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पापा माँ कल रात को मैंने एक सपना देखा

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                            मैं INCEST LOVER DESIBEES सेक्स स्टोरीज़ में आपका स्वागत करता हूं।
 हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम बाबूराव है और मेरी बीवी का नाम वन्दना है. उसकी लम्बाई 5.2 और 38-32-38 फिगर है. उसकी उम्र 37 साल है और वो दिखाने में एकदम गोरी चिट्टी है. में मुंबई का रहने वाला हूँ और हमारे दो बच्चे है, लेकिन उस में से एक ही हमारे साथ रहता है और दूसरा मेरी साली के पास रहता है. मेरा बड़ा बेटा भूषण 19 साल का है और एक बड़े कॉलेज में पढ़ता है.
दोस्तों मेरी बीवी अभी भी दिखने में बड़ी ही सेक्सी है, उसका रंग गोरा, बाल लंबे और बहुत काले है. वो ज्यादातर समय साड़ी पहनती है और वो हमेशा आधी बाँह का ब्लाउज और साड़ी को नाभि से 3 इंच नीचे बांधती है क्योंकि उसे उसकी नाभि लोगों को दिखना बहुत अच्छा लगता है और मुझे भी. दोस्तों इस कहानी का असली हीरो मेरा बेटा है जिसने अपनी माँ को अपने दोस्त अनिल के पापा (अमर) से चुदवाया और यह चुदाई हमारे सामने ही हुई. मुझे उस पर नाज़ है कि उसने हम सबको यह करने के लिए समझाया और बहुत मज़ा दिया. तो अमर ने मेरी बीवी वन्दना को मेरे और मेरे घर वालों के सामने नंगी करके जमकर चोदा और हम उसकी इस चुदाई के मज़ा ले रहे थे.
तो एक दिन भूषण ने एक सपना देखा जिसमे उसकी माँ वन्दना को उसके दोस्त के पापा चोद रहे थे और उसके पापा और बाकी घर वाले मज़ा ले रहे थे और वन्दना की बहुत जमकर चुदाई हुई और तभी उसकी नींद खुल गई. तो उसने महसूस किया कि उसका लंड एकदम टाईट था और पूरा बदन पसीने से लथपथ था. उसने अपने लंड को हाथ में पकड़ा और अपनी माँ के नाम से मुठ मारी और सो गया और सुबह उठकर वो अपने कॉलेज चला गया. तो उसने यह बात उसके कॉलेज के दोस्त को बताई.

भूषण ने अपने दोस्त अनिल से कहा कि यार अनिल कल रात को मैंने एक सपना देखा, तो अनिल ने पूछा कि अच्छा बता उसमे तूने ऐसा क्या देखा? तो उसने कहा कि मेरे समझ में नहीं आता कि तुम्हे कैसे बताऊँ? तो अनिल बोला कि बिना झिझक बताओ, फिर भूषण बोला कि यार कल मैंने एक सपना देखा जिसमे मेरी माँ को तेरे पापा चोद रहे थे और मेरा बाप खड़ा खड़ा देख रहा था और मज़े ले रहा था. इतना ही नहीं मेरे दादा, दादी भी मज़े ले रहे थे.
तो अनिल बोला कि क्या यह चुदाई तुम्हारे घर में हो रही थी? और तुम्हारी माँ ने सफेद कलर की पेंटी पहनी हुई थी? जिसे मेरे पापा ने तेरे पापा को उतारने को कहा था. तो भूषण झटसे बोला कि हाँ यार, लेकिन यह सब तुझे कैसे पता? तो अनिल बोला कि दोस्त तुमने और मैंने कल रात शायद एक ही सपना देखा है और मैंने तो यह सपना सुबह देखा और फिर भूषण बोला कि हाँ मैंने भी.
