मैं अपनी माँ के साथ दिल्ली मे रहता हूँ, मेरी माँ का नाम सरिता है, देखने मे माँ बहुत खूबसूरत है और फिगर बहुत सेक्सी है 38-32-40, माँँ की आस बहुत सेक्सी और पीछे को उभरी हुई है, ये कहानी है तब की जब मैं अपनी माँ के साथ रिलेटिव की शादी के लिए कानपुर गया था, ह माँरा ट्रेन के एसी वाले डब्बे मे सीट बुक था पर मेरी और माँ की सीट अलग कॅबिन्स मे थी, एक कॅबिन मे 2 सएआतएं थी , मैं माँ को उनके कॅबिन मेी बैठा कर अपना कॅबिन मेी आ गया, माँ के कॅबिन मे दूसरी सीट पर एक पहलवान जैसा गंजा आदमी था, वो बहुत ही मस्क्युलर था और 6’5″ का था और माँ को देख कर मुस्कुराने ल्गा, माँ भी उसको देख कर मुस्कुराने ल्गी, फिर मैं अपनी सीट पे आ कर बैठ गया जो 2 कॅबिन छोड़ कर थी, रात के 12 बाज चुके थे , मैं अपनी सीट पर लेट कर नॉवेल पढ़ रा था, 2 बजे के करीब मुझे नींद आने ल्गी.
मैं टाय्लेट करने गया और आते टाइम मैने सोचा माँ को देखता हूँ सो गयी होंगी, मैं माँ के कॅबिन के पास गया पर नॉक न्ही किया ताकि डिस्टर्ब ना हो जाए, डोर पे एक होल था, मैने उससे अंदर धेखा पर, एकद्ूम चोंक गया, माँ ने उस गंजे आदमी का लॅंड अपने मूह मे डाल र्खा था और चूस र्ही थी पर उसका लॅंड 12″ का था और आधा ही माँ के मूह मे जेया रा था और उस आदमी ने माँ के बाल पकड़ र्खे है और माँ के मूह मे लंड घुसा र्खा है, मेरे पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक गयी और मैं सोचने ल्गा की माँ तो बहुत बाड़ी रांड़ है जो ऐसे अंजान आदमी के साथ ल्गी हुई है, पर मैने कुछ किया न्ही बस अपने फोन मे रेकॉर्डिंग शुरू कर दी, अब उसने माँ की कमीज़ उतरी और ब्रा खिच कर उतार दी , माँ के मोटे 38″ के बूब्स आज़ाद हो गये , उसने माँ के निपल मूह मे डाल लिए और चूसने ल्गा और अपने बड़े हाथों से स्क्वीज़ करने ल्गा.
उसके दबाने से नुम्मी के मुममे बहुत टाइट और बड़े हो गये, फिर उसने माँ की पाजामी उतार दी और माँ के गोरे पतीले जैसे चूतड़ दिखने ल्गे, माँ के चूतड़ बहुत मोटे और पीछे को उभरे हुए है, उसने माँ की रेड पनटी खिच कर फाड़ दी और साइड मे फैंक दी, अब उस्नी सीधा अपनी उंगली माँ की गांद मे घुसा दी और बाहर निकल कर चाटने ल्गा और बोला “वाहह,,,बहुत सेक्सी है तुम्हारे चूतड़, अब उसने माँ को डोग्ग्स्त्यले मे बैठाया और अपना लॅंड माँ के चूतदों के बीच र्खा और उपर ही र्गड़ने ल्गा, माँ ये देख कर गभहरा गयी और बोली “ये क्या कर र्हे हो”, वो बोला अभी पीछे से नरम नरम चूतड़ माँरूँगा तुम्हारे, माँ दर गयी और बोली “प्लीज़ चूतड़ मत मरो, चूत चाहे जितनी मर्ज़ी माँर लो क्योंकि मैने पहले कभी न्ही मरवाई पीछे से और तुम्हारा लॅंड भी इतना लंबा है , मेरी चूत को चाहे तुम चियर फाड़ दो पर चूतड़ रहने दो”.
