मालिक की मस्तानी बेटी
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दोस्तो बेकारी भी बड़ी अजीब चीज़ होती है आदमी के पास कोई काम नही होता तो उसे लगता है कि अब क्या करे फिर वो कोई भी छोटा मोटा काम करके अपना गुज़ारा करता है पर कभी कभी ये छोटे काम भी कुछ ऐसा कर जाते हैं कि पूछो मत
यह एकदम सच्ची घटना है और मैं उसे उसी तरह लिख रहा हूँ.. जैसे यह घटना मेरे साथ घटी थी।
हुआ यूं कि मेरे घर का खर्चा नहीं चल रहा था तो मैंने एक पार्ट टाईम नौकरी ढूंढनी शुरू की और अखबार के एक एड को देखकर एक बंगले पर पहुँच गया।
सब बात फाइनल हो गई कि शाम 6 बजे से 10 बजे रात तक काम करना होगा और कभी-कभी मुझे 10 के बाद भी रूकना पड़ सकता है।
सेलरी की बात तय हो गई.. और मेरे मालिक ने मेरा परिचय अपने फैमिली मेम्बरों से कराया और बताया कि मैं कम्प्यूटर पर एंट्री का काम करूँगा और साथ ही साथ मैं कार ड्राईव भी करना होगा कभी-2 ।
मैंने भी हाँ कर दी..
यह सुनकर सभी बहुत खुश हुए।
उस घर में रहने वाले मात्र तीन लोग थे, एक बॉस.. उसकी वाईफ और तीसरी सदस्य उसकी बेटी पायल थी।
पायल.. जैसा नाम वैसा ही मन को मोह लेने वाली.. बहुत ही खूबसूरत जिस्म की मालकिन थी।
उस दिन मैं केवल उसके चेहरे की एक झलक ही देख पाया था क्योंकि मेरी हिम्मत ही नहीं हो रही थी कि मैं उससे नजर मिला पाऊँ।
मैंने नौकरी वाली बात अपनी पत्नी को बताई, यह भी बता दिया कि कभी-कभी मुझे घर आने में देर भी हो सकती है।
हालात ऐसे थे कि वाईफ को सहमत होना पड़ा।
दूसरे दिन ठीक शाम को छ: बजे मैं उनके बंगले पर पहुँच गया।
काम निपटाने के बाद मैं जैसे ही घर के लिए निकलने लगा कि बॉस बोल उठे- हम सभी को एक पार्टी में जाना है..
क्या तुम हमारे साथ जाने के लिए तैयार हो?
पहला ही दिन और रूकना.. मेरा गला सूखने लगा।
मना करने की सूरत में हो सकता था कि जॉब चली जाए और न मना करने की सूरत में पहले ही दिन ओवर टाईम करना पड़ सकता था।
खैर.. मैंने फ़ोन पर अपनी पत्नी से यह बात की.. तो उसने भी बेमन से जाने के लिए बोला।
चूंकि मेरा जॉब का पहला दिन था तो मैंने भी थोड़ा फैशनेबल कपड़े पहने हुए थे। जूते वगैरह थोड़े पॉलिश थे इसलिए मुझे कोई परेशानी नहीं हुई थी।
मैं उनके साथ पार्टी में गया। बॉस तो मैचिंग सूट में थे.. मैडम भी किसी से कम न दिखने की होड़ में थीं,
उन्होंने स्टाइलिश नीला गाउन पहना हुआ था.. उसमें वो जानमारू माल लग रही थीं।
पायल ने तो सिम्पल टॉप पहना था लेकिन वो इतना छोटा था कि अगर हल्का सा नीचे झुका जाए.. तो उसके तरबूज आसानी से देखे जा सकते थे और जींस की निक्कर पहन रखी थी।
उस कपड़े में पायल की पूरी काया दिख रही थी। अगर उसे एकदम अँधेरे में भी देखा जाए.. तो उसे अच्छी तरह से देखा जा सकता था
उन्होंने मुझे कार की चाबी पकड़ाई.. मैंने बॉस की तरफ देखते हुए कहा- सर.. ड्राईवर?
‘वो पांच-छ: दिन की छुट्टी पर है.. इसीलिए मैंने तुमसे पहले ही पूछा था कि कार ड्राईव कर लेते हो न?’