अनिल बोला कि मुझे तो लगता है कि यही भगवान की भी मर्ज़ी है तो भूषण बोला कि भगवान की मर्जी हो या ना हो, लेकिन में अब अपनी माँ को तुम्हारे बाप से चुदवाकर ही रहूँगा. तो अनिल बोला कि लेकिन यह सब कैसे होगा? मेरा बाप काला तवा और तेरी माँ गोरी सुंदर. वो मेरे बाप से क्यों चुदवाएगी और फिर तुम्हारे पापा का क्या? तो भूषण बोला कि तू चिंता मत कर, में एक प्लान बनाता हूँ तू सिर्फ़ वैसा कर. तो अनिल बोला कि में तेरी माँ को मेरे बाप से चुदवाने के लिए कुछ भी करूँगा, लेकिन यार अगर तुम्हारी माँ ने चुदवाने से इनकार किया तो?
भूषण बोला तो हम उसका अपहरण करके चुदवाएँगे और फिर सिर्फ़ चुदाई ही नहीं बल्कि रेप होगा और वो भी दस लोगों से और तू फ़िक्र मत कर तेरे बाप का काला काला लंड मेरी माँ की गुलाबी चूत में जरुर घुसेगा और चल अब में प्लान समझाता हूँ और उसने पूरा प्लान अनिल को समझाया. अनिल अपने घर पर रहता था और उसकी माँ के गुजरने के बाद उसके पापा ने दूसरी शादी नहीं की थी, इसलिए उन्हे जब कभी सेक्स की इच्छा होती तो वो मुठ मारते थे. तो एक दिन उन्हे मुठ मारते हुए अनिल ने रंगे हाथ पकड़ लिया और फिर अमर बहुत शर्मिंदा महसूस करने लगा. तो अनिल बोला कि क्या पापा आप कितने दिन तक मुठ मारोगे? तो अमर बोला कि मुझे माफ़ करना बेटा, लेकिन मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ.
अनिल : तो पापा कोई लड़की या औरत को पटाईये.
अमर : अब इस उम्र में मुझसे कौन पटेगी? में अब 47 साल का हूँ और दिखाने में काला और गंजा हूँ.
अनिल : पापा मेरे एक दोस्त की माँ है आप कहे तो में बात आगे चलाऊँ?
अमर : लेकिन क्या तेरे दोस्त और उसके पापा कुछ नहीं कहेंगे? उन्हे पता चला तो और वो भी क्यों तैयार होगी?
तो अनिल ने पापा को वन्दना की फोटो दिखाई, उस तस्वीर में वन्दना ने नीले कलर की साडी पहनी हुई थी और उसका गोरा पेट और पेट गहरी पर नाभि दिखाई दे रही थी. फिर वन्दना को देखकर अमर की खुश हो गया और अमर बोला कि बेटा, लेकिन इतनी सुंदर औरत मुझसे चुदवाएगी क्या तुम बेवकूफ़ हो? तो अनिल बोला कि लेकिन पापा यह आइडिया मेरे दोस्त भूषण का ही है, अमर एकदम चौंक गया, क्या? हाँ पापा और अनिल ने कहा कि यह आइडिया उसी का है और फिर अनिल ने अमर को पूरी बात बता दी.
अमर बोला कि ठीक है में तैयार हूँ, फिर अनिल ने कहा कि ठीक है, में भूषण को अभी बुलाता हूँ, आप उससे बात कर लीजिए, वो अपने साथ में वन्दना के और भी फोटो लाएगा तो आप ठीक तरह से उसे देख लीजिए. फिर अनिल ने भूषण को फोन करके घर पर बुला लिया और भूषण आ गया. उसने अभी तक अमर को इतनी ठीक तरह से कभी नहीं देखा था. अमर 6 फिट उँचा काला, टकला और एक भद्दा आदमी था, लेकिन वन्दना को ऐसे ही आदमी से चुदते हुए देखने में मज़ा था.
तो अमर ने भूषण से पूछा कि बेटे तुम अपनी माँ को मुझसे क्यों चुदवाना चाहते हो? भूषण ने कहा कि अंकल मुझे सिर्फ़ मेरी माँ को चुदवाना है, लेकिन क्यों यह पता नहीं? और मेरी माँ जैसी सेक्सी रांड को आप जैसा सांड ही चाहिए. तो अमर हंस पड़ा और वो बोला कि ठीक है बेटा में तुम्हारी माँ को चोदने को तैयार हूँ, लेकिन क्या वो तैयार है? और हम तुम्हारे बाप का क्या करेंगे? तो भूषण बोला कि आप मेरे बाप की चिंता मत कीजिए वो मान जाएगा.