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वो हासणे ल्गा और बोला “मुझे तो गांद माँरने मे ही मज़ा आता है और तुम्हारी गांद माँरना ज़रूरी है क्योंकि इतने बड़े पतीले जैसे चूतड़ होने का क्या फ़ायडा जब किसी को इसका मज़ा न्ही दिया”, माँ बोली “प्लीज़ मेरा छेड़ बहुत छोटा है और तुम्हारा 12 ” का साँप इतना मोटा है की अंदर घुस न्ही पाएगा”, वो मुस्करता हुआ बोला “वो मुझ पर छ्चोड़ दो जानू आज मेरे चोदने के बाद तो तुम्हारी गांद इतनी खुली ही जाएगी की उसमे घोड़े का लॅंड भी घुस जाएगा” और ये कहकर उसने अपने मूह माँ के चूतदों के पीछ घुसा दिया और सूंघने ल्गा, माँ के चूतड़ इतने बड़े है की उसका पूरा मूह बीच मे चुप गया, माँ के चूतदों की महक बहुत सेक्सी और मदहोश करने वाली थी, वो बोला “जानू इतनी मदहोशी तो शराब मे भी न्ही होती जितनी तुम्हारे चूतदों मे है”, फिर उसने अपनी जीव छेड़ के उपर र्खी और और चाटने ल्गा.
वो कुत्ते की तरह चाट रा था और बीच बीच मे माँ के मोटे मोटे चूतदों को दाँतों से काट रा था, उसके दातों के निशान से माँ के माँखन जैसे चूतदों पर लाल निशान पद गये , आधा घंटा उसने माँ के चूतड़ चाट चाट कर लाल कर दिया और उसके थूक से चमक र्हे थे, माँ भी पुर जोश मे आ चुकी थी और अपनी गांद पीछे उसके मूह की तरफ दबा र्ही थी और कह र्ही थी”आहह आअहह फाड़ डालो आज इस गांद को आज ये गांद तुम्हारे हवाले है जैसे मर्ज़ी फडो उउउन्न्नह आअहह, अब उसने देर सारा थूक माँ के चूतदों के छेड़ मे डाला और और 2 उंगलियाँ अंदर घुसा दी और अंदर बाहर करने ल्गा, इससे माँ की गांद अंदर से चिकनी हो गयी, फिर उसने पीछे से अपना लॅंड माँ के चूतड़ के छेड़ के उपर र्खा और उपर ही र्गड़ने ल्गा, उसके लॅंड के सामने माँ की गांद ऐसे थी जैसे चूहे की बिल मे अजगर.
फिर उसने एक धक्का माँरा पर लॅंड अंदर न्ही घुस रा था, उसने तेल की सीशी पकड़ी और अपने लॅंड पे देर सारा सरसों का तेल डाल दिया और मलने ल्गा , 2 मीं मलने के बाद अब उसका लॅंड एकद्ूम चिकना हो गया, अब उसने दोबारा माँ की गांद के उपर अपना लंड र्खा और ज़ोर लगने ल्गा और इक ज़ोरदार धक्का माँरा जिससे उसके लॅंड का टोपा अंदर घुस गया पर माँ को बहुत दर्द हुई और चीख पड़ी और रोने ल्गी, उसको भी बहुत दर्द हुए, अब उसने एक ज़ोर का ढाका माँरा तू उसका लॅंड 5 इंच अंदर घुस गया पर माँ की आँकें बाहर आ गयी,,,,और मूह से चीख भी न्ही निकल पा र्ही थी दर्द मे, चूतदों मे से खून की बूंदे गिरने ल्गी क्यों की गांद फट गयी थी, उसने अपने लॅंड तुरंत बाहर निकल और माँ की चुननी से सॉफ किया और माँ की गाअंड भी सॉफ कर दी, फिर उसने ढेर सारा थूक माँ के चूतदों के छेड़ मे थूका और दोबारा अपना लॅंड अंदर डाला.