मैंने बिना कुछ कहे चाबी उनके हाथ से ली और ड्राईवर सीट पर आकर बैठ गया। साहब और मैम साहब पीछे की सीट पर बैठ गए और पायल मेरे बगल वाली सीट पर बैठ गई।
एक बार तो मेरी नजर उसकी गोरी-गोरी मखमली टांगों पर चली गई.. पर फिर खुद पर काबू करते हुए मैंने उनके लोकेशन बताने के बाद गाड़ी स्टार्ट कर दी।
दो ही मिनट बीते होंगे कि कानों में साहब और मैम साहब की बातें जो पार्टी के बारे में बात कर रही थीं.. हालाँकि वो दोनों काफी धीरे-धीरे बातें कर रहे थे.. फिर भी मुझे लगने लगा कि आज रात मुझे देर हो जाएगी।
अब हो जाएगी तो हो जाएगी।
अचानक गाड़ी चलाते हुए मेरी नजर बैक मिरर पर गई। मिरर में देखा कि साहब का एक हाथ मेम साहब के बाएँ चूचे को दबा रहा था.. और दूसरा हाथ उनकी जांघ को सहला रहा था और दोनों ही काफी खुश नजर आ रहे थे।
लोकेशन पर पहुँचने से पहले पायल ने एक बार भी पीछे मुड़ कर नहीं देखा और न ही उनसे बात करने की कोशिश की।
मुझे लगा कि पायल इन बातों को जानती थी.. इसलिए उसे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। वो केवल अपने कानों में ईयर फोन लगा कर गाने सुनने में मस्त थी।
खैर.. हम लोग पार्टी वाली लोकेशन पर पहुँच गए।
वहाँ से तीनों उतर कर अन्दर चले गए.. किसी ने मुझसे अन्दर चलने के लिए बोला भी नहीं.. इसीलिए मैं वहीं पर अकेला रह गया।
रात के करीब 2 बज चुके थे और घर से बार-बार फोन आ रहा था। मैं अब न इधर का और न उधर का था।
नौकरी के पहले दिन कुछ गड़बड़ न हो.. सो मैंने अपने मालिक की बात रख ली..
पर अब मुझे लगने लगा कि मैं अगर यहाँ काम करूँगा तो फंस जाऊँगा।
इसलिए मैंने काम छोड़ने का फैसला कर लिया और उनको चाभी पकड़ाने अन्दर जा ही रहा था कि बाहर पायल को आते हुए देखा।
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दोस्तो बेकारी भी बड़ी अजीब चीज़ होती है आदमी के पास कोई काम नही होता तो उसे लगता है कि अब क्या करे फिर वो कोई भी छोटा मोटा काम करके अपना गुज़ारा करता है पर कभी कभी ये छोटे काम भी कुछ ऐसा कर जाते हैं कि पूछो मत
यह एकदम सच्ची घटना है और मैं उसे उसी तरह लिख रहा हूँ.. जैसे यह घटना मेरे साथ घटी थी।
हुआ यूं कि मेरे घर का खर्चा नहीं चल रहा था तो मैंने एक पार्ट टाईम नौकरी ढूंढनी शुरू की और अखबार के एक एड को देखकर एक बंगले पर पहुँच गया।
सब बात फाइनल हो गई कि शाम 6 बजे से 10 बजे रात तक काम करना होगा और कभी-कभी मुझे 10 के बाद भी रूकना पड़ सकता है।
सेलरी की बात तय हो गई.. और मेरे मालिक ने मेरा परिचय अपने फैमिली मेम्बरों से कराया और बताया कि मैं कम्प्यूटर पर एंट्री का काम करूँगा और साथ ही साथ मैं कार ड्राईव भी करना होगा कभी-2 ।
मैंने भी हाँ कर दी..
यह सुनकर सभी बहुत खुश हुए।
उस घर में रहने वाले मात्र तीन लोग थे, एक बॉस.. उसकी वाईफ और तीसरी सदस्य उसकी बेटी पायल थी।
पायल.. जैसा नाम वैसा ही मन को मोह लेने वाली.. बहुत ही खूबसूरत जिस्म की मालकिन थी।
उस दिन मैं केवल उसके चेहरे की एक झलक ही देख पाया था क्योंकि मेरी हिम्मत ही नहीं हो रही थी कि मैं उससे नजर मिला पाऊँ।
मैंने नौकरी वाली बात अपनी पत्नी को बताई, यह भी बता दिया कि कभी-कभी मुझे घर आने में देर भी हो सकती है।
हालात ऐसे थे कि वाईफ को सहमत होना पड़ा।
दूसरे दिन ठीक शाम को छ: बजे मैं उनके बंगले पर पहुँच गया।
काम निपटाने के बाद मैं जैसे ही घर के लिए निकलने लगा कि बॉस बोल उठे- हम सभी को एक पार्टी में जाना है..