फिर अमर बोला कि लेकिन बेटा मैंने तुम्हारी माँ को चोदा तो उसके आगे क्या? उसके बाद और क्या होगा? तो भूषण बोला कि फिर मेरी माँ आपकी रांड बनेगी और आप उसे हमेशा चोदना. में मेरी माँ को पूरी तरह से आपके हवाले करूँगा और फिर आप जो चाहे वो करना उसके साथ और आप चाहे तो उसे भरे बाज़ार में नंगी करो तो भी मुझे कोई आपत्ति नहीं और उसके जैसी छिनाल आईटम को आप जैसा मर्द ही चाहिए. फिर अमर ने कहा कि ठीक है अब मुझे दिखाओ मेरी चिकनी चमेली के फोटो. तो अनिल और भूषण दोनों हंसने लगे, भूषण ने कहा कि अंकल यह हुई ना मर्दो वाली बात. तो अमर ने कहा कि बेटे भूषण जब में तुम्हारी माँ वन्दना की गांड मेरे लंड से चोदूंगा तो वो होगी मर्दो वाली बात और फिर सब हंसने लगे.
फिर भूषण ने कहा कि अंकल मेरी माँ की गांड आपके लंड की राह देख रही है और फटने को बेकरार है, अंकल आपका काला मोटा ताज़ा लंड मेरी माँ की गांड चीर देगा तो बड़ा मज़ा आएगा. तो अमर बोला कि ठीक है भूषण दिखा दे मुझे मेरी चिकनी वन्दना के फोटो. फिर भूषण ने अमर को वन्दना के फोटो दिखाए, अमर ने कहा कि में अपना लंड बाहर निकाल कर फोटो देखूँगा.
वन्दना का पहला फोटो देखकर अमर बोला कि वन्दना डार्लिंग तुम इतने दिन से कहाँ थी? अमर हर फोटो पर कॉमेंट कर रहा था और दोनों हंस रहे थे. वन्दना ने एक फोटो में जीन्स पहनी हुई थी उसे देखकर अमर बोला कि देख अनिल बेटा इस छिनाल ने क्या टाईट जीन्स पहनी है? साली की गांड तो गोल गोल है, मस्त मज़ा आएगा इस कुतिया की गांड मारने में. भूषण बेटा क्या इस छिनाल की गांड तुम्हारे हरामी बाप ने मारी है? तो भूषण बोला कि अंकल इस छिनाल की गांड अभी भी कुंवारी है. अनिल बोला कि तो इस गांड को फाड़ने में बहुत मज़ा आएगा. तो भूषण बोला कि प्लीज तुम दोनों बाप बेटे इसकी गांड जरुर फाड़ दीजिएगा.
फिर सभी फोटो देखने के बाद अमर बोला कि बेटे भूषण तुम्हारा बाप बहुत कमीना है जो ऐसे सेक्स बम को अकेला चोदा. तो भूषण ने कहा कि अमर अंकल अब में मेरी माँ को पूरी तरह से आपके कब्जे में दे दूँगा. तुम मेरे बाप को इसे हाथ भी मत लगाने देना. तो अमर बोला कि ठीक है बेटे, मुझे तुम पर पूरा विश्वास है तुम मेरी वन्दना मुझे जरुर दिला दोगे, भूषण बोला कि ठीक है अंकल.  में अब चलता हूँ मुझे मेरे पापा को भी समझाना है और फिर भूषण वहां से चला गया और भूषण घर पर आकर अपने पापा को समझा रहा था, लेकिन उसका बाप बाबूराव मान नहीं रहा था.
आख़िरकार बाबूराव मान गया और भूषण से बोला ठीक है बेटा में वन्दना की चुदाई उस अमर से करवाने को तैयार हूँ और उसके बाद में वन्दना को उसके हवाले करने को भी तैयार हूँ, मुझे भी बहुत बार ऐसा ही लगता था कि तुम्हारी माँ को दूसरा कोई आदमी चोदे. तुम उसे घर पर बुला लो वो इस बहाने से उसे देखेगा. तो भूषण ने अनिल को फोन किया और कहा कि अनिल तुम अपने बाप को लेकर बाज़ार पहुँचो, वहां पर वन्दना गई हुई है तुम उसे नज़र मत आना सिर्फ़ अमर अंकल से बोलो कि उसको छेड़े और अपना चेहरा उसे दिखाओ. फिर बाबूराव ने बोला कि मुझे उस आदमी की तस्वीर तो दिखाओ, भूषण ने बाबूराव को अमर की फोटो दिखाई उसे देखने के बाद बाबूराव बोला कि यह तो बहुत काला है.तो अमर बोला कि काला है, लेकिन दिलवाला है. वन्दना बहुत अच्छे आदमी की बीवी बनाने वाली है.
