"नजदीकियाँ"
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दोस्तों मस्ती करने की उम्र होती है
18 से 21 साल तक। चाहे लड़का हो या लड़की
इस उम्र में सेक्स की तरफ इतने ज्यादा आकर्षित होते हैं कि पूछो मत।
मेरा भी कुछ ऐसा ही हाल था। आज मेरी उम्र 30 साल हैं। जब मैं 18 साल का था तब
मुझे भी कुछ कुछ होता था।
अक्सर रात को मेरा हाथ भी मेरे अंडरवियर के
अंदर चला जाता था। मैं अनजाने में ही काफी काफी देर अपना हथियार (लंड)
सहलाता रहता था।
जवान लड़कियों को देख कर अक्सर तन जाता। फिर रात को
उन्हें याद करके अपना लंड सहलाता।
जिंदगी में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। इन्हीं उतार-चढ़ाव के बीच जिन्दगी चल
रही थी कि एक दिन मेरी जिंदगी में भी सेक्स भरा तूफ़ान आया जिसने मुझे पल
भर में जवान बना दिया।
शादी की रात थी। मेरे चाचा के बेटे की शादी थी। वो भी आई थी बहुत बन-ठन
के। उम्र उसकी भी 18 या 19 साल की ही थी। पर वो मुझ से एक क्लास आगे थी।
नाम था किरण। उसकी खूबसूरती का वर्णन करना लिख कर बताना मुश्किल है-
एक
दम गोरा रंग, कसा हुआ शरीर, तनी हुई चूचियाँ ज्यादा बड़ी नहीं थी पर इतनी
आकर्षक थी कि मेरा लंड उसे देखते ही सलामी देने लगता था।
मैं उसे अपने दिल का हाल बता चुका था पर वो मेरी बात का कोई जवाब नहीं देती थी।
मेरे चाचा की लड़की है सुमन। मैंने सुमन को किरण से बात करने को कहा।
सुमन
मेरी हम-उम्र थी। हम दोनों एक दूसरे से खुल कर बात करते थे। कोई भी बात
नहीं छुपाते थे।
इस लिए मैंने किरण को लेकर अपने दिल की बात सुमन को बता
दी। और उससे मदद भी मांग ली।
शादी की रात नाच-गाना खत्म होने के बाद सब सोने की तैयारी कर रहे थे।
जिसको जहाँ जगह मिली, वो वहीं लेट गया। पर मेरी नजर तो किरण का पीछा कर
रही थी।
तभी सुमन मेरे पास आई और कहा- मैं और किरण ऊपर वाले स्टोर-रूम में सोने
जा रहे हैं, तुम भी वहीं आ जाना।
मुझे मेरा काम बनता नजर आ रहा था। मैं उनसे पहले ही स्टोर में जा कर लेट
गया। तभी खनकती आवाज के साथ किरण और सुमन स्टोर में आई। दोनों किसी बात
पर जोर-जोर से हंस रही थी।
आपको बता दूँ कि सुमन किरण से भी ज्यादा सेक्सी थी। वो ज्यादा गोरी तो
नहीं थी पर उसका फिगर बहुत मस्त था। एक दम तनी हुई ...किरण से बड़ी चूचियाँ
थी सुमन की।
पर क्योंकि वो मेरी चचेरी बहन थी तो कभी उसके बारे में नहीं
सोचा था।
कमरे में आते ही दोनों बातें करने लगी। स्टोर में लाइट तो थी पर मैंने ऑन
नहीं की थी।
सुमन किरण को कह रही थी कि तुमने तो राज (मैं) पर जादू कर
दिया है तुम्हारा दीवाना बना फिरता हैं। तुम हो कि उसे घास ही नहीं
डालती।
किरण बोली- यार, राज पसंद तो मुझे भी है पर एक समस्या है, वो मुझ से उम्र
में छोटा है। कल जब शादी की बात आयेगी तो सब मना कर देंगे।
सुमन : यार तू भी कहाँ शादी तक पहुँच गई, अभी तो प्यार करने की उम्र है
शादी में तो बहुत समय बाकी है।
अभी तो तुम सिर्फ प्यार करो और जिंदगी के
मजे लो।
एक बात बता, अगर राज तुम्हें चूमना चाहे तो तुम करने दोगी?