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अब उसका लॅंड 5 इंच तो आराम से चला गया, उसने धीरे धीरे 19-20 धक्के ल्गए और फिर एक ज़ोर का झटका माँरा, माँ काँप उठी और आँखों के आयेज अंधेरा आ गया और शरीर एकद्ूम से ठंडा पद गया, अब उसका लॅंड 8 इंच माँ के चूतदों मे था पर अभी भी 4 इंच रहता था, थोड़ी देर मे माँ नॉर्मल हुई और उसने चुदाई शुरू की, उसके ज़ोरदार धक्कों के साथ माँ पूरी हिल र्ही थी, उसका लॅंड अब इतना अंदर था की माँ की टट्टी (शीत) के साथ टच हो रा था, 5 मिनिट तक उसने ऐसे ही बड़ी तेज़ी से नॉर्मल घसे माँरे फिर अचानक रुक गया, अब उसके माँ को डोग्ग्स्त्यले से हटा कर पेट के बाल लैयता दिया, फिर उसने माँ की पतली कमर पकड़ी और पूरा ज़ोर ल्गकर एक धक्का माँरा , उसका लॅंड 10 इंच अंदर चला गया, माँ का मूह खुला ही रह गया और आवाज़ भी न्ही निकली और माँ बेहोश ही गयी, उसको भी बड़ी दर्द हुई पर वो बहुत जोश मे था.
फिर उसने घसे माँरने शुरू किया और बेहोश माँ की गांद चोदने ल्गा, ऐसे लग था घोड़ा बकरी को छोड़ रा है, माँ उसके नीचे बेहोश पड़ी थी और वो माँ के बाल पकड़ कर ज़ोरदार घसे माँर रा था, 2 मीं बाद माँ को होश आई , अब उसका लंड माँ की गांद मे फिट हो गया था और माँ की दर्द कम हो गयी थी, माँ भी अब उसके घासों के साथ मोन कर र्ही थी, उसका लॅंड अब माँ की टट्टी तक पहुँच चुका था, जब उसका लॅंड पूरा अंदर होता तो माँ की नाभि तक पहुँच रा था और उसके धक्कों के साथ माँ का पूरा शरीर हिल रा था, उसने 20 मिनिट तक माँ को बुरी तरह चोदा फिर एकद्ूम से डिसचार्ज हो गया, इतना वीर्या निकाला की गांद से बाहर टपकने ल्गा और पूरा माँ अंदर तक चला गया, अब उसने अपना लॅंड बाहर निकल तो उसमे माँ की बहुत सारी टट्टी और उसका वीरया ल्गा हुआ था, ये देख कर उसे और जोश आया और उसने अपना टट्टी से लथपथ लॅंड माँ के मूह मे डाल दिया.
और बोला “चाट इसे रांड़ पूरा चाट और एकद्ूम सॉफ कर दे, आज तुझे तेरी ही टट्टी खिलाऊँगा” और माँ उसका लॅंड चाटने ल्गी, माँ इतनी हवस मे थी की अपनी टट्टी भी चाट गयी और उसका लंड एकद्ूम सॉफ कर दिया, उसने माँ की गांद इतनी खुली कर दी की सारा अंदर दिखाई दे रा था, फिर उसने अपना लॅंड बाहर निकाला और अपने कपड़े पहन कर अपनी सीट पर सो गया, माँ वही नंगी पेट के बाल पड़ी र्ही, थोड़ी देर बाद माँ ने भी अपने कपड़े पहने और सो गयी, सुबह कानपुर मे हम उतार गये, माँ से ठीक से चला न्ही जेया रा था और बुखार हो गया था, मैने पूछे क्या हुआ तो बोली कुछ न्ही बस फीवर है, जब हम कानपुर से वापस घर आए तो मैने माँ को उनकी चुदाई की वीडियो दिखाई और ब्लॅकमेल किया की पापा को दिखा दूँगा और अपनी चूत मरवाने को कहा , पहले तो माँ ने बहुत ड्रामे किए पर फिर माँन गयी, उस दिन मैने माँ की भोसड़ी पूरी रात माँरी और अंदर ही सब त्यम अपना स्पर्म छोड़ा.