क्या तुम हमारे साथ जाने के लिए तैयार हो?
पहला ही दिन और रूकना.. मेरा गला सूखने लगा।
मना करने की सूरत में हो सकता था कि जॉब चली जाए और न मना करने की सूरत में पहले ही दिन ओवर टाईम करना पड़ सकता था।
खैर.. मैंने फ़ोन पर अपनी पत्नी से यह बात की.. तो उसने भी बेमन से जाने के लिए बोला।
चूंकि मेरा जॉब का पहला दिन था तो मैंने भी थोड़ा फैशनेबल कपड़े पहने हुए थे। जूते वगैरह थोड़े पॉलिश थे इसलिए मुझे कोई परेशानी नहीं हुई थी।
मैं उनके साथ पार्टी में गया। बॉस तो मैचिंग सूट में थे.. मैडम भी किसी से कम न दिखने की होड़ में थीं,
उन्होंने स्टाइलिश नीला गाउन पहना हुआ था.. उसमें वो जानमारू माल लग रही थीं।
पायल ने तो सिम्पल टॉप पहना था लेकिन वो इतना छोटा था कि अगर हल्का सा नीचे झुका जाए.. तो उसके तरबूज आसानी से देखे जा सकते थे और जींस की निक्कर पहन रखी थी।
उस कपड़े में पायल की पूरी काया दिख रही थी। अगर उसे एकदम अँधेरे में भी देखा जाए.. तो उसे अच्छी तरह से देखा जा सकता था
उन्होंने मुझे कार की चाबी पकड़ाई.. मैंने बॉस की तरफ देखते हुए कहा- सर.. ड्राईवर?
‘वो पांच-छ: दिन की छुट्टी पर है.. इसीलिए मैंने तुमसे पहले ही पूछा था कि कार ड्राईव कर लेते हो न?’
मैंने बिना कुछ कहे चाबी उनके हाथ से ली और ड्राईवर सीट पर आकर बैठ गया। साहब और मैम साहब पीछे की सीट पर बैठ गए और पायल मेरे बगल वाली सीट पर बैठ गई।
एक बार तो मेरी नजर उसकी गोरी-गोरी मखमली टांगों पर चली गई.. पर फिर खुद पर काबू करते हुए मैंने उनके लोकेशन बताने के बाद गाड़ी स्टार्ट कर दी।
दो ही मिनट बीते होंगे कि कानों में साहब और मैम साहब की बातें जो पार्टी के बारे में बात कर रही थीं.. हालाँकि वो दोनों काफी धीरे-धीरे बातें कर रहे थे.. फिर भी मुझे लगने लगा कि आज रात मुझे देर हो जाएगी।
अब हो जाएगी तो हो जाएगी।
अचानक गाड़ी चलाते हुए मेरी नजर बैक मिरर पर गई। मिरर में देखा कि साहब का एक हाथ मेम साहब के बाएँ चूचे को दबा रहा था.. और दूसरा हाथ उनकी जांघ को सहला रहा था और दोनों ही काफी खुश नजर आ रहे थे।
लोकेशन पर पहुँचने से पहले पायल ने एक बार भी पीछे मुड़ कर नहीं देखा और न ही उनसे बात करने की कोशिश की।
मुझे लगा कि पायल इन बातों को जानती थी.. इसलिए उसे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। वो केवल अपने कानों में ईयर फोन लगा कर गाने सुनने में मस्त थी।
खैर.. हम लोग पार्टी वाली लोकेशन पर पहुँच गए।
वहाँ से तीनों उतर कर अन्दर चले गए.. किसी ने मुझसे अन्दर चलने के लिए बोला भी नहीं.. इसीलिए मैं वहीं पर अकेला रह गया।
रात के करीब 2 बज चुके थे और घर से बार-बार फोन आ रहा था। मैं अब न इधर का और न उधर का था।
नौकरी के पहले दिन कुछ गड़बड़ न हो.. सो मैंने अपने मालिक की बात रख ली..
पर अब मुझे लगने लगा कि मैं अगर यहाँ काम करूँगा तो फंस जाऊँगा।
इसलिए मैंने काम छोड़ने का फैसला कर लिया और उनको चाभी पकड़ाने अन्दर जा ही रहा था कि बाहर पायल को आते हुए देखा।