बाबूराव बोला कि तो क्या वन्दना अब उसकी बीवी बनेगी? भूषण बोला कि हाँ अब से सिर्फ़ नाम के लिए आपकी बीवी रहेगी, चुदाई और बाकी के काम वही करेंगे और थोड़ी देर में अनिल का फ़ोन आया. उसने भूषण से बात की बाबूराव ने भूषण से पूछा कि क्या हुआ? तो भूषण ने कहा कि उन्होंने माँ को पहले पीछे जाकर गांड पर एक फटका मारा नाभि में उंगली की और गाल पर किस किया. तो बाबूराव बोला कि क्या इतने लोगों के सामने? भूषण बोला कि अब तो सिर्फ़ किस किया आने वाले दिनों में अमर अंकल वन्दना को उसी माल में पब्लिक के सामने नंगी करेंगे और चोदेगें. बाबूराव अब पूरी तरह से समझ गया था और वो अब वन्दना की चुदाई के सपने देख रहा था. उसकी भी बरसो की इच्छा उसका बेटा भूषण पूरा करने वाला था.

बाबूराव ने कहा कि अमर मेरी बीवी वन्दना अब तुम्हारी गुलाम हो चुकी है तुम इसे जिसे चाहे और जहाँ चाहे चुदवा सकते हो. फाड़ दो साली की गांड और अमर ने वन्दना की गांड पर ज़ोर ज़ोर से थप्पड़ जड़ दिए. तो वन्दना बोली कि आप मुझे इतना मार क्यों रहे हो? अमर बोला कि तो क्या तेरी पूजा करूं? छिनाल कहीं की चल हिला साली तेरी गांड, नहीं तो आज फाड़ दूँगा और अमर अपना लंड अंदर बाहर कर रहा था. वन्दना दर्द से चिल्ला रही थी और सभी हंस रहे थे. दोस्तों यही वो सपना था जो भूषण ने देखा था और आज वो पूरा हो गया था. त
भी वन्दना की गांड से खून आने लगा. अमर ने फिर भी गांड में धक्के दिए शायद वन्दना की सील टूट गयी थी और सब लोग तालियां बजा रहे थे. तो अमर ने लंड बाहर निकाला तो वन्दना पेट के बल लेट गई, अमर उसके ऊपर लेट गया. वो दोनों बहुत थक गये थे और आधे घंटे के बाद दोनों की नींद खुली. तो वन्दना बहुत फ्रेश महसूस कर रही थी और आज वो सुहागन बन गयी थी. अमर का काम होते ही उसका बेटा अनिल खड़ा हो गया और उसने भी वन्दना की जमकर चुदाई की और फिर अमर और अनिल बाप बेटे ने मिलकर वन्दना की चुदाई की, अमर ने सबको वन्दना की गांड दिखाई जो की थोड़ी सी फट गयी थी.
फिर वन्दना ने नहाकर साड़ी पहन ली और सब लोग मंदिर चले गये. वहाँ पर अमर ने वन्दना से शादी की, अब वन्दना बाबूराव के साथ अमर की भी बीवी बन गयी थी. अमर ने वन्दना के सामने एक एग्रीमेंट रखा, जिसमे लिखा था कि वन्दना अमर की बीवी है और अमर जिसे कहेगा उससे वो चुदाई के लिए तैयार है. तो वन्दना बोली कि यानी मुझे पूरी रंडी ही बनाना चाहते हो तुम लोग. ठीक है जैसी आप सबकी मर्ज़ी और वन्दना ने एग्रीमेंट पर साइन कर दिया और वन्दना अब पूरी तरह से अमर की हो चुकी थी.

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