उस दिन के बाद मैं माँ को अपनी मर्ज़ी से चोदता कभी भी, कभी तो जब माँ नहा र्ही होती तो बातरूम मे घुस कर उनकी चूत शेव करता और फिर चोदता, कभी कभी जब माँ किचें मे झाना बना र्ही होती तो पीछे से सलवार उतार के चूतड़ चूस्टा और छोड़ देता, कभी कभी जब माँ सोई होती तो सोती हुई माँ की बर छोड़ देता, कभी कभी तो चोदने के बाद अपना पेशाब भी पिलाता, माँ को भी बहुत मज़ा आता, माँ के चूतड़ मैने छोड़ छोड़ कर तरबूज जैसे मोटे कर दिए और मुममे चूस चूस कर लटका दिए थे,
मैं टाय्लेट करने गया और आते टाइम मैने सोचा माँ को देखता हूँ सो गयी होंगी, मैं माँ के कॅबिन के पास गया पर नॉक न्ही किया ताकि डिस्टर्ब ना हो जाए, डोर पे एक होल था, मैने उससे अंदर धेखा पर, एकद्ूम चोंक गया, माँ ने उस गंजे आदमी का लॅंड अपने मूह मे डाल र्खा था और चूस र्ही थी पर उसका लॅंड 12″ का था और आधा ही माँ के मूह मे जेया रा था और उस आदमी ने माँ के बाल पकड़ र्खे है और माँ के मूह मे लंड घुसा र्खा है, मेरे पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक गयी और मैं सोचने ल्गा की माँ तो बहुत बाड़ी रांड़ है जो ऐसे अंजान आदमी के साथ ल्गी हुई है, पर मैने कुछ किया न्ही बस अपने फोन मे रेकॉर्डिंग शुरू कर दी, अब उसने माँ की कमीज़ उतरी और ब्रा खिच कर उतार दी , माँ के मोटे 38″ के बूब्स आज़ाद हो गये , उसने माँ के निपल मूह मे डाल लिए और चूसने ल्गा और अपने बड़े हाथों से स्क्वीज़ करने ल्गा.
उसके दबाने से नुम्मी के मुममे बहुत टाइट और बड़े हो गये, फिर उसने माँ की पाजामी उतार दी और माँ के गोरे पतीले जैसे चूतड़ दिखने ल्गे, माँ के चूतड़ बहुत मोटे और पीछे को उभरे हुए है, उसने माँ की रेड पनटी खिच कर फाड़ दी और साइड मे फैंक दी, अब उस्नी सीधा अपनी उंगली माँ की गांद मे घुसा दी और बाहर निकल कर चाटने ल्गा और बोला “वाहह,,,बहुत सेक्सी है तुम्हारे चूतड़, अब उसने माँ को डोग्ग्स्त्यले मे बैठाया और अपना लॅंड माँ के चूतदों के बीच र्खा और उपर ही र्गड़ने ल्गा, माँ ये देख कर गभहरा गयी और बोली “ये क्या कर र्हे हो”, वो बोला अभी पीछे से नरम नरम चूतड़ माँरूँगा तुम्हारे, माँ दर गयी और बोली “प्लीज़ चूतड़ मत मरो, चूत चाहे जितनी मर्ज़ी माँर लो क्योंकि मैने पहले कभी न्ही मरवाई पीछे से और तुम्हारा लॅंड भी इतना लंबा है , मेरी चूत को चाहे तुम चियर फाड़ दो पर चूतड़ रहने दो”.
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वो हासणे ल्गा और बोला “मुझे तो गांद माँरने मे ही मज़ा आता है और तुम्हारी गांद माँरना ज़रूरी है क्योंकि इतने बड़े पतीले जैसे चूतड़ होने का क्या फ़ायडा जब किसी को इसका मज़ा न्ही दिया”, माँ बोली “प्लीज़ मेरा छेड़ बहुत छोटा है और तुम्हारा 12 ” का साँप इतना मोटा है की अंदर घुस न्ही पाएगा”, वो मुस्करता हुआ बोला “वो मुझ पर छ्चोड़ दो जानू आज मेरे चोदने के बाद तो तुम्हारी गांद इतनी खुली ही जाएगी की उसमे घोड़े का लॅंड भी घुस जाएगा” और ये कहकर उसने अपने मूह माँ के चूतदों के पीछ घुसा दिया और सूंघने ल्गा, माँ के चूतड़ इतने बड़े है की उसका पूरा मूह बीच मे चुप गया, माँ के चूतदों की महक बहुत सेक्सी और मदहोश करने वाली थी, वो बोला “जानू इतनी मदहोशी तो शराब मे भी न्ही होती जितनी तुम्हारे चूतदों मे है”, फिर उसने अपनी जीव छेड़ के उपर र्खी और और चाटने ल्गा.
