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औरतों की दूध की टंकियाँ

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औरतों की दूध की टंकियाँ
इस कहानी का लेखक मैं नहीं हूं. मैंने इसमें केवल कुछ संशोधन किये हैं. तो प्रस्तुत है :
मेरा नाम प्रेम है और मैं मेरी माँ सरोजा, जिनकी उम्र 32 साल है उनके साथ रहता हूँ.

मेरी मम्मी और मुझमे एक अनोखा रिश्ता है. मेरी मम्मी मुझे इस उम्र में भी अपना दूध पिलाती हैं.माँ चाहती थी की उनके चार-पांच बच्चे हो और वो बहुत सालों तक उन्हें स्तनपान कराती रहे पर उनको सिर्फ एक औलाद ही पैदा हुई. पर मम्मी की स्तनपान करने की इच्छा बहुत मज़बूत निकली और उन्होंने मुझसे अपने स्तनों का दूध नहीं छुड़वाया बल्कि समय के साथ उनके स्तनों में दूध का उत्पादन बढ़ता गया.

मेरी माँ एक बहुत मोटी औरत हैं. उनके पूरे बदन पे वसा की बड़ी-बड़ी परतें जमी हैं. माँ के बदन को ढकने के लिए माँ को बदन ढकने के लिए अबद्ध आकर के वस्त्रों की ज़रुरत पड़ती है. माँ अपने भारी स्तनों को समाने के लिए 48-HH कप की चोली पहनती हैं. घर में मम्मी चोली नहीं पहनती पर स्तनों को ठीक से ढकने के लिए उन्हें बहुत बड़ी ब्लाउज की आवश्यकता पड़ती है
माँ के स्तनों ने हमेशा से दूध की भारी मात्रा का उत्पादन किया है.

मेरी माँ का दूध न केवल मेरी पोषण की मांग को संतुष्ट करता था जब मैं 1 साल से छोटा था, बल्कि मेरी उम्र में वृद्धि के साथ, माँ ने अपने दूध से बने खाने के सामान मुझे देने शुरू कर दिए और इस पूरे समय मुझे ज्यादा-ज्यादा देर तक स्तनपान करवाती रही.मैं एक बच्चा हूँ.मैं कैसे आनंद नहीं लेता

स्तनपान का , माँ के दूध के मीठे स्वाद का , माँ की चूचियां चूसने का ?तो मैंने स्तनपान जारी रखा और माँ ने मुझसे दूध नहीं छुड्वाया , जिसके परिणामस्वरूप.मैं अभी भी माँ का दूध पीता हूँ. माँ का दूध अभी भी मेरे पोषण का प्रमुख भाग प्रदान करता है.

यह नाश्ते का समय था. नाश्ते की मेज़ पतली पर चौड़ी थी और उसके दोनों तरफ एक कुर्सी लगी थी. मकई के फ्लेक से भरा कटोरा, एक लीटर का खाली जग और बौर्न्विता की शीशी मेज़ पर राखी हुई थी.

मम्मी आकर कुर्सी पर बैठ गयी और मुझे वहां पर मौजूद नहीं देखकर जोर से बोली, " कहाँ है प्रेम? जल्दी आ."

मैंने कमरे में घुसते हुए कहा, " नहा रहा था, मम्मी ." मैं लाल टी-शर्ट और काले हाफ पैंट में था. मम्मी काली साड़ी और काले ब्लाउज में थी. मैं मम्मी के सामने वाली कुर्सी पे बैठ गया. माँ स्पष्ट रूप से असहज महसूस कर रही थी.उसने मुझे गुस्से के संकेत के साथ कहा, "तुम अपनी माँ के बारे में बिलकुल भी चिन्तित नहीं हो."

मैंने कहा, "आप क्या कह रही हैं, माँ?"

माँ ने कहा, "मेरे स्तनों अत्यधिक दूध के दबाव से फट जाने के कगार पर हैं, और तुम शॉवर में समय ले रहे हैं. मेरा ब्लाउज मेरे भारी स्तनों के वजन को झेलने में असमर्थ है."

मैंने मजाक में कहा, "तो यह समय आपके स्तनों को ब्लाउज के बाहर निकालने का है ."

माँ ऐसे बैठी थी कि उनके विशाल स्तन मेज पर फैल गए थे .मेरे हाथ उनके स्तनों को छूने के लिए आगे बढे .मैंने एक-एक स्तन पर एक हथेली रखी और उन्हें सहलाने लगा. माँ ने बेचैनी के साथ कहा, "बेटा, पहले थोडा दूध पीकर स्तनों से दवाब हटाओ, फिर तुम आराम से इन्हें सहला सकते हो. मेरा ब्लाउज खोलो और मेरा दूध चूसना शुरू करो." उन्होंने मेज से अपने स्तनों को उठा लिया और मैं नीचे से उनके ब्लाउज हुक खोलने लगा लगा. के बाद मैं माँ के ब्लाउज के तीन हुक खोलने के बाद मैंने उनका ब्लाउज स्तनों के ऊपर उठाकर उनके दूध से लदे भारी स्तनों को उघाड़ दिया.

ब्लाउज़ के स्तनों के ऊपर उठते ही मम्मी के स्तन झटके से टेबल पर गिर गए. मम्मी बहुत गोरी हैं और मम्मी के स्तन भी दूध की तरह उजले हैं. मम्मी की चूचियां और चूचियों के आस-पास का घेरा हलके भूरे रंग की हैं. मम्मी की चूचियां आम तौर पर 1 इंच लम्बी और 3 / 4 इंच मोटी हैं, पर अभी स्तनों के दूध से लबालब भरे होने के कारण सूज कर और भी बड़ी दिख रही थी.

माँ ने बांये हाथ से अपने बांये स्तन को इस तरह उठाया कि बांयी चूची बिलकुल मेरे होठों के सामने आ गयी. मैंने झट से आगे बढ़कर माँ की चूची को होठों के बीच में पूरी तरह घेरा और धीरे-धीरे चूची को होठों के बीच में लिए हुए ही पूरा खींचा. इधर माँ के स्तन से दूध कि धार निकल कर मेरे मुंह में गिरने लगी और उधर माँ के मुंह से कराह निकली.

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