किरण : सोचना पड़ेगा। अगर तू उसकी इतनी सिफारिश कर रही है तो कल सोचती हूँ
उसके बारे में, अब तो सोने दे। नाच-नाच कर बदन टूट रहा है। एक काम कर,
मेरा बदन ही दबा दे।
इतना सुनते ही सुमन किरण से लिपट गई और दोनों एक दूसरे का बदन दबाने लगी।
जिसे देख कर मेरा बुरा हाल हो रहा था। मैं भी अपने अंडरवियर में हाथ डाल
कर अपना लंड हिलाने लगा।
थोड़ी देर बाद वो दोनो सो गई।
कमरे में बहुत अंधेरा था। हम तीनों की अलावा कमरे में कोई नहीं था।
जब
लगा कि वो सो गई हैं तो मैं उनके बगल में जाकर लेट गया। दोनों लिपट कर सो
रही थी। अँधेरे के कारण पता ही नहीं चल रहा था कि कौन किरण है और कौन
सुमन है।
दोनों एक उम्र की और लगभग एक ही फिगर की थी और आज दोनों ने
कपड़े भी एक जैसे पहने हुए थे।
मैं काफी देर लेटा सोचता रहा, मैं क्या
करूँ क्या ना करूँ !
फिर मैंने हिम्मत करके दोनों में से एक की चूचियों पर हाथ रख दिया।
मुझे
कुछ नंगापन सा महसूस हुआ जब हाथ को पूरा सरका के देखा तो पता लगा कि पूरी
चूची बाहर थी।
जीवन में पहली बार किसी की नंगी चूची को छुआ था। मेरी तो
हालत खराब हो रही थी। पर हिम्मत करके मैंने उस नंगी चूची को सहलाना शुरु
कर दिया।
वो थोड़ा सा कसमसाई पर मैंने चूची को सहलाना चालू रखा क्योंकि मैं अपने पर
काबू नहीं रख पा रहा था।
थोड़ा और नजदीक जाकर मैंने उसके होठों पर उंगली
फेरना शुरू कर दिया।
अचानक उसने मेरी ऊँगली अपने मुँह में ले ली। पहले तो
मैं थोड़ा घबराया पर जब वो मेरी उंगली को चूसने लगी तो मेरा डर निकल गया।
मैंने उसकी चूची जोर जोर से दबानी शुरू कर दी। उसके मुँह से सिसकारियाँ
निकल रही थी।
मैं पूरी मस्ती में था, मैंने आवाज पहचानने की कोशिश भी नहीं की। अगर
करता तो पता चल जाता कि वो किरण नहीं सुमन थी।
पर मैं तो मस्ती में उसकी
चूचियाँ दबा रहा था, वो भी तो मस्त हो कर दबवा रही थी।
मेरी हिम्मत बढ़ी
तो मैंने उसकी चूची को मुँह में ले लिया और चूसने लगा। वो मस्त हुई जा
रही थी और मैं भी मदहोश था, पहली बार किसी की चूची मसल और चूस कर।
अचानक किरण ने अंगडाई ली तो मुझे पता लगा कि जिसे किरण समझ कर में मस्ती
कर रहा था वो मेरी अपनी चचेरी बहन थी। मुझे बहुत शर्म आई और मैं वहाँ से
भाग लिया।
अगली सुबह मुझे बहुत ग्लानि और शर्मिन्दगी महसूस हो रही थी कि मैं अपनी
बहन के साथ ही मस्ती कर रहा था। रह रह कर मुझे उसकी मस्त चूचियों की
चुसाई भी याद आती।
तभी सुमन मेरे पास आई तो मैं कुछ बोल नहीं पा रहा था। सुमन मेरे पास बैठ
गई।
मैं उठ कर जाने लगा तो उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और बैठने के लिए कहा।
मैं चुपचाप किसी चोर के तरह सिर झुका कर बैठ गया।
कहानी जारी है.....