वो कुत्ते की तरह चाट रा था और बीच बीच मे माँ के मोटे मोटे चूतदों को दाँतों से काट रा था, उसके दातों के निशान से माँ के माँखन जैसे चूतदों पर लाल निशान पद गये , आधा घंटा उसने माँ के चूतड़ चाट चाट कर लाल कर दिया और उसके थूक से चमक र्हे थे, माँ भी पुर जोश मे आ चुकी थी और अपनी गांद पीछे उसके मूह की तरफ दबा र्ही थी और कह र्ही थी”आहह आअहह फाड़ डालो आज इस गांद को आज ये गांद तुम्हारे हवाले है जैसे मर्ज़ी फडो उउउन्न्नह आअहह, अब उसने देर सारा थूक माँ के चूतदों के छेड़ मे डाला और और 2 उंगलियाँ अंदर घुसा दी और अंदर बाहर करने ल्गा, इससे माँ की गांद अंदर से चिकनी हो गयी, फिर उसने पीछे से अपना लॅंड माँ के चूतड़ के छेड़ के उपर र्खा और उपर ही र्गड़ने ल्गा, उसके लॅंड के सामने माँ की गांद ऐसे थी जैसे चूहे की बिल मे अजगर.
फिर उसने एक धक्का माँरा पर लॅंड अंदर न्ही घुस रा था, उसने तेल की सीशी पकड़ी और अपने लॅंड पे देर सारा सरसों का तेल डाल दिया और मलने ल्गा , 2 मीं मलने के बाद अब उसका लॅंड एकद्ूम चिकना हो गया, अब उसने दोबारा माँ की गांद के उपर अपना लंड र्खा और ज़ोर लगने ल्गा और इक ज़ोरदार धक्का माँरा जिससे उसके लॅंड का टोपा अंदर घुस गया पर माँ को बहुत दर्द हुई और चीख पड़ी और रोने ल्गी, उसको भी बहुत दर्द हुए, अब उसने एक ज़ोर का ढाका माँरा तू उसका लॅंड 5 इंच अंदर घुस गया पर माँ की आँकें बाहर आ गयी,,,,और मूह से चीख भी न्ही निकल पा र्ही थी दर्द मे, चूतदों मे से खून की बूंदे गिरने ल्गी क्यों की गांद फट गयी थी, उसने अपने लॅंड तुरंत बाहर निकल और माँ की चुननी से सॉफ किया और माँ की गाअंड भी सॉफ कर दी, फिर उसने ढेर सारा थूक माँ के चूतदों के छेड़ मे थूका और दोबारा अपना लॅंड अंदर डाला.
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अब उसका लॅंड 5 इंच तो आराम से चला गया, उसने धीरे धीरे 19-20 धक्के ल्गए और फिर एक ज़ोर का झटका माँरा, माँ काँप उठी और आँखों के आयेज अंधेरा आ गया और शरीर एकद्ूम से ठंडा पद गया, अब उसका लॅंड 8 इंच माँ के चूतदों मे था पर अभी भी 4 इंच रहता था, थोड़ी देर मे माँ नॉर्मल हुई और उसने चुदाई शुरू की, उसके ज़ोरदार धक्कों के साथ माँ पूरी हिल र्ही थी, उसका लॅंड अब इतना अंदर था की माँ की टट्टी (शीत) के साथ टच हो रा था, 5 मिनिट तक उसने ऐसे ही बड़ी तेज़ी से नॉर्मल घसे माँरे फिर अचानक रुक गया, अब उसके माँ को डोग्ग्स्त्यले से हटा कर पेट के बाल लैयता दिया, फिर उसने माँ की पतली कमर पकड़ी और पूरा ज़ोर ल्गकर एक धक्का माँरा , उसका लॅंड 10 इंच अंदर चला गया, माँ का मूह खुला ही रह गया और आवाज़ भी न्ही निकली और माँ बेहोश ही गयी, उसको भी बड़ी दर्द हुई पर वो बहुत जोश मे था.
