन लगाने को बोला तो मैं वैसलीन को उसके लंड पर लगाने लगी और देखते ही देखते उसके लंड में चमक आ गयी और वो 9 इंच का हो गया, मैं डर गयी।
अनु ने फिर से मुझे लिटा कर किस करना स्टार्ट कर दिया और मैं सब भूल कर फिर से खो गयी अपनी चूत चटवाने में।


फिर अनु ने ढेर सारी वैसलीन लेकर मेरी चूत पर लगा दी और उंगली से उसे हल्का हल्का अन्दर भी करने लगा।

अब अनु ने अपना लंड मेरी चूत के छेद पर रखा और हल्का सा दबाया पर चिकनाई की वजह से लंड फिसल गया। तो अनु ने मुझे अपने लंड को चूत पर लगाने को बोला, मैंने लगा दिया।
फिर अनु ने मेरे होंठों को कस कर अपने होटों में जकड़ लिया और एक तेज धक्का मारा।


मेरी आंखों के आगे अन्धेरा छा गया, मुझे लगा मैं मर गयी… मुझे बहुत तेज दर्द हुआ, मेरी चूत फ़ट गयी थी।
पर मेरे मुँह में अनु का मुँह था तो मैं चिल्ला नहीं पायी। मेरी आंखों से आंसू निकल रहे थे।


अनु रुका रहा उसी पोज़ीशन में थोड़ी देर तक और मेरी जीभ को मुँह में लेकर चूसता रहा। फिर दोनों हाथों से मेरी चुची दबाने लगा जिससे मुझे अब अच्छा लगने लगा और मैंने अपनी गांड उछाल कर अनु को हिन्ट दे दिया कि मैं चुदाई के लिये तैयार हूँ।

फिर अनु ने अपनी कमर को थोड़ा पीछे किया और एक और लम्बा झटका मारा जिससे मैं बेहोश सी हो गयी।

जब मुझे होश आया तो देखा अनु मेरे ऊपर लेट कर मुझे जगा रहा है। मेरी चूत में अभी भी अनु का मोटा लंड फंसा हुआ था।
अनु- उठो नेहा, क्या हुआ?
मैंने कहा- निकाल लो, नहीं तो मैं मर जाऊंगी।
अनु- चुदने से कोई नहीं मरता नेहा… और तुम ठीक हो। देखो पूरा चला गया है अन्दर!


मैंने देखा तो मेरी चूत पर खून लगा हुआ था और अनु के लंड के पास भी!
मैं और ज्यादा डर गयी, मैंने अनु से बाहर निकालने को कहा पर अनु ने नहीं निकाला और मेरे निप्पलों को चूसने लगा। अब मुझे थोड़ा नॉर्मल लगा और धीरे धीरे अच्छा लगने लगा। मैं अनु के सर को पकड़ कर अपना निप्पल चुसवाने लगी उसके गाल पर किस करने लगी।


फिर धीरे धीरे अनु ने मुझे चोदना स्टार्ट किया जो मुझे अच्छा लग रहा था और मैं अपनी गांड उछाल कर उसका साथ देने लगी।
इस बीच मैं 2 बार झड़ गयी थी पर अनु नहीं झड़ा था अभी।


फिर अनु ने अपनी स्पीड बड़ा दी और मुझे तेज तेज चोदने लगा और फिर पूछा- कहाँ निकालूं?
तो मैंने उसे बोल दिया- मेरी छाती पर निकाल दो!
क्योंकि मैं देखना चाहती थी किसी लंड को झड़ते हुए।


अनु ने 10-12 धक्के मारे और फिर मेरे ऊपर चढ़ गया, उसके लंड का वीर्य मेरे मुँह में आ गया जिसे मैं चाट गयी और उसका टेस्ट मुझे बहुत पसन्द आया।
फिर अनु ने अपना लंड मेरे होंठों पर लगा दिया जिसे मैं चाट कर साफ करने लगी। अनु उठा और मुझे उठा कर बाथरूम में ले गया जहाँ मेरे चूत की गर्म पानी से सफाई की।


और फिर हम नंगे ही बैड पर लेट गये. अनु ने मेरे होंठों को अपने मुँह में ले लिया और मैं उसके लंड को सहलाने लगी। थोड़ी देर बाद उसका लंड दुबारा खड़ा हो गया और मेरी कामुकता भी जाग गयी तो मैंने अनु को चोदने के लिये बोला और इस बार बहुत अच्छे से काफी देर तक चुदायी के बाद अनु ने अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया जिसे चूस कर मैंने उसका वीर्य निकाला और पूरा पी गयी।
अब मैं और अनु नंगे ही एक दूसरे की बांहों में सो गये।

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