फिर उसने घसे माँरने शुरू किया और बेहोश माँ की गांद चोदने ल्गा, ऐसे लग था घोड़ा बकरी को छोड़ रा है, माँ उसके नीचे बेहोश पड़ी थी और वो माँ के बाल पकड़ कर ज़ोरदार घसे माँर रा था, 2 मीं बाद माँ को होश आई , अब उसका लंड माँ की गांद मे फिट हो गया था और माँ की दर्द कम हो गयी थी, माँ भी अब उसके घासों के साथ मोन कर र्ही थी, उसका लॅंड अब माँ की टट्टी तक पहुँच चुका था, जब उसका लॅंड पूरा अंदर होता तो माँ की नाभि तक पहुँच रा था और उसके धक्कों के साथ माँ का पूरा शरीर हिल रा था, उसने 20 मिनिट तक माँ को बुरी तरह चोदा फिर एकद्ूम से डिसचार्ज हो गया, इतना वीर्या निकाला की गांद से बाहर टपकने ल्गा और पूरा माँ अंदर तक चला गया, अब उसने अपना लॅंड बाहर निकल तो उसमे माँ की बहुत सारी टट्टी और उसका वीरया ल्गा हुआ था, ये देख कर उसे और जोश आया और उसने अपना टट्टी से लथपथ लॅंड माँ के मूह मे डाल दिया.
और बोला “चाट इसे रांड़ पूरा चाट और एकद्ूम सॉफ कर दे, आज तुझे तेरी ही टट्टी खिलाऊँगा” और माँ उसका लॅंड चाटने ल्गी, माँ इतनी हवस मे थी की अपनी टट्टी भी चाट गयी और उसका लंड एकद्ूम सॉफ कर दिया, उसने माँ की गांद इतनी खुली कर दी की सारा अंदर दिखाई दे रा था, फिर उसने अपना लॅंड बाहर निकाला और अपने कपड़े पहन कर अपनी सीट पर सो गया, माँ वही नंगी पेट के बाल पड़ी र्ही, थोड़ी देर बाद माँ ने भी अपने कपड़े पहने और सो गयी, सुबह कानपुर मे हम उतार गये, माँ से ठीक से चला न्ही जेया रा था और बुखार हो गया था, मैने पूछे क्या हुआ तो बोली कुछ न्ही बस फीवर है, जब हम कानपुर से वापस घर आए तो मैने माँ को उनकी चुदाई की वीडियो दिखाई और ब्लॅकमेल किया की पापा को दिखा दूँगा और अपनी चूत मरवाने को कहा , पहले तो माँ ने बहुत ड्रामे किए पर फिर माँन गयी, उस दिन मैने माँ की भोसड़ी पूरी रात माँरी और अंदर ही सब त्यम अपना स्पर्म छोड़ा.
उस दिन के बाद मैं माँ को अपनी मर्ज़ी से चोदता कभी भी, कभी तो जब माँ नहा र्ही होती तो बातरूम मे घुस कर उनकी चूत शेव करता और फिर चोदता, कभी कभी जब माँ किचें मे झाना बना र्ही होती तो पीछे से सलवार उतार के चूतड़ चूस्टा और छोड़ देता, कभी कभी जब माँ सोई होती तो सोती हुई माँ की बर छोड़ देता, कभी कभी तो चोदने के बाद अपना पेशाब भी पिलाता, माँ को भी बहुत मज़ा आता, माँ के चूतड़ मैने छोड़ छोड़ कर तरबूज जैसे मोटे कर दिए और मुममे चूस चूस कर लटका दिए थे,